जयपुर. राजस्थान एंबुलेंस कर्मचारी संघर्ष समिति के बैनर तले हेल्पलाइन 108 और 104 एंबुलेंस कर्मियों ने बीते 11 दिन से सरकार और प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है. हालांकि, आंदोलन को निष्क्रिय करने के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से पांच एंबुलेंस कर्मियों को गिरफ्तार किया गया. वहीं, अब 108 एंबुलेंस सेवा प्रदाता कंपनी के राजस्थान स्टेट हेड विजय सिंह ने नए कार्मिकों के भर्ती किए जाने की बात कही है.
इस पर संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह शेखावत ने इसे दमनकारी नीति बताते हुए कहा कि एंबुलेंस कर्मियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया और अब कर्मचारियों के हक की लड़ाई को नई भर्तियां कर दबाने की कोशिश की जा रही है. इससे एंबुलेंस कर्मियों में सरकार के प्रति गहरा रोष है. उन्होंने मांग पूरी नहीं होने तक आंदोलन जारी रखते हुए, आर-पार की लड़ाई लड़ने की चेतावनी दी.
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आपको बता दें कि एंबुलेंस कर्मचारी ठेका प्रथा को बंद कर एंबुलेंस कर्मचारी को संविदा कर्मचारी मानकर स्थाईकरण करने की मांग पर अड़े हुए हैं. उनका तर्क है कि संविदा पर काम कर रहे कर्मचारियों को स्थाईकरण का लाभ मिलता है, लेकिन एंबुलेंस कर्मचारी आज भी कम वेतन में काम करने के लिए मजबूर है. उन्होंने सरकार से संविदा रूल्स 2022 में शामिल करने की मांग की है, लेकिन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महकमे में एसीएस लेवल तक वार्ता होने के बावजूद अब तक ना तो एंबुलेंस कर्मचारी की मांग पर बात बनी है और ना ही संघर्ष पर विराम लगा है.