जयपुर. गुलाबी नगरी में मासूमों के साथ दरिंदगी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. पोक्सो एक्ट के प्रकरणों को आंकड़ों के अनुसार राजधानी में औसतन रोजाना एक मासूम को दरिंदगी का शिकार बनाया जा रहा है. चौंकाने वाली बात तो यह है कि वर्ष 2018 की तुलना में वर्ष 2019 में मासूमों पर होने वाले दरिंदगी के प्रकरणों में काफी बढ़ोतरी हुई है. जो जयपुर पुलिस के लिए भी चिंता का एक बहुत बड़ा विषय है.
राजधानी में मासूमों के साथ दरिंदगी के मामलों में लगातार हो रही बढ़ोतरी से साफ जाहिर होता है कि दरिंदों में कानून का कोई भी खौफ नहीं है. पिछले महीने राजधानी के शास्त्री नगर थाना इलाके में जीवाणु नामक दरिंदे को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था. जो दर्जनों मासूमों को अब तक अपनी दरिंदगी का शिकार बना चुका है. ना जाने जीवाणु जैसे और कितने दरिंदे राजधानी में घूम रहे हैं. जो मासूमों से उनकी मासूमियत और बचपन छीन रहे हैं.
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राजधानी में वर्ष 2018 में पोक्सो के कुल 149 प्रकरण दर्ज किए गए थे. जिनमें सभी प्रकरणों में आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. वहीं वर्ष 2019 में अक्टूबर माह तक 235 पोक्सो के प्रकरण दर्ज किए जा चुके हैं. जिनमें से 40 प्रकरण अभी भी पेंडिंग चल रहे हैं.
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राजधानी में लगातार बढ़ रहे पोक्सो के मामलों को देखते हुए बाल अधिकार एक्टिविस्ट का कहना है कि कानून को और सख्त करने की आवश्यकता है. साथ ही पुलिस को भी फास्ट ट्रैक कोर्ट में आरोपी के खिलाफ जल्द चालान पेश करना चाहिए ताकि मासूमों के साथ दरिंदगी करने वाले दरिंदों को जल्द सजा मिल सके.
उत्तर जिला | 29 प्रकरण |
दक्षिण जिला | 40 प्रकरण |
पूर्व जिला | 42 प्रकरण |
पश्चिम जिला | 38 प्रकरण |
वर्ष 2018 में पूर्व जिला का जयपुर कमिश्नरेट में पोक्सो एक्ट के प्रकरणों में पहले स्थान पर रहा.
उत्तर जिला | 46 प्रकरण |
दक्षिण जिला | 66 प्रकरण |
पूर्व जिला | 54 प्रकरण |
पश्चिम जिला | 69 प्रकरण |
वर्ष 2019 में अब तक पोक्सो एक्ट के प्रकरणों में पश्चिम जिला पहले स्थान पर है.
उत्तर जिला | 9 प्रकरण |
दक्षिण जिला | 7 प्रकरण |
पूर्व जिला | 15 प्रकरण |
पश्चिम जिला | 9 प्रकरण |
पोक्सो एक्ट के पेंडिंग प्रकरणों में भी जयपुर पुलिस कमिश्नरेट का पश्चिम जिला पहले स्थान पर है.