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रीको औद्योगिक क्षेत्र के एजुकेशन संस्थानों से प्रॉपर्टी टैक्स वसूलने पर मांगा जवाब

रीको औद्योगिक क्षेत्र में स्थित एक एजुकेशन संस्थान से ग्रेटर नगर निगम की ओर से प्रॉपर्टी टैक्स वसूली के नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर एक याचिका में इस संबंध में आदेश को रद्द करने की अपील की (Petition in property tax by Nigam in RIICO area) है. इस पर कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है.

Property tax by Nigam in RIICO Industrial area, educational institute file petition in court
रीको औद्योगिक क्षेत्र के एजुकेशन संस्थानों से प्रॉपर्टी टैक्स वसूलने पर मांगा जवाब
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Published : Oct 22, 2022, 9:12 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाइकोर्ट ने रीको औद्योगिक क्षेत्र में स्थित एजुकेशन संस्थानों से प्रॉपर्टी टैक्स वसूलने पर प्रमुख यूडीएच सचिव, ग्रेटर निगम आयुक्त और राजस्थान औद्योगिक विकास निगम से जवाब मांगा है. सीजे पंकज मिथल और जस्टिस एमएम श्रीवास्तव की खंडपीठ ने यह ओदश कंप्युकॉम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट की याचिका पर दिए. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि नगर निगम चाहे तो याचिकाकर्ता से प्रॉपर्टी टैक्स में छूट दे सकती है.

याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता रीको औद्योगिक क्षेत्र में एजुकेशन संस्था चलाते हैं. ऐसे में रीको ही उनसे सर्विस चार्ज, विकास शुल्क और रखरखाव शुल्क सहित अन्य शुल्क लेने का अधिकारी है. इसके बावजूद ग्रेटर नगर निगम के सांगानेर जोन ने उन्हें नगर पालिका अधिनियम को लेकर 24 अगस्त, 2016 को जारी अधिसूचना का हवाला देते हुए करीब 10 लाख रुपए का प्रॉपर्टी टैक्स वसूली का नोटिस भेज (Property tax by Nigam in RIICO Industrial area) दिया. वहीं टैक्स जमा नहीं कराने पर परिसर को सील करने की धमकी दी. जिसके चलते याचिकाकर्ता ने विरोध के साथ 2 लाख रुपए जमा करा दिए.

पढ़ें: अलवर: प्रदूषण फैलाने के आरोप में 7 मिनरल ग्राइंडिंग यूनिट बंद, राजगढ़ रीको औद्योगिक क्षेत्र की सभी यूनिटों को नोटिस

याचिका में कहा गया कि नगर निगम को औद्योगिक क्षेत्र में प्रॉपर्टी टैक्स वसूलने का क्षेत्राधिकार ही नहीं है. इस क्षेत्र में जो भी शुल्क लगाना है, वह रीको ही लगाएगा. इसलिए 24 अगस्त, 2016 की अधिसूचना को रद्द कर टैक्स वसूली को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाइकोर्ट ने रीको औद्योगिक क्षेत्र में स्थित एजुकेशन संस्थानों से प्रॉपर्टी टैक्स वसूलने पर प्रमुख यूडीएच सचिव, ग्रेटर निगम आयुक्त और राजस्थान औद्योगिक विकास निगम से जवाब मांगा है. सीजे पंकज मिथल और जस्टिस एमएम श्रीवास्तव की खंडपीठ ने यह ओदश कंप्युकॉम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट की याचिका पर दिए. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि नगर निगम चाहे तो याचिकाकर्ता से प्रॉपर्टी टैक्स में छूट दे सकती है.

याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता रीको औद्योगिक क्षेत्र में एजुकेशन संस्था चलाते हैं. ऐसे में रीको ही उनसे सर्विस चार्ज, विकास शुल्क और रखरखाव शुल्क सहित अन्य शुल्क लेने का अधिकारी है. इसके बावजूद ग्रेटर नगर निगम के सांगानेर जोन ने उन्हें नगर पालिका अधिनियम को लेकर 24 अगस्त, 2016 को जारी अधिसूचना का हवाला देते हुए करीब 10 लाख रुपए का प्रॉपर्टी टैक्स वसूली का नोटिस भेज (Property tax by Nigam in RIICO Industrial area) दिया. वहीं टैक्स जमा नहीं कराने पर परिसर को सील करने की धमकी दी. जिसके चलते याचिकाकर्ता ने विरोध के साथ 2 लाख रुपए जमा करा दिए.

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याचिका में कहा गया कि नगर निगम को औद्योगिक क्षेत्र में प्रॉपर्टी टैक्स वसूलने का क्षेत्राधिकार ही नहीं है. इस क्षेत्र में जो भी शुल्क लगाना है, वह रीको ही लगाएगा. इसलिए 24 अगस्त, 2016 की अधिसूचना को रद्द कर टैक्स वसूली को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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