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Rajasthan High Court: गैर आरएएस से आईएएस पदों पर पदोन्नति प्रक्रिया पर रोक जारी

राजस्थान हाईकोर्ट ने गैर आरएएस से आईएएस पदों पर (extended the ban on promotion process ) पदोन्नति प्रक्रिया पर रोक को 31 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया है.

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Published : Jul 12, 2023, 8:23 PM IST

Rajasthan High Court,  extended the ban on promotion process
गैर आरएएस से आईएएस पदों पर पदोन्नति प्रक्रिया पर रोक जारी.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने गैर आरएएस से आईएएस के पदों पर की जा रही पदोन्नति प्रक्रिया पर लगी रोक को 31 जुलाई तक बढ़ा दिया है. इसके साथ ही अदालत ने पूर्व में पूछे गए बिंदुओं पर जवाब पेश करने के लिए राज्य सरकार को समय दिया है. अदालत ने मामले में गैर आरएएस अधिकारी एसोसिएशन को इंटर विनर बनने की अनुमति दे दी है. जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस प्रवीर भटनागर की खंडपीठ ने यह आदेश राजस्थान प्रशासनिक सेवा परिषद व अन्य की याचिका पर दिए.

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से स्क्रीनिंग कमेटी की ओर से नाम तय करने का ब्यौरा सहित अपना जवाब पेश करने के लिए समय मांगा गया. इस पर अदालत ने 31 जुलाई तक का समय देते हुए पूर्व में लगाई रोक को बढ़ा दिया है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता तनवीर अहमद ने याचिका में कहा है कि ऑल इंडिया सर्विस एक्ट व उसके नियम-विनियम के तहत 66.67 प्रतिशत सीधी आईएएस भर्ती से और 33.33 प्रतिशत राज्य के प्रशासनिक अफसरों की पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है.

पढ़ेंः Rajasthan High Court : गैर RAS से IAS के पदों पर की जा रही पदोन्नति प्रक्रिया पर रोक

वहीं अपवाद परिस्थिति में ही इस 33.33 प्रतिशत कोटे में से पद अन्य सेवा के अफसरों से भरे जा सकते हैं. इसके बावजूद राज्य सरकार ने मनमाने तरीके से हर साल ही अन्य सेवा के अफसरों से आईएएस पद पर पदोन्नति देने की परंपरा बना ली है. पूर्व में गैर आरएएस से पदोन्नत हुए आईएएस का पद खाली होने पर राज्य सरकार इस पद को गैर आरएएस को ही पदोन्नत कर भरती है. याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि राज्य सरकार ने गत 17 फरवरी को सभी विभागों में पत्र भेजकर अन्य सेवाओं से आईएएस सेवा में पदोन्नति के लिए आवेदन मांगे और स्क्रीनिंग कमेटी ने अन्य सेवा के अफसरों का चयन कर पदोन्नति के लिए यूपीएससी को अपनी सिफारिश भेज दी है.

याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि हर बार अन्य सेवा के अधिकारियों को आईएएस पद पर पदोन्नति देना नियमानुसार सही नहीं हैं, क्योंकि अपवादिक परिस्थितियों में ही ऐसा कर सकते हैं. अपवाद कभी भी नियमित भर्ती का तरीका नहीं हो सकता. राजस्थान सरकार ने खुद ही यह मान लिया है कि आईएएस पदोन्नति में गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों का भी एक कोटा है, जबकि यह सिर्फ अपवादिक परिस्थितियों में ही हो सकता है. राज्य सरकार नियमों के खिलाफ जाकर गैर आरएएस की पदोन्नति के लिए कोटा तय नहीं कर सकती. ऐसा करना न केवल सेवा नियमों का उल्लंघन है, बल्कि राज्य के प्रशासनिक सेवा के अफसरों के लिए तय किए गए पदोन्नति के पदों पर भी अतिक्रमण है. बता दें कि हाईकोर्ट ने गत 7 जुलाई को अंतरिम आदेश पारित कर गैर आरएएस को आईएएस में पदोन्नत करने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी. अदालत ने मामले में स्क्रीनिंग कमेटी की ओर से नाम तय करने का ब्यौरा भी मांगा था.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने गैर आरएएस से आईएएस के पदों पर की जा रही पदोन्नति प्रक्रिया पर लगी रोक को 31 जुलाई तक बढ़ा दिया है. इसके साथ ही अदालत ने पूर्व में पूछे गए बिंदुओं पर जवाब पेश करने के लिए राज्य सरकार को समय दिया है. अदालत ने मामले में गैर आरएएस अधिकारी एसोसिएशन को इंटर विनर बनने की अनुमति दे दी है. जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस प्रवीर भटनागर की खंडपीठ ने यह आदेश राजस्थान प्रशासनिक सेवा परिषद व अन्य की याचिका पर दिए.

