जयपुर. राइट टू हेल्थ बिल (RTH) के विरोध में शुक्रवार को निजी अस्पताल के चिकित्सकों ने अमर जवान ज्योति पर मोबाइल की टॉर्च जला कर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया. जबकि चौथे दिन एसएमएस मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट चिकित्सक भी हड़ताल पर हैं. लेकिन अभी तक सरकार और चिकित्सकों के बीच किसी तरह की कोई सहमति नहीं बन पाई है.
शुक्रवार को महिला चिकित्सकों ने महिला चिकित्सक आक्रोश रैली निकाली, जिसमें बड़ी संख्या में महिला चिकित्सकों ने हिस्सा लिया. जबकि शाम को अमर जवान ज्योति पर कैंडल मार्च का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में चिकित्सकों ने हिस्सा लिया. प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम सोसाइटी के सेक्रेटरी डॉ विजय कपूर ने कहा कि यह कानून असल में चिकित्सकों और अस्पतालों से ज्यादा नुकसान आम जानता को पहुंचाएगा.
डॉ कपूर ने कहा कि इस बिल में इमरजेंसी की जो परिभाषा है, उसके अनुसार केवल सर्प दंश, जानवर द्वारा हमला या सड़क दुर्घटना ही इमरजेंसी है. जबकि हमारे देश में मृत्यु के सबसे बड़े कारण जैसे हार्ट अटैक, रेस्पिरेटरी फेल्यर, सेप्टिसेमिया, स्ट्रोक इत्यादि इस बिल में शामिल ही नहीं है. अब तक लागू नहीं हुए इस बिल के बारे में सरकार के नेताओं की ओर से अभी से गलत प्रचार किया जा रहा है. जनता को गुमराह किया जा रहा है. उसके कारण कई लोग इमरजेंसी उपचार के लिए निजी अस्पतालों में पहुंच रहे हैं. उपचार ना मिल पाने के कारण जनता में रोष फैल रहा है.
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इसके अलावा निजी अस्पतालों के इस आंदोलन को एसएमएस मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट चिकित्सकों ने भी समर्थन दिया है. आज चौथे दिन भी रेजिडेंट चिकित्सक हड़ताल पर रहे. जिसके बाद एसएमएस अस्पताल में वैकल्पिक व्यवस्था की गई है. मरीजों को इलाज मिल सके, इसके लिए अतिरिक्त चिकित्सक लगाए गए हैं. एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर अचल शर्मा ने शुक्रवार को ओपीडी समेत अस्पताल के वार्डों का दौरा किया.