जयपुर. राजस्थान में मुख्यमंत्री पद की कुर्सी को लेकर चल रही रस्साकशी और 25 सितंबर को राजस्थान में हुए (Congress Politics in Rajasthan) राजनीतिक उठापटक के करीब 57 दिन गुजर जाने के बाद भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट किसी मंच पर एक साथ नहीं दिखाई दिए. दोनों नेता हिमाचल प्रदेश और गुजरात में स्टार प्रचारक और पर्यवेक्षक के तौर पर प्रचार करते दिखे, लेकिन इन दोनों राज्यों में भी दोनों नेता एक साथ दिखाई नहीं दिए.
कुर्सी को लेकर दोनों नेताओं के बीच चल रही रस्साकशी किसी से छिपी नहीं है. जिस तरह से सचिन पायलट ने महेश जोशी, शांति धारीवाल और धर्मेंद्र राठौड़ पर कार्रवाई के साथ ही जिस तरह से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी कटाक्ष किए थे, दोनों की दूरियां साफ तौर पर दिखाई दीं. ऐसे में अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि भले ही गुजरात और हिमाचल में दोनों नेताओं ने अलग-अलग रहकर काम संभाल लिया हो, लेकिन राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जो 3 से 6 दिसंबर के बीच राजस्थान में प्रवेश करने जा रही है, उसमें भी अगर दोनों नेता एक साथ दिखाई नहीं दिए तो फिर इस यात्रा में अड़चन आ सकती है.
खास बात यह है कि अब तक राहुल गांधी के नेतृत्व में (Rahul Gandhi Bharat Jodo Yatra) जो भारत जोड़ो यात्रा निकाली जा रही है, उनमें राजस्थान वह पहला राज्य होगा जहां कांग्रेस की ही सरकार है. ऐसे में राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के दोनों प्रमुख नेताओं की दूरियां इस यात्रा में राजनीतिक पारा और गर्म कर सकती है. बहरहाल भले ही 57 दिन से दोनों नेता एक दूसरे से नहीं टकराए हों, लेकिन बुधवार 23 नवंबर को दोनों नेता एक साथ कांग्रेस पार्टी के नए कार्यालय में बैठकर रणनीति बनाते हुए दिखाई देंगे. दरअसल, भारत जोड़ो यात्रा के लिए बनाई गई 14 कमेटियों के अध्यक्षों और 18 प्रमुख नेताओं की 32 सदस्य को-ऑर्डिनेशन कमेटी की 23 नवंबर को बैठक होने जा रही है, जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट भी मौजूद रहेंगे. इस बैठक में भारत जोड़ो यात्रा को लेकर स्ट्रेटजी तैयार होगी.
प्रभारी पद से इस्तीफा देने वाले अजय माकन के आने पर संशय : बैठक में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के साथ ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा समेत भंवर जितेंद्र, हरीश चौधरी, रघुवीर मीणा समेत 32 प्रमुख नेता शामिल होंगे. कांग्रेस की ओर से बनाई गई 14 कमेटियों में से 13 कमेटियों का जिम्मा मंत्रियों को दिया गया है. ऐसे में 13 मंत्री भी इस बैठक में शामिल होंगे. हालांकि, जिन नेताओं को इस बैठक में शामिल होना है उसमें प्रभारी अजय माकन को भी बुधवार 23 नवंबर को होने वाली बैठक में शामिल होने जयपुर आना है. लेकिन अब तक उनके आने पर संशय बना हुआ है और संभव है कि जिस तरह से उन्होंने 25 सितंबर की घटना का जिक्र करते हुए कांग्रेस आलाकमान से राजस्थान प्रभारी पद की जिम्मेदारी से मुक्ति चाही थी, ऐसे में अजय माकन किसी विवाद का हिस्सा नहीं बनेंगे.
![Political Tour of Congress](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/16999118_middle.jpg)
मिल सकता है राजस्थान को नया प्रभारी : राजस्थान के प्रभारी अजय माकन अगर (Ajay Maken Resignation Controversy) राजस्थान कि जिम्मेदारी संभालने के लिए इंकार करते हैं तो संभव है कि अगले 10 दिन में नया प्रभारी मिल जाएगा. क्योंकि भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान 3 से 6 दिसंबर तक राजस्थान मे प्रवेश करेगी. वहीं, अब तक हर राज्य में यात्रा के समय प्रभारी भी मौजूद रहे हैं. ऐसे में सम्भावना है कि अगर बुधवार को अजय माकन जयपुर में होने वाली महत्वपूर्ण बैठक मे शामिल नहीं होते हैं तो भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान में प्रवेश करने से पहले राजस्थान कांग्रेस को नया प्रभारी मिल सकता है. अब प्रभारी के तौर पर यह जिम्मेदारी स्थाई मिलती है या अस्थाई रूप से संगठन के गठन तक राजस्थान को अस्थाई प्रभारी दे दिया जाए.