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Rajasthan High Court: एसीएस पेश होकर बताएं क्यों नहीं की आदेश की पालना - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

राजस्थआन हाईकोर्ट ने अनुकंपा नियुक्ति से जुड़े ममले में अदालती आदेश की पालना नहीं होने पर नाराजगी जताई है. साथ ही एसीएस को 4 दिसंबर को तलब किया है.

Rajasthan High Court,  High Court expressed displeasure
एसीएस पेश होकर बताएं क्यों नहीं की आदेश की पालना.
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 6, 2023, 9:03 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अनुकंपा नियुक्ति से जुड़े मामले में अदालती आदेश की पालना नहीं करने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने 4 दिसंबर को अतिरिक्त मुख्य गृह सचिव को तलब किया है. अदालत ने एसीएस को हाजिर होकर बताने को कहा है कि अदालती आदेश के बावजूद भी याचिकाकर्ता को नियुक्ति क्यों नहीं दी गई. अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि यदि इस दौरान आदेश की पालना हो जाती है एसीएस को हाजिर होने की जरुरत नहीं है. जस्टिस महेन्द्र कुमार गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश मंजू लता की अवमानना याचिका पर दिए.

याचिका में कहा गया कि हाईकोर्ट ने गत आठ मार्च को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को अनुकंपा नियुक्ति देने पर दो माह में विचार करने को कहा था, लेकिन छह माह बीतने के बाद भी उसे अब तक नियुक्ति नहीं दी गई. ऐस में अवमानना करने वाले अफसरों पर कार्रवाई की जाए. गौरतलब है कि याचिकाकर्ता के पिता पुलिस लाइन बारां में एएसआई थे. ड्यूटी के दौरान 20 मार्च 2016 को उनकी मौत हो गई.

पढ़ेंः Rajasthan High Court: नर्सिंगकर्मी को गलत अनुभव प्रमाण पत्र देकर नियुक्ति से वंचित क्यों किया

परिवार में अन्य कोई सक्षम आश्रित नहीं होने पर याचिकाकर्ता की मां ने मई 2016 में याचिकाकर्ता को मृतक पति के आश्रित के तौर पर अनुकंपा नियुक्ति देने के लिए आवेदन किया, लेकिन उसका आवेदन यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि उसकी बेटी के विवाहित होने के कारण वह अनुकंपा नियुक्ति के लिए पात्र नहीं है. इस आदेश को याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को दो माह में नियुक्ति देने पर विचार करने को कहा था.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अनुकंपा नियुक्ति से जुड़े मामले में अदालती आदेश की पालना नहीं करने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने 4 दिसंबर को अतिरिक्त मुख्य गृह सचिव को तलब किया है. अदालत ने एसीएस को हाजिर होकर बताने को कहा है कि अदालती आदेश के बावजूद भी याचिकाकर्ता को नियुक्ति क्यों नहीं दी गई. अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि यदि इस दौरान आदेश की पालना हो जाती है एसीएस को हाजिर होने की जरुरत नहीं है. जस्टिस महेन्द्र कुमार गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश मंजू लता की अवमानना याचिका पर दिए.

याचिका में कहा गया कि हाईकोर्ट ने गत आठ मार्च को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को अनुकंपा नियुक्ति देने पर दो माह में विचार करने को कहा था, लेकिन छह माह बीतने के बाद भी उसे अब तक नियुक्ति नहीं दी गई. ऐस में अवमानना करने वाले अफसरों पर कार्रवाई की जाए. गौरतलब है कि याचिकाकर्ता के पिता पुलिस लाइन बारां में एएसआई थे. ड्यूटी के दौरान 20 मार्च 2016 को उनकी मौत हो गई.

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परिवार में अन्य कोई सक्षम आश्रित नहीं होने पर याचिकाकर्ता की मां ने मई 2016 में याचिकाकर्ता को मृतक पति के आश्रित के तौर पर अनुकंपा नियुक्ति देने के लिए आवेदन किया, लेकिन उसका आवेदन यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि उसकी बेटी के विवाहित होने के कारण वह अनुकंपा नियुक्ति के लिए पात्र नहीं है. इस आदेश को याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को दो माह में नियुक्ति देने पर विचार करने को कहा था.

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