जयपुर. प्रदेश के शिक्षा विभाग को सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत छात्रों को मिड डे मील उपलब्ध करवाने के लिए 2151.04 करोड़ की आवश्यकता है. राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने वर्ष 2023-24 के मिड डे मील के लिए जो प्रस्ताव तैयार किया है उसमें 919.54 करोड़ रुपए की राशि राज्य सरकार जबकि 1231.50 करोड़ रुपये केंद्र सरकार को वहन करना है. ये प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है. यदि केंद्र की ओर से वहन की जाने वाली राशि का भुगतान नहीं हुआ तो राज्य सरकार पर करोड़ों रुपए का अतिरिक्त भार पड़ सकता है.
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के राज्य परियोजना निदेशक डॉ. मोहन लाल यादव ने बताया कि नए बजट सत्र में बच्चों को मिड डे मील उपलब्ध करवाने के लिए केंद्र सरकार के पास 1231.50 करोड़ राशि का प्रपोजल भेजा गया है, जबकि राज्य सरकार 919.54 करोड़ खर्च करेगी. हाल ही में राज्य सरकार ने कुक कम हेल्पर का मानदेय भी बढ़ाया है. अब तक कुक कम हेल्पर को 1742 रुपए प्रति महीने दिए जा रहे थे, जिसमें केंद्र का शेयर 600 रुपए और राज्य सरकार का शेयर 1142 रुपए था. इस मानदेय की राशि बढ़ाकर 2003 रुपए कर दी गई है, जिसमें केंद्र का शेयर 600 रुपए और राज्य सरकार का शेयर 1403 रुपए है.
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किस मद में कितना बजट प्रस्तावित
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उन्होंने बताया कि मिड डे मील योजना के तहत 60 फीसदी बजट केंद्र और 40 फीसदी राज्य सरकार की ओर से दिया जाता है. नया बजट सत्र शुरू हो चुका है और शिक्षा सत्र शुरू होने वाला है, ऐसे में इस सत्र में 67 लाख 28 हजार स्कूली बच्चों को मिड डे मील उपलब्ध करवाया जाएगा. इसमें 2151.04 करोड़ रुपए खर्च होने हैं. इसमें कुकिंग कॉस्ट, किचन, कुक कम हेल्पर, ट्रांसपोर्टेशन और फूड ग्रेन की कॉस्ट भी शामिल हैं.