जयपुर. राज्य में स्वास्थ्य के अधिकार कानून (Right to Health Bill) को लेकर में बवाल मचा हुआ है. इस बिल के विरोध में प्राइवेट अस्पताल खड़े हैं. अब उनके साथ बीजेपी भी आई गई है. विरोध के बीच सोमवार को गहलोत सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा, बिल में अगर कोई खामी है तो उसके सुझाव दें. उन पर विचार करेंगे, लेकिन राइट टू हेल्थ बिल प्रदेश की जनता के हित में है और इसे लाकर रहेंगे.
प्रदेश हित मे स्वास्थ्य अधिकार कानून: मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि राइट टू हेल्थ बिल चिकित्सकों और प्रदेश की जनता के हित में है और सभी के लिए जरूरी है. मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, राइट टू हेल्थ बिल सरकार इसी सत्र में लेकर आ रही है. चिकित्सकों का हम सम्मान करते हैं अगर उन्हें लगता है कि बिल में कोई कमी है तो उन्हें सुझाव देना चाहिए. सरकार ने सभी से सुझाव मांगे हैं. हमारे पास जो भी सुझाव आए या आ रहे हैं उनको बिल में शामिल करेंगे. वह भी अपना सुझाव दें, उनके सुझावों को भी बिल में शामिल करेंगे.
जन घोषणा पत्र के 86 फीसदी वादे पूरे: प्रताप सिंह खाचरियावास ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी झूठ बोलती है कि हमने जन घोषणाओं को पूरा नहीं किया. हमारी सरकार ने जन घोषणा पत्र के 86 फीसदी वादों को पूरा किया है. बजट घोषणाओं को भी पूरा किया है और इस बार जो बजट आएगा. वह पूरी तरह से युवाओं को समर्पित होगा. खाचरियावास ने कहा, केंद्र सरकार ने जो वादे जनता से किए थे वह आज तक पूरे नहीं हुए हैं. वह उनको दिखाई नहीं देता. उन्होंने कहा, दिन प्रतिदिन महंगाई बढ़ती जा रही है, लेकिन केंद्र सरकार आमजन की नहीं सुन रही है. बीजेपी के नेता सिर्फ और सिर्फ दुष्प्रचार कर सकते हैं.
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बिल पर विपक्ष का सवाल: इससे पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने राइट टू हेल्थ बिल को लेकर सरकार की मंशा पर भी सवाल खड़े किए. पूनिया कहा था कि जिन चिकित्सकों ने कोरोना काल में कोरोना योद्धा बनकर काम किया था. सरकार उनके साथ दुर्व्यवहार कर रही है. यह बिल उन चिकित्सकों के हितों के खिलाफ है.