जयपुर. राजस्थान के चुनावी रण में मतदाताओं ने अपना फैसला पांच दिन पहले ईवीएम के हवाले कर दिया है. अब 3 दिसंबर को यह सामने आ जाएगा कि मरुधरा की सत्ता की चाबी जनता ने किसके हवाले की है. इस बीच राजनीतिक पार्टियों और प्रत्याशियों के अपने-अपने दावे हैं, जो अपनी-अपनी पार्टियों को बहुमत मिलने का भरोसा जता रहे हैं. इस बीच गुरुवार को विभिन्न सर्वे एजेंसियों ने अपने-अपने एग्जिट पोल के अनुमान भी जारी कर दिए हैं. इसी राजनीतिक गहमा-गहमी के बीच गुरुवार शाम को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की है. हालांकि, इसे एक सामान्य शिष्टाचार भेंट बताया जा रहा है, लेकिन सियासी गलियारों में इस मुलाकात के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं.
दिल्ली से जयपुर पहुंचे सीएम गहलोत : वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुरुवार को पूरे दिन दिल्ली में रहे. वे शाम को जयपुर पहुंचे और उसके बाद राजभवन पहुंचकर राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की. हालांकि, इस मुलाकात के दौरान दोनों के बीच क्या चर्चा हुई और किन मुद्दों पर बात हुई. इसकी फिलहाल जानकारी सामने नहीं आ पाई है, लेकिन दोनों की इस मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में कयासों और अटकलबाजी का दौर शुरू हो गया है.
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3 दिसंबर को साफ होगी सियासी तस्वीर : राजस्थान की 200 में से 199 सीटों पर चुनाव के लिए 25 नवंबर को मतदान हुआ था. इस बार मतदाताओं ने अब तक की सबसे अधिक वोटिंग की है और प्रत्याशियों और राजनीतिक दलों का भाग्य ईवीएम के हवाले कर दिया है. अब 3 दिसंबर को प्रदेश की सियासी तस्वीर साफ होगी और यह सामने आएगा कि जनता ने सत्ता की चाबी किसे सौंपी है.