अजमेर: अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले में देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए कई प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं. इनमें वे पारंपरिक खेल भी हैं, जो आधुनिकता की बढ़ती होड़ में काफी पीछे छूट गए. ऐसे ही पारंपरिक खेलों को जीवित रखने का प्रयास भी मेले में प्रतियोगिताओं के माध्यम से किया जा रहा है. रविवार को पुष्कर मेला ग्राउंड पर सतोलिया और गिल्ली डंडा प्रतियोगिता आयोजित की गई. इसमें स्थानीय और विदेशी पर्यटकों के बीच जोरदार मुकाबला हुआ. इस मुकाबले का रोमांच इतना बढ़ गया कि विदेशी पर्यटकों के साथ देशी पर्यटकों ने भी प्रतियोगिता देखने का भी जमकर आनंद लिया.
पर्यटकों को आकर्षित करने और उन्हें मेले से जोड़ने के उद्देश्य से कई प्रतियोगिताएं और विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहे हैं. रविवार को पुष्कर मेला ग्राउंड पर विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गई. इनमें पारंपरिक खेल भी शामिल रहे. पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित लंगड़ी टांग, सतोलिया और गिल्ली डंडा खेल में स्थानीय और विदेशी पर्यटकों के बीच रोचक मुकाबला हुआ. दोनों टीमों ने जीतने के लंगड़ी सतोलिया और गिल्ली डंडा प्रतियोगिता में अपना दमखम दिखाया.
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ये रहा परिणाम: मेले में सांस्कृतिक एवं खेलकूद प्रतियोगिता के सचिव डॉ कुलदीप अग्रवाल ने बताया कि लंगड़ी टांग प्रतियोगिता में 10 स्थानीय और 8 विदेशी प्रतिभागियों ने प्रतियोगिता में भाग लिया. इनमें इंग्लैंड की डेकील और डेनमार्क की कावा द्वितीय स्थान पर रही. इसी तरह से सतोलिया प्रतियोगिता में 7-7 स्थानीय और साथ विदेशी प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. प्रतियोगिता में स्थानीय टीम ने जीत हासिल की. इसी प्रकार गिल्ली डंडा प्रतियोगिता में भी 7 स्थानीय और 7 विदेशी पर्यटकों ने भाग लिया. विदेशी पर्यटकों को यह पारंपरिक खेल समझने में थोड़ी देर लगी, लेकिन मैदान में उन्होंने पूरा दमखम दिखाया. लेकिन स्थानीय टीम के आगे वे टिक नहीं पाए. स्थानीय टीम ने गिल्ली डंडा प्रतियोगिता में भी बाजी मारी है.
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पारंपरिक खेलों से खुश नजर आए विदेशी मेहमान: भारतीय पारंपरिक खेलों कोकिला विदेशी पर्यटकों के लिए भी एक नया अनुभव था. हालांकि स्थानीय लोगों के साथ वह बिल्कुल दमदारी से खेले. मैदान के बाहर भी कई विदेशी इस रोचक मुकाबले का आनंद लेते रहे और उन्होंने मैच के दौरान जमकर फोटोग्राफी भी की. इन खेलों में भाग लेने वाले विदेशी पर्यटकों में काफी उत्साह नजर आया. इंग्लैंड से पुष्कर मेले में केबी बताती है कि भारतीय पारंपरिक खेलों को देखना बहुत ही अच्छा लगा. अगली बार जरूर इस खेल का हिस्सा बनेंगे.
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उन्होंने कहा कि यह काफी आनंदित और मनोरंजन भरा था. फ्रांस से आए मैथ्यू ने बताया कि खेल में भाग लेकर उन्हें काफी मजा आया. सतोलिया खेल की तरह ही एक खेल फ्रांस में भी खेला जाता है जिसमें बॉल थ्रो की जाती है लेकिन खेल के नियम कायदे अलग होते हैं. यह अनुभव काफी शानदार रहा. ऑस्ट्रेलिया से आए डेनियल ने कहा कि इस तरह का खेल उन्होंने पहली बार खेला है हालांकि इस तरह से मिलते जुलते कई खेल हैं, लेकिन सतोलिया और गिल्ली डंडा खेल में भाग लेना उनका पहला अनुभव था. स्थानीय टीम के साथ मुकाबला अच्छा रहा.