जयपुर. राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है. इस दौरान सोमवार को सरकार ने राज्य में बारिश और ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों की प्रारंभिक रिपोर्ट सदन में रखा. इस पर विपक्ष ने सवाल उठाया. उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि सरकार को ऑनलाइन के बजाय मौके पर जाकर गिरदावरी करवानी चाहिए. उन्होंने कहा, 'अधिकारी मौके पर जाने के बजाय ऑनलाइन गिरदावरी कर रहे हैं, जिससे वास्तविक नुकसान सामने नहीं आ रहा है. वहीं, विधानसभा स्पीकर ने कहा, सरकार जो गिरदावरी कराने जा रही है उसमें जनप्रतिनिधियों को शामिल करें. उसके बाद सदन में फिर सरकार आंकड़ा बताए.
बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान: राजस्थान में 29 और 30 जनवरी को बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने प्रारंभिक आंकड़े सदन में पेश किए, तो नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने सरकार को आपदा राहत कोष के तहत तुरंत किसानों को राहत देने की बात कही. राठौड़ ने ऑनलाइन गिरदावरी की जगह मौके पर जाकर गिरदावरी करने की सरकार को सलाह दी. उन्होंने आगे कहा कि सरकार के पास वैसे भी आपदा राहत कोष में 19,000 करोड़ रुपए पड़े हैं. सरकार को इस कोटे से किसानों को प्रारंभिक लाभ पहुंचाना चाहिए.
स्पीकर सीपी जोशी का सरकार को निर्देश : स्पीकर सीपी जोशी ने निर्देश दिए कि सरकार जो स्पेशल गिरदावरी करने जा रही हैं, उसमें जनप्रतिनिधि को भी शामिल करे, ताकि सही रिपोर्ट सामने आए. स्पीकर ने कहा कि स्पेशल गिरदावरी के लिए सरकार ने 2 सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा है. ऐसे में 2 सप्ताह के बाद सरकार जो कदम उठाने वाली है और किस को कितना नुकसान हुआ है. इसके बारे में विस्तृत जानकारी लेकर 14 दिन बाद सरकार सदन में दोबारा चर्चा करे, ताकि लोगों को राहत मिल सके.
गुलाबचंद कटारिया ने कही ये बात : नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि सरकार को इस बात पर ध्यान देने की आवश्यकता है कि आपदा राहत अलग है और फसल बीमा अलग है. इन दोनों को एक मानने की सरकार भूल न करे. उन्होंने कहा कि आपदा राहत कोष के तहत जो सरकार के पास फंड पड़ा है, उसमें से किसानों को तुरंत राहत प्रदान की जाए. कटारिया ने कहा कि सरकार प्रारंभिक रिपोर्ट पर डिपेंड नहीं रहे. आपदा राहत और बीमा कंपनी से मिलने वाली राहत को अलग-अलग रखा जाए. इस दौरान कटारिया ने कहा कि मैं जब आपदा राहत मंत्री रहा था तो हमने 17,000 प्रति हेक्टेयर के आधार पर तुरंत देकर हजारों किसानों को राहत दी थी.