ETV Bharat / state

कांग्रेस के लिए तजुर्बेकार नेताओं का रुख परेशानी का सबब, चुनाव पर फैसले से टिकटों में हुई देरी

Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान कांग्रेस के सीनियर लीडर्स के चुनावी दौर में फैसलों ने पार्टी को मुश्किल में डाल दिया है. लिहाज इन फैसलों का असर पार्टी पर टिकट वितरण के दौरान साफ नजर आने लगा है.

experienced leaders of Congress in Rajasthan
कांग्रेस के लिए तजुर्बेकार नेताओं का रुख
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 4, 2023, 7:27 PM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 की बयार सिर पर है और राजस्थान में दोनों प्रमुख पार्टियां टिकट वितरण को लेकर माथापच्ची में जुटी हुई हैं. नामांकन के ठीक पहले तक दोनों दल भाजपा और कांग्रेस अपने प्रत्याशियों के नाम की फाइनल लिस्ट तैयार नहीं कर पाये हैं. जबकि चुनावों के एलान से पहले दोनों दल काफी वक्त पहले ही टिकट वितरण का दावा कर रहे थे. टिकट वितरण के इस दौर में कांग्रेस अपने तजुर्बेकार नेताओं के फैसले के आगे ज्यादा जद्दोजहद करती हुई दिख रही है.

हेमाराम की पोस्ट की चर्चा: शनिवार को मंत्री हेमाराम चौधरी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए अपने चुनाव नहीं लड़ने की बात को दोहराया है. चौधरी के इस रुख के कारण पार्टी के पश्चिमी राजस्थान की रणनीति पर सीधा असर देखा जा रहा है. ऐसे में आखिरी मौके पर कांग्रेस को नहीं सूझ रहा है कि कैसे गुढ़ामलानी से हेमाराम चौधरी की जगह किसको प्रत्याशी बनाया जाए, लिहाजा मान मनौव्वल का दौर भी जारी है. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र हुड्डा के जरिए भी पार्टी चौधरी को फिर से लौटने की बात कर चुकी है, पर वे लगातार अपना रुख जाहिर करते आ रहे हैं.

experienced leaders of Congress in Rajasthan
चुनावी दौर में कांग्रेस के सीनियर लीडर्स के बड़े फैसले

पढ़ें: Rajasthan Election 2023 : हेमाराम चौधरी का चुनाव लड़ने से इनकार, समर्थक भी जिद्द पर अड़े, राजी करने के लिए हुई बड़ी सभा

लालचंद कटारिया का इनकार: जयपुर की झोटवाड़ा विधानसभा के विधायक और मंत्री लालचंद कटारिया खुद और किसी परिजन के इस दफा चुनाव लड़ने से इनकार कर चुके हैं. ऐसे में आखिरी मौके पर इस सीट पर भी कांग्रेस के लिए कसरत कम नहीं है. पार्टी झोटवाड़ा में अंतर्विरोध से जूझ रही बीजेपी के सामने चुनौती पेश करने की स्थिति में नहीं है. ऐसे में राज्यवर्धन सिंह के मुश्किल मुकाबले की राह में राहत साफ दिख रही है. माना जा रहा है कि आखिरी दौर में भी कांग्रेस का प्रयास है कि वह लालचंद कटारिया को चुनाव मैदान में उतारने की कोशिश में कामयाब हो जाए.

पढ़ें: बयाना में भाजपा से बागी रितु बनावत निर्दलीय लड़ेगी चुनाव, पति ऋषि बंसल ने जिलाध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा

हाड़ौती में भरत सिंह और धारीवाल की मुश्किल: सांगोद से विधायक और पूर्व मंत्री भरत सिंह इस बार चुनाव की रेस से खुद को बाहर रख चुके हैं. ऐसे में सांगोद से पार्टी ने भानु प्रताप सिंह को प्रत्याशी बनाया था, जिसका विरोध भरत सिंह पार्टी के मंच पर जमकर कर रहे हैं. भरत सिंह का सत्ता में रहकर विपक्ष वाला रुख अब चुनावी माहौल में मुखालफत तक पार्टी को रास नहीं आ रहा है. ऐसे में यह सीट कांग्रेस के लिए मुश्किल हो चुकी है.

पढ़ें: Rajasthan assembly election 2023: भानु प्रताप को सांगोद से टिकट के विरोध में आए भरत सिंह, ऑब्जर्वर पर उठाए सवाल

इसी तरह से कोटा उत्तर से कई दशकों तक पार्टी का चेहरा रहे शांति धारीवाल मजबूत होने के बावजूद अपनी एक टिप्पणी को लेकर सलेक्शन की फेहरिस्त में हाशिए पर खड़े नजर आ रहे हैं. पार्टी ने उनके विकल्प की तलाश का रास्ता तो खोला, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने वीटो के जरिए धारीवाल को दौड़ में बनाए हुए हैं. इस दौरान धारीवाल के पुत्र अमित धारीवाल के नाम की भी चर्चा रही, लेकिन मौजूदा राजनीति में यह मुमकिन नहीं लग रहा है.

