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Rajasthan Assembly Election 2023 : पूर्व सीएम वसुंधरा राजे पहुंची प्रदेश पार्टी मुख्यालय, तीन घंटे रुकी, सियासी गलियारों में चर्चा तेज - पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बुधवार को अचानक प्रदेश पार्टी मुख्यालय जा पहुंची, जहां वो करीब 3 घंटे तक रुकी. इस दौरान उन्होंने संगठन महामंत्री चंद्रशेखर, प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह के साथ लंबी चर्चा भी की.

Rajasthan Assembly Election 2023
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 6, 2023, 6:50 PM IST

Updated : Sep 6, 2023, 10:54 PM IST

प्रदेश भाजपा मुख्यालय पहुंची पूर्व सीएम वसुंधरा राजे

जयपुर. राजस्थान में इसी साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में प्रदेश भाजपा में भी लगातार सियासी उठा पटक का दौर जारी है. एक ओर सामूहिक नेतृत्व में परिवर्तन यात्रा निकाली जा रही है तो वहीं दूसरी ओर बुधवार को अचानक पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने भाजपा मुख्यालय पहुंचकर सभी को चौंका दिया. राजे न केवल पार्टी मुख्यालय पर पहुंची, बल्कि वहां करीब तीन घंटे रुकी भी और इस दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह और प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर के साथ लंबी चर्चा भी की. पार्टी सूत्रों की मानें करीब 3 घंटे चली इस बैठक में परिवर्तन यात्रा के दौरान केंद्र से आने वाले नेताओं की सभाओं को लेकर चर्चा हुई. साथ ही उम्मीदवारों के नाम पर भी प्रारंभिक चर्चा होने की बात कही जा रही है.

राजे को मिली जिम्मेदारी - राज्य में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन अभी तक भाजपा ने फेस को लेकर कोई घोषणा नहीं की है. साथ ही पार्टी की ओर से लगातार सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कही जा रही है, लेकिन इस बीच अचानक पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की बढ़ी सक्रियता से सियासी हलकों में चर्चा तेज हो गई है. हाल ही में परिवर्तन संकल्प यात्रा के दौरान केंद्र से आए नेताओं का राजे की तारीफ करना और उसके बाद उनके कॉन्फिडेंस में आए बदलाव ने नए सिरे से सियासी चर्चाओं को गर्म करने का काम किया है. साथ ही सवाल यह भी उठ रहे हैं कि क्या प्रदेश में भाजपा अपनी रणनीति में कुछ बदलाव करने जा रही है? क्या राजे को कोई जिम्मेदारी देकर अघोषित रूप से कमान दी जा सकती है?

इसे भी पढ़ें - BJP Election Management : अरुण सिंह का इशारा, वसुंधरा राजे को बनाया जा सकता है चुनाव कैंपेन समिति का चेयरमैन

यात्रा और उम्मीदवारों पर मंथन - भाजपा मुख्यालय में हुई लंबी बैठक का एजेंडा क्या था यह तो अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन पार्टी के नेताओं की मानें तो बैठक सामान्य नहीं थी. इसकी बड़ी वजह यह भी थी कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे 3 घंटे के करीब बैठक में मौजूद रही हैं. साथ ही इसी बैठक के लिए प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह भी दिल्ली से जयपुर पहुंचे. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि बैठक में परिवर्तन यात्रा में संख्या नहीं आने को गंभीर मानते हुए उस पर चर्चा संभव है. इसके साथ ही प्रदेश में चुनाव के लिहाज आगामी कार्ययोजना, परिवर्तन संकल्प यात्रा में केंद्र से आने वाले नेताओं और उम्मीदवारों के जो नाम सामने आ रहे हैं, उन पर भी मंथन होने की बात कही जा रही है. बताया यह भी जा रहा है की बैठक में C और D कैटेगरी के उम्मीदवारों को लेकर प्रारंभिक चर्चा हुई है.

बैठक में इन सीटों पर हुई चर्चाः बैठक में खास तौर पर उन सीटों पर चर्चा की गई जहां पर बीजेपी लगातार हार रही है. बीजेपी के लिहाज से प्रदेश में 19 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां लगातार तीन बार से हार का सामना करना पड़ रहा है. जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का निर्वाचन क्षेत्र सरदारपुरा , कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का निर्वाचन लक्ष्मणगढ़ , कैबिनेट मंत्री रमेश मीणा का निर्वाचन क्षेत्र सपोटरा शामिल है. इसी प्रकार सिकराय, टोडाभीम, बाड़ी , वल्लभनगर ,बागीदोरा, बस्सी , दांतारामगढ़, कोटपुतली, झुंझुनूं, सांचौर, बाड़मेर शहर, फतेहपुर, खेतड़ी , लालसोट , नवलगढ़ ,राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ विधानसभा सीट है. बताया जा रहा है कि इन सीटों पर बीजेपी ने सामाजिक और राजनीतिक समीकरण के साथ प्रत्याशियों को लेकर चर्चा की. पार्टी इन सीटों पर नए और युवा चेहरों पर प्रयोग कर सकती है. पार्टी सूत्रों की मानें तो बीजेपी अक्टूबर के पहले सप्ताह में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर पहले उन विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों की सूची जारी कर सकती है, जहां पार्टी को चुनौतियां रहीं हों.

