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सिंडिकेट की बैठक में निर्णय, नहीं होगी फीस बढ़ोतरी, आईपीडी टावर के लिए जमीन देने का प्रस्ताव खारिज...छात्र-पुलिस हुए आमने-सामने

राजस्थान विश्वविद्यालय में बुधवार को हुई सिंडीकेट बैठक में छात्रों की फीस बढ़ोतरी नहीं करने, आईपीडी टावर के लिए जमीन देने के प्रस्ताव खारिज करने के सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. वहीं, विश्वविद्यालय में छात्रों और पुलिस के बीच हंगामा भी देखने को मिला.

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राजस्थान यूनिवर्सिटी में हंगामा, पुलिस ने किया लाठीचार्ज
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Published : Jun 28, 2023, 3:36 PM IST

Updated : Jun 28, 2023, 10:09 PM IST

किसने क्या कहा, सुनिए...

जयपुर. राजस्थान विश्वविद्याय में हुई सिंडीकेट बैठक में यूजीसी रेगुलेशन 2018, छात्रों की फीस में बढ़ोतरी नहीं करने, वीसी सर्च कमेटी का गठन जैसे प्रस्ताव पास हुए. वहीं, आईपीडी टावर के लिए 10 हजार 750 वर्गमीटर जमीन दिए जाने का प्रस्ताव खारिज कर दिया गया. इससे पहले छात्रों और पुलिस के बीच बुधवार को जमकर हंगामा हुआ, जिस पर पुलिस की ओर से 5 बार लाठीचार्ज किया गया.

करीब 6 घंटे चली सिंडिकेट की बैठक में राजस्थान विश्वविद्यालय 2023-24 के लिए 431 करोड़ का बजट पास किया गया. वहीं कुलपति सर्च कमेटी के गठन के साथ ही सर्च कमेटी में कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति रहे डॉ लक्ष्मीनारायण हर्ष को सदस्य नियुक्त किया गया. इस बैठक में यूजीसी रेगुलेशन 2018 को पास किया गया, जिसके चलते अब पीएचडी एंट्रेस टेस्ट की राह भी खुल गई है. वहीं इस साल छात्रों की फीस में होने वाली 10 फीसदी बढ़ोतरी नहीं करने का प्रस्ताव भी जारी किया गया.

पढ़ेंः Rajasthan University : एडमिशन के दौर में सब्जेक्ट सिलेक्शन में कन्फ्यूज्ड स्टूडेंट्स के लिए शुरू की गई ये खास व्यवस्था

फीस बढ़ोतरी नहीं करने का फैसलाः सिंडिकेट सदस्य और विधायक अमीन कागजी ने बताया कि राजस्थान विश्वविद्यालय और उसके संघटक कॉलेजों के छात्रों पर कोई अतिरिक्त भार न पड़े, इसे ध्यान में रखते हुए फीस नहीं बढ़ाने का फैसला लिया. इसी के साथ इस साल एग्जामिनेशन फीस भी नहीं बढ़ाई जाएगी, वहीं पिछले साल राजस्थान विश्वविद्यालय को सरकार की ओर से 132 करोड़ की ग्रांट मिली थी. इस बार जो घाटे का अनुमान है, वो करीब 75 करोड़ का है. ऐसे में अब ग्रांट को 10 फीसदी बढ़ाकर लगभग 142 करोड़ की ग्रांट इस साल मिलना प्रस्तावित है, जो सरकार का राजस्थान यूनिवर्सिटी से कमिटमेंट है.

एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष ने कुलपति सचिवालय में जड़ा ताला

इसके अलावा राजस्थान विश्वविद्यालय में शिक्षकों के स्थायीकरण का मुद्दा लंबित था. इसके लिफाफे सिंडिकेट में खोले गए और जो समिति ने अनुशंसा की थी, उसमें सहायक पुस्तकालय, शारीरिक शिक्षा और दो फैकल्टी को मिलाकर करीब 22 लोगों का स्थायीकरण किया गया है. साथ ही यूजीसी रेगुलेशन 2018 को अक्षरश: मानने का प्रस्ताव पास किया गया है. दिव्यांग कर्मचारियों के लिए भत्ते का प्रावधान किया गया. विश्वविद्यालय में 2004 से पहले नियुक्त कर्मचारियों को आरजीएचएस का लाभ दिया जाएगा. पीएचडी एंट्रेंस में अब कोई भ्रांति नहीं रहेगी, छात्रों के लिए 12वीं, ग्रेजुएशन, पीजी सभी की परसेंटेज के हिसाब से मार्क्स एलोकेशन कर दिया जाएगा.