शेखावाटी में भी संकट: कांग्रेस का मजबूत गढ़ शेखावाटी अब पार्टी के लिए चुनौती बन रहा है. ऐसे में यहां पर श्रीमाधोपुर से दीपेन्द्र सिंह शेखावत भले ही टिकट हासिल करने में कामयाब रहे हैं, लेकिन आमसभा में उनकी ओर से टिकट लेने से किया गया इनकार आज के दौर में उनके सामने चुनौती पेश कर रहा है. एक समय दीपेन्द्र सिंह अपने बेटे बालेन्दु सिंह के लिए टिकट की मांग कर रहे थे. इसी तरह से धोद में परसराम मोरदिया ने भी खुद को पीछे खींच लिया और बेटे के लिए तरफदारी की, हालात अब यह है कि मोरदिया के परिवार में दोनों बेटे टिकट की दौड़ में एक-दूजे का विरोध कर रहे हैं और धोद को लेकर पार्टी कोई फैसला नहीं ले सकी है.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 की बयार सिर पर है और राजस्थान में दोनों प्रमुख पार्टियां टिकट वितरण को लेकर माथापच्ची में जुटी हुई हैं. नामांकन के ठीक पहले तक दोनों दल भाजपा और कांग्रेस अपने प्रत्याशियों के नाम की फाइनल लिस्ट तैयार नहीं कर पाये हैं. जबकि चुनावों के एलान से पहले दोनों दल काफी वक्त पहले ही टिकट वितरण का दावा कर रहे थे. टिकट वितरण के इस दौर में कांग्रेस अपने तजुर्बेकार नेताओं के फैसले के आगे ज्यादा जद्दोजहद करती हुई दिख रही है.

हेमाराम की पोस्ट की चर्चा: शनिवार को मंत्री हेमाराम चौधरी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए अपने चुनाव नहीं लड़ने की बात को दोहराया है. चौधरी के इस रुख के कारण पार्टी के पश्चिमी राजस्थान की रणनीति पर सीधा असर देखा जा रहा है. ऐसे में आखिरी मौके पर कांग्रेस को नहीं सूझ रहा है कि कैसे गुढ़ामलानी से हेमाराम चौधरी की जगह किसको प्रत्याशी बनाया जाए, लिहाजा मान मनौव्वल का दौर भी जारी है. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र हुड्डा के जरिए भी पार्टी चौधरी को फिर से लौटने की बात कर चुकी है, पर वे लगातार अपना रुख जाहिर करते आ रहे हैं.

experienced leaders of Congress in Rajasthan
चुनावी दौर में कांग्रेस के सीनियर लीडर्स के बड़े फैसले

पढ़ें: Rajasthan Election 2023 : हेमाराम चौधरी का चुनाव लड़ने से इनकार, समर्थक भी जिद्द पर अड़े, राजी करने के लिए हुई बड़ी सभा

लालचंद कटारिया का इनकार: जयपुर की झोटवाड़ा विधानसभा के विधायक और मंत्री लालचंद कटारिया खुद और किसी परिजन के इस दफा चुनाव लड़ने से इनकार कर चुके हैं. ऐसे में आखिरी मौके पर इस सीट पर भी कांग्रेस के लिए कसरत कम नहीं है. पार्टी झोटवाड़ा में अंतर्विरोध से जूझ रही बीजेपी के सामने चुनौती पेश करने की स्थिति में नहीं है. ऐसे में राज्यवर्धन सिंह के मुश्किल मुकाबले की राह में राहत साफ दिख रही है. माना जा रहा है कि आखिरी दौर में भी कांग्रेस का प्रयास है कि वह लालचंद कटारिया को चुनाव मैदान में उतारने की कोशिश में कामयाब हो जाए.

पढ़ें: बयाना में भाजपा से बागी रितु बनावत निर्दलीय लड़ेगी चुनाव, पति ऋषि बंसल ने जिलाध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा

हाड़ौती में भरत सिंह और धारीवाल की मुश्किल: सांगोद से विधायक और पूर्व मंत्री भरत सिंह इस बार चुनाव की रेस से खुद को बाहर रख चुके हैं. ऐसे में सांगोद से पार्टी ने भानु प्रताप सिंह को प्रत्याशी बनाया था, जिसका विरोध भरत सिंह पार्टी के मंच पर जमकर कर रहे हैं. भरत सिंह का सत्ता में रहकर विपक्ष वाला रुख अब चुनावी माहौल में मुखालफत तक पार्टी को रास नहीं आ रहा है. ऐसे में यह सीट कांग्रेस के लिए मुश्किल हो चुकी है.

पढ़ें: Rajasthan assembly election 2023: भानु प्रताप को सांगोद से टिकट के विरोध में आए भरत सिंह, ऑब्जर्वर पर उठाए सवाल

इसी तरह से कोटा उत्तर से कई दशकों तक पार्टी का चेहरा रहे शांति धारीवाल मजबूत होने के बावजूद अपनी एक टिप्पणी को लेकर सलेक्शन की फेहरिस्त में हाशिए पर खड़े नजर आ रहे हैं. पार्टी ने उनके विकल्प की तलाश का रास्ता तो खोला, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने वीटो के जरिए धारीवाल को दौड़ में बनाए हुए हैं. इस दौरान धारीवाल के पुत्र अमित धारीवाल के नाम की भी चर्चा रही, लेकिन मौजूदा राजनीति में यह मुमकिन नहीं लग रहा है.

शेखावाटी में भी संकट: कांग्रेस का मजबूत गढ़ शेखावाटी अब पार्टी के लिए चुनौती बन रहा है. ऐसे में यहां पर श्रीमाधोपुर से दीपेन्द्र सिंह शेखावत भले ही टिकट हासिल करने में कामयाब रहे हैं, लेकिन आमसभा में उनकी ओर से टिकट लेने से किया गया इनकार आज के दौर में उनके सामने चुनौती पेश कर रहा है. एक समय दीपेन्द्र सिंह अपने बेटे बालेन्दु सिंह के लिए टिकट की मांग कर रहे थे. इसी तरह से धोद में परसराम मोरदिया ने भी खुद को पीछे खींच लिया और बेटे के लिए तरफदारी की, हालात अब यह है कि मोरदिया के परिवार में दोनों बेटे टिकट की दौड़ में एक-दूजे का विरोध कर रहे हैं और धोद को लेकर पार्टी कोई फैसला नहीं ले सकी है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.