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राजस्थान हाईकोर्ट ने IPSC सचिव को पेश होने के जारी किए आदेश

राजस्थान हाईकोर्ट ने कनिष्ठ विधि अधिकारी भर्ती-2019 में करीब 30 हजार से अधिक अभ्यर्थियों की परीक्षा के केन्द्र सिर्फ अजमेर जिले में रखने पर IPSC के सचिव को गुरुवार को पेश होने के आदेश दिए हैं. अदालत ने मौखिक रूप से टिप्पणी करते हुए कहा कि आयोग अदालती आदेश को बाईपास करने का काम रहा है.

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Published : Dec 18, 2019, 9:04 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट, rajasthan highcourt
राजस्थान हाईकोर्ट

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कनिष्ठ विधि अधिकारी भर्ती-2019 में करीब 30 हजार से अधिक अभ्यर्थियों की परीक्षा के केन्द्र सिर्फ अजमेर जिले में रखने पर IPSC के सचिव को गुरुवार को पेश होने के आदेश दिए हैं. अदालत ने मौखिक रूप से टिप्पणी करते हुए कहा कि आयोग अदालती आदेश को बाईपास करने का काम रहा है.

न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश आनंद शर्मा और अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए. याचिकाओं में कहा गया कि आरपीएससी ने कनिष्ठ विधि अधिकारी के 156 पदों पर भर्ती निकाली है. जिसकी लिखित परीक्षा 26 और 27 दिसंबर को तय की है. इसमें करीब 30 हजार अभ्यर्थी शामिल होने की संभावना है.

पढ़ें- जोधपुर: रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े मामले में सुनवाई टली, इस तारीख को होगी अगली सुनवाई...

इसके बावजूद आयोग ने सिर्फ अजमेर जिले में ही परीक्षा केन्द्र बनाए हैं. जबकि, हाईकोर्ट APP भर्ती के मामले में एक दिसंबर 2011 को आदेश दे चुका है कि 10 हजार से अधिक अभ्यर्थी होने पर एक से अधिक जिलों में परीक्षा केन्द्र बनाए जाने चाहिए. इसके अलावा वर्ष 2013 में ली गई कनिष्ठ विधि अधिकारी की परीक्षा में भी तीन जिलों में परीक्षा केन्द्र बनाए गए थे.

वहीं, RPSC की ओर से कहा गया कि परीक्षा में तीस हजार 900 अभ्यर्थियों को बुलाया गया है. वहीं, पूर्व में अजमेर जिले में 30 हजार तक अभ्यर्थियों की परीक्षा सफलतापूर्वक आयोजित कराई जा चुकी है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने RPSC सचिव को पेश होकर अपना स्पष्टीकरण देने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कनिष्ठ विधि अधिकारी भर्ती-2019 में करीब 30 हजार से अधिक अभ्यर्थियों की परीक्षा के केन्द्र सिर्फ अजमेर जिले में रखने पर IPSC के सचिव को गुरुवार को पेश होने के आदेश दिए हैं. अदालत ने मौखिक रूप से टिप्पणी करते हुए कहा कि आयोग अदालती आदेश को बाईपास करने का काम रहा है.

न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश आनंद शर्मा और अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए. याचिकाओं में कहा गया कि आरपीएससी ने कनिष्ठ विधि अधिकारी के 156 पदों पर भर्ती निकाली है. जिसकी लिखित परीक्षा 26 और 27 दिसंबर को तय की है. इसमें करीब 30 हजार अभ्यर्थी शामिल होने की संभावना है.

पढ़ें- जोधपुर: रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े मामले में सुनवाई टली, इस तारीख को होगी अगली सुनवाई...

इसके बावजूद आयोग ने सिर्फ अजमेर जिले में ही परीक्षा केन्द्र बनाए हैं. जबकि, हाईकोर्ट APP भर्ती के मामले में एक दिसंबर 2011 को आदेश दे चुका है कि 10 हजार से अधिक अभ्यर्थी होने पर एक से अधिक जिलों में परीक्षा केन्द्र बनाए जाने चाहिए. इसके अलावा वर्ष 2013 में ली गई कनिष्ठ विधि अधिकारी की परीक्षा में भी तीन जिलों में परीक्षा केन्द्र बनाए गए थे.

वहीं, RPSC की ओर से कहा गया कि परीक्षा में तीस हजार 900 अभ्यर्थियों को बुलाया गया है. वहीं, पूर्व में अजमेर जिले में 30 हजार तक अभ्यर्थियों की परीक्षा सफलतापूर्वक आयोजित कराई जा चुकी है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने RPSC सचिव को पेश होकर अपना स्पष्टीकरण देने को कहा है.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने कनिष्ठ विधि अधिकारी भर्ती-2019 में करीब 30 हजार से अधिक अभ्यर्थियों की परीक्षा के केन्द्र सिर्फ अजमेर जिले में रखने पर आरपीएससी के सचिव को गुरुवार को पेश होने के आदेश दिए हैं। अदालत ने मौखिक रूप से टिप्पणी करते हुए कहा कि आयोग अदालती आदेश को बाईपास करने का काम रहा है। न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश आनंद शर्मा व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए।Body:याचिकाओं में कहा गया कि आरपीएससी ने कनिष्ठ विधि अधिकारी के 156 पदों पर भर्ती निकाली है। जिसकी लिखित परीक्षा 26 और 27 दिसंबर को तय की है। इसमें करीब 30 हजार अभ्यर्थी शामिल होने की संभावना है। इसके बावजूद आयोग ने सिर्फ अजमेर जिले में ही परीक्षा केन्द्र बनाए हैं। जबकि हाईकोर्ट एपीपी भर्ती के मामले में एक दिसंबर 2011 को आदेश दे चुका है कि दस हजार से अधिक अभ्यर्थी होने पर एक से अधिक जिलों में परीक्षा केन्द्र बनाए जाने चाहिए। इसके अलावा वर्ष 2013 में ली गई कनिष्ठ विधि अधिकारी की परीक्षा में भी तीन जिलों में परीक्षा केन्द्र बनाए गए थे। वहीं आरपीएससी की ओर से कहा गया कि परीक्षा में तीस हजार नौ सो अभ्यर्थियों को बुलाया गया है। वहीं पूर्व में अजमेर जिले में तीस हजार तक अभ्यर्थियों की परीक्षा सफलतापूर्वक आयोजित कराई जा चुकी है। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने आरपीएससी सचिव को पेश होकर अपना स्पष्टीकरण देने को कहा है।Conclusion:
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