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शहर की समस्याओं के सुधार के लिए राज्य सरकार ने मांगा हाईकोर्ट से समय - शहर की सफाई और अतिक्रमण

शहर की सफाई और अतिक्रमण सहित अन्य समस्याओं के सुधार के लिए राज्य सरकार ने हाईकोर्ट से समय मांगा है. इस पर अदालत ने मामले में सुनवाई फरवरी माह के प्रथम सप्ताह में तय करते हुए सरकार को पालना रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

राजस्थान हाईकोर्ट
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 9, 2024, 8:56 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में मंगलवार को राज्य सरकार की ओर से शहर की सफाई और अतिक्रमण सहित अन्य समस्याओं के निस्तारण के लिए बनाए गए एक्शन प्लान की क्रियान्विति के लिए समय मांगा गया है. इस पर अदालत ने मामले में सुनवाई फरवरी माह के प्रथम सप्ताह में तय करते हुए सरकार को पालना रिपोर्ट पेश करने को कहा है. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव व जस्टिस शुभा मेहता ने यह आदेश प्रकरण में लिए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान न्याय मित्र विमल चौधरी ने कहा कि शहर में अभी भी कई जगहों पर कचरा, गंदगी व आवारा पशु हैं. सफाई व अतिक्रमण सहित अन्य समस्याओं पर केवल कागजों में ही काम किया जा रहा है. करीब 500 सफाई कर्मचारी ऐसे हैं, जो सड़क पर सफाई करने के बजाए कार्यालय में काम कर रहे हैं. न्यायमित्र की ओर से जयपुर के इतिहास का हवाला देते हुए कहा कि यह वो शहर हैं, जहां के राजा माधोसिंह शहर की सड़क को अपने घर का चौक मानते थे.

पढ़ें. हाईकोर्ट ने जोधपुर के वन खंड से अतिक्रमण नहीं हटाने पर जताई नाराजगी, अधिकारी तलब

माधोसिंह ने शहर भ्रमण के दौरान अपने खास व्यक्ति बालजी ख्वास को सड़क पर थूकने पर टोका था और सड़क को अपना घर बताते हुए उनसे सफाई कराई थी, जबकि वर्तमान में शहर की सड़कें गंदगी से अटी पड़ी हैं. वहीं, राज्य सरकार की ओर से कहा कि उन्हें एक्शन प्लान की क्रियान्विति के लिए समय दिया जाए, जिस पर अदालत ने राज्य सरकार को समय देते हुए एक्शन प्लान के तौर पर किए गए कार्य का ब्यौरा आगामी सुनवाई पर देने के लिए कहा है. गौरतलब है कि अदालती आदेश पर राज्य सरकार ने शहर की समस्याओं को दूर करने के लिए दस साल का विस्तृत एक्शन प्लान बनाया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में मंगलवार को राज्य सरकार की ओर से शहर की सफाई और अतिक्रमण सहित अन्य समस्याओं के निस्तारण के लिए बनाए गए एक्शन प्लान की क्रियान्विति के लिए समय मांगा गया है. इस पर अदालत ने मामले में सुनवाई फरवरी माह के प्रथम सप्ताह में तय करते हुए सरकार को पालना रिपोर्ट पेश करने को कहा है. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव व जस्टिस शुभा मेहता ने यह आदेश प्रकरण में लिए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान न्याय मित्र विमल चौधरी ने कहा कि शहर में अभी भी कई जगहों पर कचरा, गंदगी व आवारा पशु हैं. सफाई व अतिक्रमण सहित अन्य समस्याओं पर केवल कागजों में ही काम किया जा रहा है. करीब 500 सफाई कर्मचारी ऐसे हैं, जो सड़क पर सफाई करने के बजाए कार्यालय में काम कर रहे हैं. न्यायमित्र की ओर से जयपुर के इतिहास का हवाला देते हुए कहा कि यह वो शहर हैं, जहां के राजा माधोसिंह शहर की सड़क को अपने घर का चौक मानते थे.

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माधोसिंह ने शहर भ्रमण के दौरान अपने खास व्यक्ति बालजी ख्वास को सड़क पर थूकने पर टोका था और सड़क को अपना घर बताते हुए उनसे सफाई कराई थी, जबकि वर्तमान में शहर की सड़कें गंदगी से अटी पड़ी हैं. वहीं, राज्य सरकार की ओर से कहा कि उन्हें एक्शन प्लान की क्रियान्विति के लिए समय दिया जाए, जिस पर अदालत ने राज्य सरकार को समय देते हुए एक्शन प्लान के तौर पर किए गए कार्य का ब्यौरा आगामी सुनवाई पर देने के लिए कहा है. गौरतलब है कि अदालती आदेश पर राज्य सरकार ने शहर की समस्याओं को दूर करने के लिए दस साल का विस्तृत एक्शन प्लान बनाया है.

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