जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राजकीय सेवा में रहते हुए मृत्यु होने पर अविवाहित सरकारी कर्मचारी के विवाहित भाई को अनुकंपा नियुक्ति नहीं देने पर शिक्षा विभाग और कार्मिक विभाग को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस अनिल उपमन की खंडपीठ ने यह आदेश गणेश नारायण खटीक की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता के अविवाहित भाई की सरकारी सेवा में रहने के दौरान 4 नवंबर, 2021 को मौत हो गई थी. इस पर याचिकाकर्ता ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया, लेकिन विभाग ने यह कहते हुए नियुक्ति से इनकार कर दिया कि अविवाहित सरकारी कर्मचारी के आश्रितों में माता-पिता के अलावा अविवाहित भाई-बहिन ही आते हैं. ऐसे में याचिकाकर्ता के विवाहित होने के चलते उसे नियुक्ति नहीं दी जा सकती.
पढ़ेंः राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला: विधवा पुत्रवधु भी अनुकम्पा नियुक्ति की अधिकारी
याचिका में कहा गया कि कार्मिक विभाग के 28 अक्टूबर 2021 के परिपत्र में कहा गया है कि अविवाहित राजकीय कर्मचारी के आश्रितों की श्रेणी में उसके माता-पिता और अविवाहित भाई बहन ही आते हैं. इस परिपत्र में मृतक कर्मचारी के विवाहित भाई-बहन को शामिल नहीं किया गया है. याचिका में इस परिपत्र के प्रावधानों को चुनौती देते हुए कहा गया कि यह प्रावधान भारतीय संविधान के प्रावधानों के खिलाफ है. व्यक्ति की सिर्फ वैवाहिक स्थिति में बदलाव होने के कारण ही उसे नियुक्ति से वंचित नहीं किया जा सकता.
इस परिपत्र के तहत विवाहित पुत्री को आश्रितों की श्रेणी में शामिल किया गया है, लेकिन विवाहित भाई-बहन को शामिल नहीं करना मनमाना है. इसके अलावा केन्द्र सरकार के नियमों में विवाहित भाई और बहन को अनुकंपा नियुक्ति के पात्र माना गया है. इसलिए राज्य सरकार के इस प्रावधान को निरस्त कर विवाहित भाई-बहन को भी अविवाहित सरकारी कर्मचारी के आश्रितों की श्रेणी में शामिल किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.