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Rajasthan Political Crisis: 76 विधायकों ने दिए इस्तीफे, इन विधायकों पर हो सकती है कार्रवाई - विधायक दल की बैठक

राजस्थान में राजनीतिक संकट (Rajasthan Political Crisis) सुलझने की बजाय उलझता ही जा रहा है. दिल्ली से जयपुर आए कांग्रेस पर्यवेक्षकों अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ सीएम अशोक गहलोत और विधायकों के बीच बातचीत में सहमति नहीं बनी. रविवार को कुल 76 विधायकों ने अपने इस्तीफे (Congress MLA resignation) स्पीकर सीपी जोशी को सौंप दिए हैं.

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Published : Sep 26, 2022, 7:35 AM IST

Updated : Sep 26, 2022, 9:31 AM IST

जयपुर. राजस्थान की राजनीति (Rajasthan Politics) के लिए रविवार 25 सितंबर का दिन इतिहास में लिखा जा चुका है. ऐसा कभी नहीं हुआ कि किसी पार्टी के विधायकों ने मुख्यमंत्री के चेहरे पर आपत्ति दर्ज करते हुए इस्तीफे दे दिए हो. बहरहाल, सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की बात को विधायकों ने साफ तौर पर नकार दिया है. ऐसे में जैसे ही सचिन पायलट का नाम आया, विधायकों ने शांति धारीवाल के घर पर बैठक की और उसके बाद अपने इस्तीफे (Congress MLA resignation) विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी को सौंप दिए.

बता दें, कुल 76 विधायकों ने अपने इस्तीफे स्पीकर सीपी जोशी को सौंप (Congress MLA resignation) दिए हैं. विधायकों ने साफ कह दिया है कि यदि 2020 में सरकार गिराने का प्रयास करने वाले किसी भी नेता को राजस्थान का मुख्यमंत्री (rajasthan cm) बनाने का प्रयास होगा तो उसे विधायक बर्दाश्त नहीं करेंगे. भले ही इसके लिए उनकी सदस्यता ही क्यों न जाए.

76 विधायकों ने दिए इस्तीफे

पढ़ें- गहलोत खेमे की बगावत: स्पीकर को सौंपा इस्तीफा, नहीं हो पाई विधायक दल की बैठक

पढ़ें- बगावत के संकेत: गहलोत खेमे का प्रस्ताव, पायलट को छोड़ किसी को भी बना दें CM, धारीवाल के घर जुटे 56 से ज्यादा MLA

हो सकती है कुछ विधायको पर कार्रवाई- राजस्थान में जिस तरह से कांग्रेस विधायकों ने बगावत की है, उसके बाद कांग्रेस आलाकमान भी नाराज हो गया है. यही कारण है कि कुछ विधायकों पर इसकी गाज भी गिर सकती है. कहा जा रहा है कि इस्तीफा (Congress MLA resignation) देने के लिए अग्रिम पंक्ति में दिखाई देने वाले विधायकों पर आलाकमान कार्रवाई कर सकता है. ऐसे में आज का दिन काफी महत्वपूर्ण होने जा रहा है.

पढ़ें- Rajasthan Politics: माकन चाहते थे अभी हो बात, गहलोत खेमा अड़ा...19 अक्टूबर से पहले नहीं करेंगे बात

पढ़ें- Rajasthan Political Crisis : विधायक इस नियम के तहत दें इस्तीफा तो स्पीकर कर सकता है मंजूर

अब नहीं होगी 19 से पहले कोई बातचीत- विधायकों ने कांग्रेस आलाकमान के सामने यह साफ कह दिया है कि जब तक कांग्रेस का नया अध्यक्ष नहीं चुन लिया जाता है तब तक वह कांग्रेस आलाकमान से कोई बातचीत नहीं करेंगे. ऐसे में रविवार को विधायक दल की बैठक (congress legislature party meeting) नहीं हो पाई. पर्यवेक्षक मलिकार्जुन खड़गे और प्रभारी अजय माकन को बिना विधायकों के बैठक लिए ही वापस लौटना पड़ सकता है. अगर ऐसा हुआ तो फिर कुछ विधायकों पर कार्रवाई जरूर होगी.

जयपुर. राजस्थान की राजनीति (Rajasthan Politics) के लिए रविवार 25 सितंबर का दिन इतिहास में लिखा जा चुका है. ऐसा कभी नहीं हुआ कि किसी पार्टी के विधायकों ने मुख्यमंत्री के चेहरे पर आपत्ति दर्ज करते हुए इस्तीफे दे दिए हो. बहरहाल, सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की बात को विधायकों ने साफ तौर पर नकार दिया है. ऐसे में जैसे ही सचिन पायलट का नाम आया, विधायकों ने शांति धारीवाल के घर पर बैठक की और उसके बाद अपने इस्तीफे (Congress MLA resignation) विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी को सौंप दिए.

बता दें, कुल 76 विधायकों ने अपने इस्तीफे स्पीकर सीपी जोशी को सौंप (Congress MLA resignation) दिए हैं. विधायकों ने साफ कह दिया है कि यदि 2020 में सरकार गिराने का प्रयास करने वाले किसी भी नेता को राजस्थान का मुख्यमंत्री (rajasthan cm) बनाने का प्रयास होगा तो उसे विधायक बर्दाश्त नहीं करेंगे. भले ही इसके लिए उनकी सदस्यता ही क्यों न जाए.

76 विधायकों ने दिए इस्तीफे

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हो सकती है कुछ विधायको पर कार्रवाई- राजस्थान में जिस तरह से कांग्रेस विधायकों ने बगावत की है, उसके बाद कांग्रेस आलाकमान भी नाराज हो गया है. यही कारण है कि कुछ विधायकों पर इसकी गाज भी गिर सकती है. कहा जा रहा है कि इस्तीफा (Congress MLA resignation) देने के लिए अग्रिम पंक्ति में दिखाई देने वाले विधायकों पर आलाकमान कार्रवाई कर सकता है. ऐसे में आज का दिन काफी महत्वपूर्ण होने जा रहा है.

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अब नहीं होगी 19 से पहले कोई बातचीत- विधायकों ने कांग्रेस आलाकमान के सामने यह साफ कह दिया है कि जब तक कांग्रेस का नया अध्यक्ष नहीं चुन लिया जाता है तब तक वह कांग्रेस आलाकमान से कोई बातचीत नहीं करेंगे. ऐसे में रविवार को विधायक दल की बैठक (congress legislature party meeting) नहीं हो पाई. पर्यवेक्षक मलिकार्जुन खड़गे और प्रभारी अजय माकन को बिना विधायकों के बैठक लिए ही वापस लौटना पड़ सकता है. अगर ऐसा हुआ तो फिर कुछ विधायकों पर कार्रवाई जरूर होगी.

Last Updated : Sep 26, 2022, 9:31 AM IST
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