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से स्क्रीनिंग कमेटी की ओर से नाम तय करने का ब्यौरा सहित अपना जवाब पेश करने के लिए समय मांगा गया. इस पर अदालत ने 31 जुलाई तक का समय देते हुए पूर्व में लगाई रोक को बढ़ा दिया है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता तनवीर अहमद ने याचिका में कहा है कि ऑल इंडिया सर्विस एक्ट व उसके नियम-विनियम के तहत 66.67 प्रतिशत सीधी आईएएस भर्ती से और 33.33 प्रतिशत राज्य के प्रशासनिक अफसरों की पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है.

पढ़ेंः Rajasthan High Court : गैर RAS से IAS के पदों पर की जा रही पदोन्नति प्रक्रिया पर रोक

वहीं अपवाद परिस्थिति में ही इस 33.33 प्रतिशत कोटे में से पद अन्य सेवा के अफसरों से भरे जा सकते हैं. इसके बावजूद राज्य सरकार ने मनमाने तरीके से हर साल ही अन्य सेवा के अफसरों से आईएएस पद पर पदोन्नति देने की परंपरा बना ली है. पूर्व में गैर आरएएस से पदोन्नत हुए आईएएस का पद खाली होने पर राज्य सरकार इस पद को गैर आरएएस को ही पदोन्नत कर भरती है. याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि राज्य सरकार ने गत 17 फरवरी को सभी विभागों में पत्र भेजकर अन्य सेवाओं से आईएएस सेवा में पदोन्नति के लिए आवेदन मांगे और स्क्रीनिंग कमेटी ने अन्य सेवा के अफसरों का चयन कर पदोन्नति के लिए यूपीएससी को अपनी सिफारिश भेज दी है.

याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि हर बार अन्य सेवा के अधिकारियों को आईएएस पद पर पदोन्नति देना नियमानुसार सही नहीं हैं, क्योंकि अपवादिक परिस्थितियों में ही ऐसा कर सकते हैं. अपवाद कभी भी नियमित भर्ती का तरीका नहीं हो सकता. राजस्थान सरकार ने खुद ही यह मान लिया है कि आईएएस पदोन्नति में गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों का भी एक कोटा है, जबकि यह सिर्फ अपवादिक परिस्थितियों में ही हो सकता है. राज्य सरकार नियमों के खिलाफ जाकर गैर आरएएस की पदोन्नति के लिए कोटा तय नहीं कर सकती. ऐसा करना न केवल सेवा नियमों का उल्लंघन है, बल्कि राज्य के प्रशासनिक सेवा के अफसरों के लिए तय किए गए पदोन्नति के पदों पर भी अतिक्रमण है. बता दें कि हाईकोर्ट ने गत 7 जुलाई को अंतरिम आदेश पारित कर गैर आरएएस को आईएएस में पदोन्नत करने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी. अदालत ने मामले में स्क्रीनिंग कमेटी की ओर से नाम तय करने का ब्यौरा भी मांगा था.

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