जयपुर. राजधानी के नाहरगढ़ स्थित गेटोर की छतरियों के पास पेड़ों पर लंबी-लंबी छलांग लगाने वाले लंगूरों में इन दिनों एक बीमारी फैली हुई है. जिसके चलते उनके हाथ पांव सुखकर फट रहे हैं और उनमें से खून बह रहा है. जिसके कारण वे दौड़ना तो दूर चलने में भी असमर्थ हो गए हैं.
ऐसे में स्थानीय निवासियों ने नगर निगम को बीमारी से जूझ रहे लंगूरों की हालत से अवगत कराया. इसके बाद गंभीर बीमारी से तड़प रहे लंगूरों के इलाज के लिए वन विभाग ने एक टीम भेजी गई. जिसने नाहरगढ़ स्थित गेटोर की छतरियों में पिंजरा लगाकर लंगूरों को रेस्क्यू किया. फिलहाल, वन्यजीव चिकित्सक अशोक तंवर लंगूरों का इलाज कर रहे हैं. लेकिन लंगूरों की बीमारी का समय रहते इलाज नहीं होने से बीमारी ज्यादा फैल चुकी है.
वन्यजीव डॉक्टर अशोक तंवर ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली की लंगूरों के हाथ-पैरों पर खुजली जैसी बीमारी हो रही है. जिससे लंगूरो का खाना पीना भी कम हो गया है. मौके पर आकर देखने पर पता चला है कि इन लंगूरों को पल्मोनरी पास्टुलॉस नामक बीमारी है. इस बीमारी का इलाज संभव है. लंगूरों को ट्रैंकुलाइज कर नहीं सकते इसलिए, नगर निगम की टीम लंगूरों को पकड़ेगी और वन विभाग जयपुर चिड़ियाघर की तरफ से इनका इलाज किया जाएगा.
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स्थानीय निवासी आशीष भट्ट ने बताया कि काफी समय से लंगूरों में बीमारी फैल रही है. इनके हाथ-पैरों पर खुजली जैसी बीमारी है. जिससे लंगूरों के हाथ पांव सुखकर फट रहे हैं. ऐसे में इनके लिए खाना पीना भी मुश्किल हो रहा है. इस बीमारी के चलते पिछले 2 महीने से लंगूरों की संख्या काफी कम हो गई है. इस दौरान 12 से ज्यादा लंगूरों की मौत हो चुकी है.