राजस्थान यूनिवर्सिटी में हंगामा

इस प्रस्ताव पर अधिकतर ने जताई असहमतिः सिंडिकेट बैठक में सबसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव में सरकार की ओर से महाराजा कॉलेज के गोखले छात्रावास की 10 हजार 750 वर्गमीटर जमीन दिए जाने के प्रस्ताव पर भी ज्यादातर सदस्यों ने असहमति जताई. इसके कारण ये प्रस्ताव पास नहीं हो सका. वहीं 5 रिसर्च एसोसिएट का प्रस्ताव सरकार से प्रशासनिक वित्तिय स्वीकृति नहीं आने तक पास नहीं किए जाने का फैसला लिया. इसके अलावा शोध छात्र प्रतिनिधि रामस्वरूप ओला के निर्वाचन को सीज किए जाने का प्रस्ताव पास किया गया. दरअसल, शोध छात्रप्रतिनिधि रामस्वरूप ओला को इंटरप्रिटेशन कमेटी की ओर से चुनाव लड़ने के लिए योग्य करार दिया गया था, जबकि इंटरप्रिटेशन कमेटी के पास ये अधिकार नहीं है कि वो किसी को योग्य करार देने का फैसला ले सके. इस संबध में प्रार्थी की ओर से एससी- एसटी कमिशन में शिकायत दी गई थी, जिसके बाद आज सिंडिकेट की बैठक में ये प्रस्ताव पास किया गया.

पढ़ेंः लड़ाई का अखाड़ा बना राजस्थान विश्वविद्यालय, गाड़ियों में तोड़फोड़, मारपीट और छेड़छाड़ का आरोप

छात्रों पर जमकर भांजी लाठियांः इससे पहले राजस्थान यूनिवर्सिटी में सिंडिकेट की मीटिंग के दौरान बाहर पुलिस की ओर से छात्रों पर जमकर लाठियां भांजी गई, जिसके चलते एक छात्र का सिर फूट गया और कई छात्रों को हाथ-पैर में चोट आई. पूरे मामले में पुलिस ने करीब दो दर्जन छात्रों को हिरासत में लिया. इस दौरान प्रदर्शनरत छात्रों ने बैरिकेडिंग को तोड़ अंदर आने का प्रयास किया. जिसके बाद पुलिस ने छात्रों को कैम्पस में खदेड़ते हुए करीब 5 बार लाठीचार्ज किया. इस दौरान पुलिस छात्रों को जमीन पर घसीटते हुए दिखाई दी, बावजूद इसके एबीवीपी और एनएसयूआई के छात्र कुलपति सचिवालय के बाहर डटे रहे.

सिंडिकेट का कोई सदस्य उनसे वार्ता करने के लिए नहीं पहुंचा. इस पर मौके पर पहुंचे एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी ने कुलपति सचिवालय के मुख्य द्वार पर ताला जड़कर सभी सिंडीकेट सदस्यों को अंदर ही कैद कर दिया. विश्वविद्यालय परिसर में भारी पुलिस जाप्ते की मौजूदगी पर सवाल उठाते हुए कहा कि या तो कैंपस में छात्र रहेंगे या पुलिस प्रशासन. बाद में छात्रों की ओर से अभिषेक चौधरी ने विधायक अमीन कागजी और कुलपति के सामने छात्रों की बात, इसके बाद सभी ने एक सुर में पुलिस प्रशासन की ओर से छात्रों पर किए गए लाठीचार्ज की कड़ी निंदा की.

किसने क्या कहा, सुनिए...

जयपुर. राजस्थान विश्वविद्याय में हुई सिंडीकेट बैठक में यूजीसी रेगुलेशन 2018, छात्रों की फीस में बढ़ोतरी नहीं करने, वीसी सर्च कमेटी का गठन जैसे प्रस्ताव पास हुए. वहीं, आईपीडी टावर के लिए 10 हजार 750 वर्गमीटर जमीन दिए जाने का प्रस्ताव खारिज कर दिया गया. इससे पहले छात्रों और पुलिस के बीच बुधवार को जमकर हंगामा हुआ, जिस पर पुलिस की ओर से 5 बार लाठीचार्ज किया गया.

करीब 6 घंटे चली सिंडिकेट की बैठक में राजस्थान विश्वविद्यालय 2023-24 के लिए 431 करोड़ का बजट पास किया गया. वहीं कुलपति सर्च कमेटी के गठन के साथ ही सर्च कमेटी में कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति रहे डॉ लक्ष्मीनारायण हर्ष को सदस्य नियुक्त किया गया. इस बैठक में यूजीसी रेगुलेशन 2018 को पास किया गया, जिसके चलते अब पीएचडी एंट्रेस टेस्ट की राह भी खुल गई है. वहीं इस साल छात्रों की फीस में होने वाली 10 फीसदी बढ़ोतरी नहीं करने का प्रस्ताव भी जारी किया गया.

पढ़ेंः Rajasthan University : एडमिशन के दौर में सब्जेक्ट सिलेक्शन में कन्फ्यूज्ड स्टूडेंट्स के लिए शुरू की गई ये खास व्यवस्था

फीस बढ़ोतरी नहीं करने का फैसलाः सिंडिकेट सदस्य और विधायक अमीन कागजी ने बताया कि राजस्थान विश्वविद्यालय और उसके संघटक कॉलेजों के छात्रों पर कोई अतिरिक्त भार न पड़े, इसे ध्यान में रखते हुए फीस नहीं बढ़ाने का फैसला लिया. इसी के साथ इस साल एग्जामिनेशन फीस भी नहीं बढ़ाई जाएगी, वहीं पिछले साल राजस्थान विश्वविद्यालय को सरकार की ओर से 132 करोड़ की ग्रांट मिली थी. इस बार जो घाटे का अनुमान है, वो करीब 75 करोड़ का है. ऐसे में अब ग्रांट को 10 फीसदी बढ़ाकर लगभग 142 करोड़ की ग्रांट इस साल मिलना प्रस्तावित है, जो सरकार का राजस्थान यूनिवर्सिटी से कमिटमेंट है.

एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष ने कुलपति सचिवालय में जड़ा ताला

इसके अलावा राजस्थान विश्वविद्यालय में शिक्षकों के स्थायीकरण का मुद्दा लंबित था. इसके लिफाफे सिंडिकेट में खोले गए और जो समिति ने अनुशंसा की थी, उसमें सहायक पुस्तकालय, शारीरिक शिक्षा और दो फैकल्टी को मिलाकर करीब 22 लोगों का स्थायीकरण किया गया है. साथ ही यूजीसी रेगुलेशन 2018 को अक्षरश: मानने का प्रस्ताव पास किया गया है. दिव्यांग कर्मचारियों के लिए भत्ते का प्रावधान किया गया. विश्वविद्यालय में 2004 से पहले नियुक्त कर्मचारियों को आरजीएचएस का लाभ दिया जाएगा. पीएचडी एंट्रेंस में अब कोई भ्रांति नहीं रहेगी, छात्रों के लिए 12वीं, ग्रेजुएशन, पीजी सभी की परसेंटेज के हिसाब से मार्क्स एलोकेशन कर दिया जाएगा.

राजस्थान यूनिवर्सिटी में हंगामा

इस प्रस्ताव पर अधिकतर ने जताई असहमतिः सिंडिकेट बैठक में सबसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव में सरकार की ओर से महाराजा कॉलेज के गोखले छात्रावास की 10 हजार 750 वर्गमीटर जमीन दिए जाने के प्रस्ताव पर भी ज्यादातर सदस्यों ने असहमति जताई. इसके कारण ये प्रस्ताव पास नहीं हो सका. वहीं 5 रिसर्च एसोसिएट का प्रस्ताव सरकार से प्रशासनिक वित्तिय स्वीकृति नहीं आने तक पास नहीं किए जाने का फैसला लिया. इसके अलावा शोध छात्र प्रतिनिधि रामस्वरूप ओला के निर्वाचन को सीज किए जाने का प्रस्ताव पास किया गया. दरअसल, शोध छात्रप्रतिनिधि रामस्वरूप ओला को इंटरप्रिटेशन कमेटी की ओर से चुनाव लड़ने के लिए योग्य करार दिया गया था, जबकि इंटरप्रिटेशन कमेटी के पास ये अधिकार नहीं है कि वो किसी को योग्य करार देने का फैसला ले सके. इस संबध में प्रार्थी की ओर से एससी- एसटी कमिशन में शिकायत दी गई थी, जिसके बाद आज सिंडिकेट की बैठक में ये प्रस्ताव पास किया गया.

पढ़ेंः लड़ाई का अखाड़ा बना राजस्थान विश्वविद्यालय, गाड़ियों में तोड़फोड़, मारपीट और छेड़छाड़ का आरोप

छात्रों पर जमकर भांजी लाठियांः इससे पहले राजस्थान यूनिवर्सिटी में सिंडिकेट की मीटिंग के दौरान बाहर पुलिस की ओर से छात्रों पर जमकर लाठियां भांजी गई, जिसके चलते एक छात्र का सिर फूट गया और कई छात्रों को हाथ-पैर में चोट आई. पूरे मामले में पुलिस ने करीब दो दर्जन छात्रों को हिरासत में लिया. इस दौरान प्रदर्शनरत छात्रों ने बैरिकेडिंग को तोड़ अंदर आने का प्रयास किया. जिसके बाद पुलिस ने छात्रों को कैम्पस में खदेड़ते हुए करीब 5 बार लाठीचार्ज किया. इस दौरान पुलिस छात्रों को जमीन पर घसीटते हुए दिखाई दी, बावजूद इसके एबीवीपी और एनएसयूआई के छात्र कुलपति सचिवालय के बाहर डटे रहे.

सिंडिकेट का कोई सदस्य उनसे वार्ता करने के लिए नहीं पहुंचा. इस पर मौके पर पहुंचे एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी ने कुलपति सचिवालय के मुख्य द्वार पर ताला जड़कर सभी सिंडीकेट सदस्यों को अंदर ही कैद कर दिया. विश्वविद्यालय परिसर में भारी पुलिस जाप्ते की मौजूदगी पर सवाल उठाते हुए कहा कि या तो कैंपस में छात्र रहेंगे या पुलिस प्रशासन. बाद में छात्रों की ओर से अभिषेक चौधरी ने विधायक अमीन कागजी और कुलपति के सामने छात्रों की बात, इसके बाद सभी ने एक सुर में पुलिस प्रशासन की ओर से छात्रों पर किए गए लाठीचार्ज की कड़ी निंदा की.

Last Updated : Jun 28, 2023, 10:09 PM IST
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