जयपुर. महात्मा गांधी स्कूलों को और बेहतर तरीके से संचालित करने के उद्देश्य से शनिवार को प्रदेशभर के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के प्रिंसिपल पहली मर्तबा एक जाजम पर आए. यहां श्रेष्ठ स्कूलों के प्रिंसिपल ने अपने इनोवेशन साझा किए. इसी के आधार पर एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार कर सभी स्कूलों में नए नवाचार शुरू करने की पहल की जाएगी. ताकि यहां पढ़ने वाले छात्र एकेडेमिक नॉलेज और कम्युनिकेशन स्किल्स के आधार पर सबसे अलग नजर आएं.
प्रदेश के महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों के ब्रांड को नए मुकाम पर ले जाने की पहल के तौर पर शनिवार को जयपुर में पहली मर्तबा प्रिंसीपल्स कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया। जिसमें प्रदेश के सभी जिलों के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र प्रिंसिपल ने नए स्कूलों के जरिए लिखी जा रही बदलाव और नवाचारों की कहानी को बयां किया. इस दौरान स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने कहा कि इंग्लिश मीडियम स्कूलों के प्रिंसिपल और टीचर्स चुनौतियों को अवसर में बदलते हुए इनकी ब्रांड वैल्यू में निरंतर इजाफा कर क्वालिटी एजुकेशन पर फोकस करें. छात्रों की डायनेमिक पर्सनेलिटी की बुनियाद रखें. यहां से निकले छात्र नैतिक और व्यक्तित्व विकास के साथ-साथ देश-प्रदेश और दुनिया के सामयिक ज्ञान, एकेडेमिक नॉलेज और कम्युनिकेशन स्किल्स के आधार पर सबसे अलग नजर आए.
सचिव जैन ने बताया कि विभाग ने प्रदेश में इंग्लिश मीडियम स्कूल के विकास के अंतरों की पहचान कर उनको दूर करने का बीड़ा उठाया है. इन स्कूलों में मैन पॉवर, सॉफ्ट एक्टिविटीज, इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य संसाधनों की समीक्षा करते हुए भविष्य की जरूरतों के आंकलन और समन्वय के लिए इस कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया. इसमें प्राचार्यों की ओर से शेयर किए गए अनुभव, सुझाव और नवाचारों को समाहित करते हुए एक डॉक्यूमेंट तैयार होगा, जिसके आधार पर प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित 2700 से ज्यादा इंग्लिश मीडियम स्कूलों और आगामी दिनों में नए खोले जाने स्कूलों में इनोवेशन किए जाएंगे. वहीं स्कूल शिक्षा निदेशक कानाराम ने कहा कि इन स्कूलों में शिक्षकों के पदों को जल्द भरने और अलग से नियम बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है. इन स्कूलों में 10 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया आखिरी चरण में है.