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राजस्थान हाईकोर्ट ने ग्राम विकास अधिकारी भर्ती में नियुक्तियां देने पर लगाई रोक

bans appointments राजस्थान हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए ग्राम विकास अधिकारी भर्ती में नियुक्ति देने पर रोक लगा दी है.

Rajasthan High Court,  bans appointments
राजस्थान हाईकोर्ट .
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 5, 2024, 10:06 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने ग्राम विकास अधिकारी भर्ती 2021 के विवादित प्रश्नों से जुडे़ मामले में अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने पर रोक लगा दी है. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने यह आदेश कर्मचारी चयन बोर्ड की अपील में अभ्यर्थी नितिन कुमार व अन्य की ओर से पेश प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए.

अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता विज्ञान शाह ने अदालत को बताया की भर्ती परीक्षा में पूछे गए दो विवादित प्रश्नों को लेकर एकलपीठ ने विशेषज्ञ कमेटी गठित कर उनकी पुन: जांच करने के आदेश दिए थे. इस आदेश के खिलाफ कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से खंडपीठ में अपील पेश की गई. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने गत 24 अगस्त को एकलपीठ के आदेश पर रोक लगा दी थी. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि एकलपीठ के आदेश से रोक हटने के बाद अब राज्य सरकार अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे रही है.

पढ़ेंः राजस्थान हाईकोर्ट ने कांस्टेबल भर्ती की नियुक्ति प्रक्रिया पर लगाई रोक

यदि सभी पदों पर नियुक्तियां दे दी जाएगी तो बाद में जटिलता बढ़ जाएगी. इसलिए नियुक्तियों पर रोक लगाई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने नियुक्तियां देने पर रोक लगा दी है. गौरतलब है कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने ग्राम विकास अधिकारी के करीब 5900 पदों के लिए भर्ती निकाली थी. लिखित परीक्षा के बाद जारी मॉडल उत्तर कुंजी में एकलपीठ के याचिकाकर्ताओं के जवाब सही थे. वहीं बोर्ड ने अंतिम उत्तर कुंजी में कुछ प्रश्नों के जवाब बदल दिए, जबकि मान्यता प्राप्त पुस्तकों के आधार पर बोर्ड के जवाब गलत थे. इस आधार पर एकलपीठ ने दो प्रश्नों की जांच विशेषज्ञ कमेटी से पुन: कराने के आदेश दिए थे. इसके खिलाफ चयन बोर्ड की ओर से खंडपीठ में अपील पेश की गई थी.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने ग्राम विकास अधिकारी भर्ती 2021 के विवादित प्रश्नों से जुडे़ मामले में अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने पर रोक लगा दी है. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने यह आदेश कर्मचारी चयन बोर्ड की अपील में अभ्यर्थी नितिन कुमार व अन्य की ओर से पेश प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए.

अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता विज्ञान शाह ने अदालत को बताया की भर्ती परीक्षा में पूछे गए दो विवादित प्रश्नों को लेकर एकलपीठ ने विशेषज्ञ कमेटी गठित कर उनकी पुन: जांच करने के आदेश दिए थे. इस आदेश के खिलाफ कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से खंडपीठ में अपील पेश की गई. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने गत 24 अगस्त को एकलपीठ के आदेश पर रोक लगा दी थी. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि एकलपीठ के आदेश से रोक हटने के बाद अब राज्य सरकार अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे रही है.

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यदि सभी पदों पर नियुक्तियां दे दी जाएगी तो बाद में जटिलता बढ़ जाएगी. इसलिए नियुक्तियों पर रोक लगाई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने नियुक्तियां देने पर रोक लगा दी है. गौरतलब है कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने ग्राम विकास अधिकारी के करीब 5900 पदों के लिए भर्ती निकाली थी. लिखित परीक्षा के बाद जारी मॉडल उत्तर कुंजी में एकलपीठ के याचिकाकर्ताओं के जवाब सही थे. वहीं बोर्ड ने अंतिम उत्तर कुंजी में कुछ प्रश्नों के जवाब बदल दिए, जबकि मान्यता प्राप्त पुस्तकों के आधार पर बोर्ड के जवाब गलत थे. इस आधार पर एकलपीठ ने दो प्रश्नों की जांच विशेषज्ञ कमेटी से पुन: कराने के आदेश दिए थे. इसके खिलाफ चयन बोर्ड की ओर से खंडपीठ में अपील पेश की गई थी.

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