जयपुर. प्रदेश के चिकित्सा विभाग में राज्य सरकार ने 8 कैडर में 20546 पदों पर सीधी भर्ती प्रक्रिया शुरू तो की लेकिन उसे अंजाम तक नहीं पहुंचा. आलम ये है कि इनमें से 7 कैडर में प्रोविजनल लिस्ट जारी की और फार्मासिस्ट की तो प्रोविजनल लिस्ट तक जारी नहीं की गई. जिसके विरोध में फार्मासिस्ट आमरण अनशन पर बैठे, लेकिन चुनावी आचार संहिता लगने की वजह से सोमवार को मजबूरन उन्हें अपना आंदोलन खत्म करना पड़ा.
संविदा फार्मासिस्ट संघ के प्रदेश अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया, अनशन किया लेकिन आचार संहिता लगने की वजह से यथा स्थिति अनशन खत्म किया. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महकमे में 8 कैडर में 20000 से ज्यादा भर्तियां की जानी थी. इनमें से 7 कैडर में प्रोविजनल लिस्ट जारी कर दी गई, लेकिन फार्मासिस्ट को पिछले पायदान पर रखते हुए भर्ती प्रक्रिया में देरी की गई, जिसकी वजह से प्रोविजनल सूची तक जारी नहीं हुई और आज जहां से शुरुआत की थी वहीं खड़े हैं.
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उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा ही नहीं थी, इसी वजह से भर्तियों को अटकाए रखा. आलम ये है कि जिन कैडर पर प्रोविजनल सूची जारी हो चुकी है, नियुक्ति तो उनको भी नहीं मिल पाएगी. ऐसे में सरकार ने जो 20 हजार बेरोजगारों को रोड पर छोड़ दिया है, वो सरकार को विधानसभा चुनाव में तस्वीर दिखाएंगे. सरकार ने जब युवाओं के लिए कुछ नहीं किया तो अब युवाओं की तरफ से भी नो वोट. वहीं, युवा बेरोजगार धीरज यादव ने कहा कि बेरोजगार ने यदि युवाओं के हितों पर सरकार कुठाराघात करेंगी, उनके साथ छल करेगी, उनकी मांगों को नहीं माना जाएगा, उन्हें बीच मझदार में लटकाया जाएगा तो निश्चित रूप से युवा भी सरकार के विरोध में आएंगे. यदि इन लोगों को नियुक्ति मिलती तो सोशल मीडिया पर सरकार को बधाइयां मिलती. सरकार का प्रचार होता, लेकिन अब निश्चित रूप से लोगों में मायूसी है तो सरकार का विरोध भी देखने को मिलेगा.
उधर, बेरोजगार एकीकृत महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव के नेतृत्व में भी युवा कर्मचारी चयन बोर्ड पहुंचे, जहां उन्होंने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा लेवल 1, लेवल 2 के रिक्त पदों पर वेटिंग लिस्ट जारी करवाने, पशुधन सहायक भर्ती का सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार परिणाम जारी करवाने, वनरक्षक भर्ती परीक्षा का फाइनल रिजल्ट जारी करवाने, वनपाल और फायरमैन का प्रोविजनल परिणाम जारी करवाने जैसी मांगें कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष के समक्ष रखी. हालांकि, इन अभ्यर्थियों का रिजल्ट जारी होने के बाद भी नियुक्ति आचार संहिता के खत्म होने के बाद ही होगी.