जयपुर : शनिवार को भजनलाल कैबिनेट की ओर से नए जिलों को निरस्त किए जाने के फैसले पर सांचौर से पूर्व विधायक और मंत्री रहे सुखराम बिश्नोई मुखर होकर सामने आए हैं. सांचौर जिले को निरस्त करने के फैसले पर विपक्ष ने भाजपा सरकार को घेरना शुरू किया है. पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई और पूर्व जन अभाव निराकरण समिति के पूर्व अध्यक्ष पुखराज पाराशर ने कहा कि बीजेपी सरकार ने जनता के साथ कुठाराघात किया है.
सरकार के निर्णय से जनता में आक्रोश है. पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई ने कहा कि यह निर्णय न केवल प्रशासनिक व्यवस्था को कमजोर करता है, बल्कि जनता की उम्मीदों और विकास के सपनों के साथ कुठाराघात है. खासतौर पर सांचौर की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि इसे जिला बनाया जाना न केवल जरूरी था, बल्कि क्षेत्र की जनता की वर्षों पुरानी मांग थी. सांचौर का बड़ा क्षेत्रफल, दूर-दराज के गांवों की समस्याएं और अन्य क्षेत्रीय मुद्दे इसे जिला बनाए जाने की प्राथमिकता में रखते हैं. उन्होंने सोमवार को इस मसले को लेकर आगे की रणनीति बनाकर आंदोलन जारी रखने की बात कही है.
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सीकर को संभाग से हटाने पर नाराज पारीक : सीकर को संभाग समाप्त किए जाने के विरोध में शहर विधायक राजेंद्र पारीक ने राज्य सरकार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि संभाग से आम जनता को खुशियां मिली थी, लेकिन राज्य सरकार ने जनता के साथ छलावा किया है, जिसका जनता आने वाले वक्त पर जवाब देगी. उन्होंने संभाग समाप्त करने पर कड़ी आपत्ति जताई है. राजेंद्र पारीक ने कहा कि लंबे समय के संघर्ष के बाद सीकर को संभाग का दर्जा मिला था. ऐसे में इस विषय पर कांग्रेस जल्द बड़ा आंदोलन करेगी.
सरकार को लगेगा पाप : गंगापुर सिटी से कांग्रेस विधायक रामकेश मीणा ने भी सरकार के फैसले पर नाराज भी जताई है. रामकेश मीणा ने कहा कि इस फैसले के विरोध में हर स्तर पर सरकार को घेरा जाएगा. उपनेता रामकेश मीणा बोले कि भजनलाल सरकार को इस फैसले पर गो हत्या जितना पाप लगेगा.
71 साल बाद मिली खुशी को छीना : नीमकाथाना से विधायक सुरेश मोदी ने कहा कि 71 साल के संघर्ष के बाद उन्हें जिले की सौगात मिली थी. साल 1952 से रुक-रुक कर जिला बनाने का आंदोलन चल रहा था. इसके बाद गहलोत सरकार के वक्त में जिले की घोषणा हुई थी, लेकिन भजनलाल शर्मा की सरकार ने 16 महीने बाद ही जिले का आदेश रद्द कर दिया. उन्होंने कहा कि 10 लाख लोगों को अब फिर से बदलवाने पड़ेंगे, लिहाजा नीम का थाना के लोग आंदोलन करेंगे और आज से व्यापार मंडल सहित कई संगठन अनिश्चितकालीन बंद के आह्वान पर रहेंगे. सुरेश मोदी ने कहा कि जिले को हटाने पर नीम का थाना की जनता में भारी आक्रोश है. जिला बचाओ संघर्ष समिति की आज रामलीला मैदान में विरोध सभा करेगी. इसके पहले बीती रात भी SFI ने खेतड़ी मोड पर नारेबाजी कर सरकार के फैसले का विरोध जताकर जिले को यथावत रखने की मांग की थी.
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शाहपुरा जिला समाप्त करने के विरोध में बंद : शाहपुरा को जिला निरस्त करने के बाद भीलवाड़ा में शामिल किए जाने का विरोध भी शुरू हो चुका है. यहां रविवार को बंद के आह्वान का मिला-जुला असर देखने को मिला. सुबह त्रिमूर्ति चौराहा और सदर बाजार पूरी रूप से बंद रहे, जबकि बाहरी बस्तियों के साथ ही कलिजंरीगेट चौराहे पर दुकानें खुली हुई नजर आई. बंद के दौरान शहर के प्रमुख स्थानों पर पुलिस जाप्ता भी तैनात रहा.