जयपुर. अपराध हो या कोई आपात स्थिति, पुलिस मौके पर तुरंत पहुंचे तो आमजन को बड़ी राहत मिलती है. ऐसे में किसी भी प्रकार की आपात स्थिति होने पर तत्काल प्रभाव से मौके पर पहुंचने के लिए राजस्थान पुलिस ने नवाचार किया है. इसके तहत 'फर्स्ट रेस्पोंस व्हीकल' लॉन्च की गई हैं. ये गाड़ियां आधुनिक मोबाइल डाटा टर्मिनल कैमरा, एनवीआर वायरलैस सेट, जीपीएस पब्लिक एड्रेस सिस्टम जैसी कई खूबियों से लैस है. इसके साथ ही दुर्घटना जैसी आपात स्थिति में मदद के लिए फर्स्ट एड बॉक्स, स्ट्रेचर और अन्य आपातकालीन उपकरणों से भी इसे लैस किया गया है.
फिलहाल प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों के लिए 100 गाड़ियों को रवाना किया गया है. आने वाले दिनों में प्रदेशभर में ऐसी 300 गाड़ियां और सड़कों पर दौड़ेंगी. वर्तमान में जयपुर कमिश्नरेट, जोधपुर कमिश्नरेट, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अजमेर, भीलवाड़ा, कोटा शहर, उदयपुर और बीकानेर जिले में ऐसी 100 गाड़ियों को तैनात किया गया है. आगामी दिनों में 300 और ऐसी गाड़ियां पुलिस को दी जाएंगी. बताया जा रहा है कि 20 सितंबर से 20 अक्टूबर के बीच पुलिस को 300 फर्स्ट रेस्पोंस व्हीकल सुपुर्द किए जाएंगे. जिन्हें प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में तैनात किया जाएगा. बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बजट भाषण में पुलिस को 500 फर्स्ट रेस्पोंस वाहन मुहैया करवाने की घोषणा की थी.
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अभय कमांड कंट्रोल सेंटर और 112 से जुड़ी रहेंगी : यह फर्स्ट रेस्पोंस व्हीकल अत्याधुनिक तकनीक की मदद से अभय कमांड कंट्रोल सेंटर्स और ईआरएस डायल 112 हेल्पलाइन से जुड़ी रहेंगी. इनकी रियल टाइम लोकेशन को इसमें लगे जीपीएस के जरिए ट्रैक किया जा सकेगा. जैसे ही कोई इमरजेंसी होने पर आमजन हेल्पलाइन 112 पर कॉल करेगा. फर्स्ट रेस्पोंस व्हीकल को तुरंत लोकेशन पर भेजा जा सकेगा. ऐसे में जो वाहन लोकेशन के सबसे नजदीक होगा. उसे मौके पर भेजा जाएगा.
प्रदेशभर में 2500 गाड़ियों की दरकार: सीएम गहलोत : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि फिलहाल 100 फर्स्ट रेस्पोंस व्हीकल शुरू किए गए हैं. जो हेल्पलाइन 112 से जुड़कर काम करेंगी. यह प्रयोग राजस्थान में बहुत कामयाब होगा. इसमें गाड़ियों की संख्या लगातार बढ़ाई जाएगी. 500 गाड़ियों की घोषणा पहले और 500 गाड़ियों की घोषणा इस बजट में की है. अब पुलिस की मांग 1500 गाड़ियां और देने की है. जिसे भी समय आने पर पूरा किया जाएगा. प्रदेश भर में ऐसी 2500 गाड़ियां होंगी तब यह योजना प्रदेश में कारगर साबित होगी.