प्रदेश भाजपा मुख्यालय पहुंची पूर्व सीएम वसुंधरा राजे

जयपुर. राजस्थान में इसी साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में प्रदेश भाजपा में भी लगातार सियासी उठा पटक का दौर जारी है. एक ओर सामूहिक नेतृत्व में परिवर्तन यात्रा निकाली जा रही है तो वहीं दूसरी ओर बुधवार को अचानक पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने भाजपा मुख्यालय पहुंचकर सभी को चौंका दिया. राजे न केवल पार्टी मुख्यालय पर पहुंची, बल्कि वहां करीब तीन घंटे रुकी भी और इस दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह और प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर के साथ लंबी चर्चा भी की. पार्टी सूत्रों की मानें करीब 3 घंटे चली इस बैठक में परिवर्तन यात्रा के दौरान केंद्र से आने वाले नेताओं की सभाओं को लेकर चर्चा हुई. साथ ही उम्मीदवारों के नाम पर भी प्रारंभिक चर्चा होने की बात कही जा रही है.

राजे को मिली जिम्मेदारी - राज्य में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन अभी तक भाजपा ने फेस को लेकर कोई घोषणा नहीं की है. साथ ही पार्टी की ओर से लगातार सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कही जा रही है, लेकिन इस बीच अचानक पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की बढ़ी सक्रियता से सियासी हलकों में चर्चा तेज हो गई है. हाल ही में परिवर्तन संकल्प यात्रा के दौरान केंद्र से आए नेताओं का राजे की तारीफ करना और उसके बाद उनके कॉन्फिडेंस में आए बदलाव ने नए सिरे से सियासी चर्चाओं को गर्म करने का काम किया है. साथ ही सवाल यह भी उठ रहे हैं कि क्या प्रदेश में भाजपा अपनी रणनीति में कुछ बदलाव करने जा रही है? क्या राजे को कोई जिम्मेदारी देकर अघोषित रूप से कमान दी जा सकती है?

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यात्रा और उम्मीदवारों पर मंथन - भाजपा मुख्यालय में हुई लंबी बैठक का एजेंडा क्या था यह तो अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन पार्टी के नेताओं की मानें तो बैठक सामान्य नहीं थी. इसकी बड़ी वजह यह भी थी कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे 3 घंटे के करीब बैठक में मौजूद रही हैं. साथ ही इसी बैठक के लिए प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह भी दिल्ली से जयपुर पहुंचे. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि बैठक में परिवर्तन यात्रा में संख्या नहीं आने को गंभीर मानते हुए उस पर चर्चा संभव है. इसके साथ ही प्रदेश में चुनाव के लिहाज आगामी कार्ययोजना, परिवर्तन संकल्प यात्रा में केंद्र से आने वाले नेताओं और उम्मीदवारों के जो नाम सामने आ रहे हैं, उन पर भी मंथन होने की बात कही जा रही है. बताया यह भी जा रहा है की बैठक में C और D कैटेगरी के उम्मीदवारों को लेकर प्रारंभिक चर्चा हुई है.

बैठक में इन सीटों पर हुई चर्चाः बैठक में खास तौर पर उन सीटों पर चर्चा की गई जहां पर बीजेपी लगातार हार रही है. बीजेपी के लिहाज से प्रदेश में 19 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां लगातार तीन बार से हार का सामना करना पड़ रहा है. जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का निर्वाचन क्षेत्र सरदारपुरा , कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का निर्वाचन लक्ष्मणगढ़ , कैबिनेट मंत्री रमेश मीणा का निर्वाचन क्षेत्र सपोटरा शामिल है. इसी प्रकार सिकराय, टोडाभीम, बाड़ी , वल्लभनगर ,बागीदोरा, बस्सी , दांतारामगढ़, कोटपुतली, झुंझुनूं, सांचौर, बाड़मेर शहर, फतेहपुर, खेतड़ी , लालसोट , नवलगढ़ ,राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ विधानसभा सीट है. बताया जा रहा है कि इन सीटों पर बीजेपी ने सामाजिक और राजनीतिक समीकरण के साथ प्रत्याशियों को लेकर चर्चा की. पार्टी इन सीटों पर नए और युवा चेहरों पर प्रयोग कर सकती है. पार्टी सूत्रों की मानें तो बीजेपी अक्टूबर के पहले सप्ताह में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर पहले उन विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों की सूची जारी कर सकती है, जहां पार्टी को चुनौतियां रहीं हों.

Last Updated : Sep 6, 2023, 10:54 PM IST
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