जयपुर. राजस्थान बीजेपी की 41 प्रत्याशियों की पहली सूची में अगर सबसे ज्यादा चर्चा किसी टिकट के कटने की हो रही है तो वो हैं पूर्व उपराष्ट्रपति और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी की टिकट कटने की. लेकिन टिकट कटने के बाद पूर्व मंत्री नरपत सिंह राजवी ने दीया कुमारी के जयपुर राजपरिवार को मुगलों का सहयोगी बता दिया. अब इसी बयान को लेकर कच्छावा राजपूतों में आक्रोश है.
इस बयान को लेकर मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी आपत्ति जताते हुए कहा कि भैरोंसिंह शेखावत किसी परिवार से नहीं जुड़े थे. वह राजस्थान और देश की धरोहर हैं. भैरोंसिंह शेखावत कच्छावा वंश के वंशज हैं और कच्छावा भगवान राम के वंशज हैं. अब नरपत सिंह राजवी जो खुद भैरोंसिंह शेखावत के नाम पर यहां तक आए, वह कच्छावा वंश के क्षत्रियों को लेकर इस तरह के बयान कैसे दे सकते हैं ?
खुद भी कुछ करके दिखाइए : मंत्री प्रताप सिंह ने कहा कि इस तरह का बयान बर्दाश्त के बाहर है, क्योंकि भगवान राम के लिए हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई और पूरा ब्रह्मांड समान है. राजवी ने तो पूरे कच्छावा वंश को ही चुनौती दे डाली. खाचरियावास ने कहा कि भैरोंसिंह के नाम पर आप यहां तक आ गए, अब बयान देने की जगह चुनाव लड़ने का दाम दिखाकर खुद भी कुछ करके दिखाइए. उन्होंने खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि मैं तो भैरोंसिंह शेखावत के परिवार का सदस्य होकर भी कांग्रेस से पॉलिटिक्स कर रहा हूं. जब खुद के वजूद पर खतरा हो तो लड़कर दिखाना चाहिए, न कि ऐसे बेतुके बयान देने चाहिए.
भाजपा की लड़ाई आई खुलकर बाहर आई : भाजपा की पहली लिस्ट आने के बाद भाजपा में नेताओं के आपसी टकराव को लेकर मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि जो भाजपा यह कह रही थी कि हम कमल के निशान और पार्टी के दम पर चुनाव लड़ेंगे, अब उसी भाजपा के घर में लड़ाई है. वहां अब चेहरों की लड़ाई शुरू हो चुकी है. उन्होंने कहा कि भाजपा के जो प्रदेश के बड़े-बड़े नेता बातें कर रहे थे, उनके टिकट भी फाइनल नहीं हो सके हैं. यह बताता है कि भाजपा में अंदरखाने सबकुछ ठीक नहीं चल रहा. खाचरियावास ने कहा कि पहली बार वसुंधरा राजे चुप हैं और वसुंधरा राजे की चुप्पी यह बता रही है कि वह नाराज हैं, जो भाजपा पर भारी पड़ेगी. वसुंधरा राजे की नाराजगी खुलकर सामने आ गई तो भाजपा के सारे सपने चकनाचूर हो जाएंगे.