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सरसों की सरकारी रिकॉर्ड खरीद, 29 तक होगी सरसों और चना खरीद - जयपुर

प्रदेश में समर्थन मूल्य पर चना और सरसों की खरीद 29 जून तक और गेहूं की खरीद 30 जून तक होगी. वहीं इस बार समर्थन मूल्य पर सरसों की रिकॉर्ड खरीद हुई है. 19 जून तक 5.80 लाख मैट्रिक टन सरसों की खरीद हो चुकी है.

इस बार समर्थन मूल्य पर सरसों की हुई रिकॉर्ड खरीद
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Published : Jun 24, 2019, 12:00 AM IST

जयपुर. प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर इस बार सरसों की रिकॉर्ड खरीद हुई है. पहली बार एक ही सीजन में 2 लाख 75 हजार 44 किसानों से 5.80 लाख मीट्रिक टन सरसों की खरीद की जा चुकी है. साथ ही प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चना और सरसों की खरीद 29 जून और गेहूं की खरीद 30 जून तक होगी.

इस बार समर्थन मूल्य पर सरसों की हुई रिकॉर्ड खरीद

कोटा संभाग में सरसों और चना की खरीद पूरी हो चुकी है. पहली बार एक ही सीजन में 19 जून तक 275044 किसानों से 5.80 लाख मैट्रिक टन सरसों की रिकॉर्ड खरीद की जा चुकी है. इसकी कीमत 2438 करोड़ बताई जा रही है. वर्ष 2018 में इसी अवधि में एक लाख 61 हजार 952 किसानों से मात्र 4.45 लाख मीट्रिक टन सरसों की खरीद हुई थी. जिसकी राशि 1780 करोड़ थी. इस प्रकार पिछले सीजन की तुलना में 658 करोड़ रुपए की अधिक सरसों की खरीद हुई है.

पहली बार खरीद में बायोमेट्रिक सत्यापन और एक ही मोबाइल पर एक फसल का पंजीकरण किसानों के हित में रहा है. इसी का नतीजा रहा कि सरसों के लिए 3.55 लाख किसानों ने पंजीकरण कराया था. 20 जून तक 3.52 लाख किसानों को उपज बेचान की दिनांक भी आवंटित कर दी गई. शेष 2575 किसानों को अगले सप्ताह तक तारीख आवंटित कर दी जाएगी.

राजफेड की ओर से इस बार तहसीलवार किसानों को फायदा देने के लिए पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध कराई गई. इसके कारण किसानों को फायदा मिला. इस बार खरीद केंद्रों पर बारदाने की भी किसी तरह की कोई समस्या सामने नहीं आई और बारदाने का अतिरिक्त रिजर्व कोटा भी रखा गया.

जयपुर. प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर इस बार सरसों की रिकॉर्ड खरीद हुई है. पहली बार एक ही सीजन में 2 लाख 75 हजार 44 किसानों से 5.80 लाख मीट्रिक टन सरसों की खरीद की जा चुकी है. साथ ही प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चना और सरसों की खरीद 29 जून और गेहूं की खरीद 30 जून तक होगी.

इस बार समर्थन मूल्य पर सरसों की हुई रिकॉर्ड खरीद

कोटा संभाग में सरसों और चना की खरीद पूरी हो चुकी है. पहली बार एक ही सीजन में 19 जून तक 275044 किसानों से 5.80 लाख मैट्रिक टन सरसों की रिकॉर्ड खरीद की जा चुकी है. इसकी कीमत 2438 करोड़ बताई जा रही है. वर्ष 2018 में इसी अवधि में एक लाख 61 हजार 952 किसानों से मात्र 4.45 लाख मीट्रिक टन सरसों की खरीद हुई थी. जिसकी राशि 1780 करोड़ थी. इस प्रकार पिछले सीजन की तुलना में 658 करोड़ रुपए की अधिक सरसों की खरीद हुई है.

पहली बार खरीद में बायोमेट्रिक सत्यापन और एक ही मोबाइल पर एक फसल का पंजीकरण किसानों के हित में रहा है. इसी का नतीजा रहा कि सरसों के लिए 3.55 लाख किसानों ने पंजीकरण कराया था. 20 जून तक 3.52 लाख किसानों को उपज बेचान की दिनांक भी आवंटित कर दी गई. शेष 2575 किसानों को अगले सप्ताह तक तारीख आवंटित कर दी जाएगी.

राजफेड की ओर से इस बार तहसीलवार किसानों को फायदा देने के लिए पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध कराई गई. इसके कारण किसानों को फायदा मिला. इस बार खरीद केंद्रों पर बारदाने की भी किसी तरह की कोई समस्या सामने नहीं आई और बारदाने का अतिरिक्त रिजर्व कोटा भी रखा गया.

Intro:जयपुर। प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अबकी बार सरसों की रिकॉर्ड खरीद हुई है। पहली बार एक ही सीजन में 2 लाख 75 हजार 44 किसानों से 5.80 लाख मीट्रिक टन सरसों की खरीद की जा चुकी है। साथ ही प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर
चना और सरसों की खरीद 29 और गेहूं की खरीद 30 जून तक होगी।


Body:कोटा संभाग में सरसों की खरीद और चना की खरीद पूरी हो चुकी है । पहली बार एक ही सीजन में 19 जून तक 275044 किसानों से 5. 80 लाख मैट्रिक टन सरसों की रिकॉर्ड खरीद की जा चुकी है इसकी कीमत 2438 करोड़ बताई जा रही है। वर्ष 2018 में इसी अवधि में एक लाख 61 हजार 952 किसानों से मात्र 4.45 लाख मीट्रिक टन सरसों की खरीद हुई थी। जिसकी राशि 1780 करोड़ थी। इस प्रकार पिछले सीजन की तुलना में 658 करोड रुपए की अधिक सरसों की खरीद हुई है।
पहली बार खरीद में बायोमेट्रिक सत्यापन और एक ही मोबाइल पर एक फसल का पंजीकरण किसानों के हित में रहा है। इसी का नतीजा रहा कि सरसों के लिए 3.55 लाख किसानों ने पंजीकरण कराया था। 20 जून तक 3.52 लाख किसानों को उपज बेचान की दिनांक भी आवंटित कर दी गई। शेष 2575 किसानों को अगले सप्ताह तक तारीख आवंटित कर दी जाएगी।


Conclusion:राजफेड की ओर से इस बार तहसीलवार किसानों को फायदा देने के लिए पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध कराई गई। इसके कारण किसानों को फायदा मिला है। इस बार खरीद केंद्रों पर बारदाना की भी किसी तरह की कोई कोई समस्या नहीं आई और बारदाने का अतिरिक्त रिज़र्व कोटा भी रखा गया।

पीटूसी रमेश टांक
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