जयपुर. राजस्थान में राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा एक बार फिर राजस्थान की गहलोत सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं. इस बार किरोड़ी लाल मीणा ने जेजेएम योजना के तहत 20 हजार करोड़ के टेंडर देने में मंत्री महेश जोशी और विभाग के एसीएस सुबोध अग्रवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. जैसे ही किरोड़ी लाल मीणा इस मामले में एफआईआर दर्ज करवाने थाने में पहुंचें. वहीं जलदाय मंत्री महेश जोशी भी सामने आए और उन्होंने सिरे से उनपर लगे आरोपों को नकार दिया. उन्होंने इसे सांसद किरोड़ी लाल मीणा की झूठे आरोप लगाने की फितरत बताया. उन्होंने किरोड़ी लाल मीणा पर उन्हें पॉलिटिकल ब्लैकमेल कर दबाव बनाने के आरोप लगाए हैं. साथ ही यह भी कहा कि वह इस मामले में मानहानि का मामला दर्ज कराने के लिए राय ले रहे हैं.
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FIR बिना दस्तावेजों के कैसे होगी दर्जः मंत्री महेश जोशी ने कहा कि क्या मौखिक रूप से आरोप लगाकर मैं करवा सकता हूं किसी केंद्रीय मंत्री पर एफआईआर. किरोड़ी लाल मीणा की एफआईआर दर्ज नहीं होने के मामले में महेश जोशी ने कहा कि जो आरोप लगाने वाला व्यक्ति होता है. उसमें भी गंभीरता होनी चाहिए कि वो क्या आरोप लगा रहे हैं. जोशी ने कहा कि जेजेएम में टेंडर तय करने की प्रक्रिया में मंत्री की कोई भूमिका नहीं होती. आज केंद्र सरकार में कोई गलत काम हो जाए और मैं किसी केंद्रीय मंत्री पर आरोप लगाऊं और जुबानी तौर पर आरोप लेकर थाने में जाकर एफआईआर दर्ज करवाने पहुंचूं तो क्या थाने वाले यह नहीं सोचेंगे कि FIR दर्ज करें या नहीं.
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हर जांच में सहयोग के लिए तैयार हैं हमः अगर fir दर्ज होने लायक हैं, तो दर्ज करें और जांच करें हम किसी जांच से नहीं डर रहे. उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की जांच जेजेएम के काम की हो तो हमे स्वीकार्य है. हर जांच में सहयोग करने को हम तैयार हैं लेकिन कोई तथ्य तो होने चाहिए. जोशी ने कहा कि जिस टेंडर प्रक्रिया की वह बात कर रहे हैं मेरी और एसीएस की उसमें कोई भूमिका ही नहीं है. टेंडर भी विभिन्न जांच प्रक्रिया के बाद ही फाइनल होता है. फिर भी कोई कमी रहती है तो जांच होती है. अगर कोई हमें शिकायत देगा तो हम फिर भी जांच करवाने को तैयार हैं.
जानता हूं क्यों नाराज हैं किरोड़ी लाल मीणाः मंत्री महेश जोशी ने कहा कि 20 हजार करोड़ के जो टेंडर देने थे. वह टेंडर हम जनवरी में ही निरस्त कर चुके हैं. अब किरोड़ी लाल मीणा आरोप लगा रहे हैं. इसका मतलब या तो यह उनको यह सुहा नहीं रहा है कि टेंडर क्यों निरस्त किए गए, या फिर अब जो टेंडर हो रहे हैं उसके लिए वह दबाव बनाना चाहते हैं. उनके मन में कोई न कोई बात जरूर है. महेश जोशी ने कहा कि केंद्र सरकार उनकी है. केंद्र का ही जेजेएम मिशन है और एनजेजेएम ( राष्ट्रीय जल जीवन मिशन) ने कोई आपत्ति नहीं की और किरोड़ी लाल मीणा उस पर आपत्ति कर रहे हैं. इसका मतलब साफ है कि किरोड़ी लाल मीणा अब अपनी ही केंद्र सरकार के खिलाफ जा रहे हैं.
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किरोड़ी लाल मीणा किसी की नहीं सुनतेः मंत्री महेश जोशी ने कहा कि यह किरोड़ी लाल मीणा की प्रवृत्ति है कि वह किसी की नहीं सुनते. जो उनके स्वार्थों की पूर्ति करे उस बात को ही वह हमेशा प्राथमिकता देते हैं. जोशी ने कहा कि जब 20,000 करोड़ का टेंडर हमने दिया ही नहीं और अब तक कुल साढे़ 16 हजार करोड़ के ही काम हमने करवाए हैं, तो फिर आरोप किस बात के लग रहे हैं. उन्होंने कहा कि या तो किरोड़ी लाल मीणा उन फर्मों को काम दिलवाना चाहते थे, जिनके टेंडर हमने निरस्त किए या फिर वह अब दोबारा आने वाले टेंडर में किसी को काम किसी को दिलवाना चाहते हैं.
सोच रहा हूं मानहानि के दावे कीः महेश जोशी ने कहा कि सच्चाई को न तो दबाया जा सकता है न छिपाया जा सकता है. सच्चाई सामने आ जाएगी. यह पॉलिटिकल ब्लैक मेलिंग है. जिसके जरिये कि किरोड़ी लाल मीणा हम पर दबाव बना रहे हैं. जोशी ने कहा कि मैं हमेशा सुचिता की राजनीति करता हूं और अगर कोई आरोप प्रारंभिक तौर पर भी मुझ पर पाए जाएंगे तो मैं खुद ही अपने आप को सजा दे दूंगा. किसी को मुझे कुछ कहना नहीं पड़ेगा. जोशी ने कहा कि इस मामले में अगर मानहानि का मुकदमा अगर बनता है तो मैं वह भी करूंगा.
तो राजनीति से संन्यास ले लूंगा-किरोड़ी लाल मीणाः जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद मंत्री महेश जोशी ने किरोड़ी लाल मीणा पर टेंडर लेने का आरोप लगाया था. जोशी के आरोपों पर पलटवार करते हुए राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि अगर महेश जोशी यह कहते हैं कि मैं किसी को टेंडर दिलाना चाहता हूं और उसके लिए दबाव बना रहा हूं तो उसकी जांच हो. अगर जांच में मैं दोषी पाया जाता हूं तो मैं राजनीति से संयास ले लूंगा. मीणा ने कहा कि हमने तथ्यों के साथ में अपनी शिकायत दर्ज कराई है. उसकी जांच निष्पक्षता के साथ करा लें. दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. मीणा ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पुलिस थाने में हर फरियादी की एफआईआर दर्ज होती है, लेकिन 4 घंटे से ज्यादा हो गए राज्यसभा का सांसद हाईकोर्ट का वकील और नेता प्रतिपक्ष अशोक नगर थाने पर बैठे हैं. उनकी FIR दर्ज नहीं की जा रही है. मीणा ने कहा कि धरना जब तक जारी रहेगा जब तक की एफआईआर दर्ज नहीं हो जाती.