जयपुर. कांग्रेस के 6 से ज्यादा मौजूदा विधायकों ने चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जताई है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की चुनाव से दूरी बनाने पर बीजेपी ने तंज कसा है. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि वैसे तो ये उनकी पार्टी का आंतरिक मामला है, लेकिन जो भी विधायक या वरिष्ठ नेता चुनाव में उतरने से कतरा रहे हैं, वो जानते हैं कि जनता उनका चेहरा पढ़ चुकी है. लोग इन साढ़े चार साल के कुशासन के सवाल पूछेंगे तो किस मुंह से जनता के बीच जाएंगे, इसलिए चुनाव लड़ने से मना कर रहे हैं.
सवालों के जवाब नहीं : सीपी जोशी ने आरोप लगाया कि इन साढ़े चार सालों में कांग्रेस सरकार ने जनता को जिस तरह से कुशासन दिया है, उसका जवाब इनके नेताओं के पास नहीं है. जनता कांग्रेस नेताओं से युवाओं का भविष्य खराब करने, किसान कर्ज माफी, जमीनों की नीलामी, भ्रष्टाचार, महिला हिंसा और अपराधियों के तांडव जैसे मुद्दों पर सवाल पूछेगी तो वो किस मुंह से जवाब देंगे? ऐसे में चुनाव से पहले मैदान में उतरने से कन्नी काटने लगे हैं.
कांग्रेस को नहीं मिलेगा जन समर्थन : जोशी ने कहा कि मोदी सरकार के सुशासन में 9 साल में इतना काम हुआ जितना 60 साल में कभी नहीं हुआ. देश की सुरक्षा, रेल कनेक्टिविटी, एयर कनेक्टिविटी, युवाओं के सपनों को जोड़ने का काम प्रधानमंत्री ने किया है. राम मंदिर निर्माण, धारा 370 हटाने, वन नेशन वन टैक्स सहित कई मामले पहली बार किए गए हैं, इनके जवाब कांग्रेस के पास नहीं हैं. कांग्रेस के नेता समझ चुके हैं कि देश और प्रदेश में मोदी के काम और योजनाओं की चर्चा हो रही है, ऐसे में अब कांग्रेस को कोई जन समर्थन नहीं मिलेगा.
युवाओं को नकारा-निकम्मा कहा : सीपी जोशी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में वरिष्ठ नेताओं का सम्मान नहीं है, खुद की पार्टी के युवा जनप्रतिनिधियों को नकारा, निकम्मा और गद्दार तक कहा जाता है. उन्होंने तंज कसा कि एक व्यक्ति साढ़े 4 साल से सिर्फ कुर्सी बचाने के लिए काम कर रहा, उसे जनता किए वादे की चिंता नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने प्रदेश में युवाओं का भविष्य खराब किया, लाखों युवाओं का भविष्य अंधकार में डालने का काम किया.
इन कांग्रेस के नेताओं ने जताई इच्छा : बता दें कि कांग्रेस के करीब 6 से ज्यादा मौजूदा विधायकों ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जताई है. इनमें कांग्रेस विधायक दीपेंद्र सिंह शेखावत, मंत्री हेमाराम चौधरी, पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर, विधायक अमीन खान और पूर्व मंत्री और विधायक भरत सिंह कुन्दनपुर शामिल हैं. हालांकि इन सभी विधायकों ने उम्र और खराब सेहत का हवाला देते हुए चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जताई है. इनमें से ज्यादातर विधायकों ने अपने बेटे को टिकट दिए जाने की भी सिफारिश की है.