ETV Bharat / state

स्पेशल रिपोर्टः राजधानी में औसतन रोजाना एक नाबालिग हो रही दरिंदगी का शिकार

प्रदेश की राजधानी में मासूमों के साथ दरिंदगी थमने का नाम नही ले रही है. बता दें कि पोक्सो एक्ट के मामले वर्ष 2018 के मुकाबले 2019 में ज्यादा सामने आए है. वहीं इस साल अब तक कई मामले पोक्सो कोर्ट में पेंडिंग चल रहे है.

Pocso Act cases in jaipur, जयपुर में पोक्सो एक्ट के मामले
जयपुर में पोक्सो एक्ट मामलों में बढ़त
author img

By

Published : Dec 1, 2019, 1:08 PM IST

जयपुर. गुलाबी नगरी में मासूमों के साथ दरिंदगी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. पोक्सो एक्ट के प्रकरणों को आंकड़ों के अनुसार राजधानी में औसतन रोजाना एक मासूम को दरिंदगी का शिकार बनाया जा रहा है. चौंकाने वाली बात तो यह है कि वर्ष 2018 की तुलना में वर्ष 2019 में मासूमों पर होने वाले दरिंदगी के प्रकरणों में काफी बढ़ोतरी हुई है. जो जयपुर पुलिस के लिए भी चिंता का एक बहुत बड़ा विषय है.

जयपुर में पोक्सो एक्ट मामलों में बढ़त

राजधानी में मासूमों के साथ दरिंदगी के मामलों में लगातार हो रही बढ़ोतरी से साफ जाहिर होता है कि दरिंदों में कानून का कोई भी खौफ नहीं है. पिछले महीने राजधानी के शास्त्री नगर थाना इलाके में जीवाणु नामक दरिंदे को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था. जो दर्जनों मासूमों को अब तक अपनी दरिंदगी का शिकार बना चुका है. ना जाने जीवाणु जैसे और कितने दरिंदे राजधानी में घूम रहे हैं. जो मासूमों से उनकी मासूमियत और बचपन छीन रहे हैं.

ये पढ़ेंः स्पेशल रिपोर्ट : 33 प्रतिशत आरक्षण... फिर भी अजमेर पुलिस बेड़े में महिलाओं की भागीदारी महज 1 फीसदी

राजधानी में वर्ष 2018 में पोक्सो के कुल 149 प्रकरण दर्ज किए गए थे. जिनमें सभी प्रकरणों में आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. वहीं वर्ष 2019 में अक्टूबर माह तक 235 पोक्सो के प्रकरण दर्ज किए जा चुके हैं. जिनमें से 40 प्रकरण अभी भी पेंडिंग चल रहे हैं.

ये पढ़ेंः स्पेशल रिपोर्टः बढ़ते नए रोगियों के साथ साथ दवाई छोड़ने वाले संक्रमित बन रहे हैं परेशानी

राजधानी में लगातार बढ़ रहे पोक्सो के मामलों को देखते हुए बाल अधिकार एक्टिविस्ट का कहना है कि कानून को और सख्त करने की आवश्यकता है. साथ ही पुलिस को भी फास्ट ट्रैक कोर्ट में आरोपी के खिलाफ जल्द चालान पेश करना चाहिए ताकि मासूमों के साथ दरिंदगी करने वाले दरिंदों को जल्द सजा मिल सके.

वर्ष 2018 में जयपुर कमिश्नरेट के विभिन्न जिलों में दर्ज हुए पोक्सो के प्रकरण

उत्तर जिला

29 प्रकरण

दक्षिण जिला

40 प्रकरण

पूर्व जिला

42 प्रकरण

पश्चिम जिला

38 प्रकरण

वर्ष 2018 में पूर्व जिला का जयपुर कमिश्नरेट में पोक्सो एक्ट के प्रकरणों में पहले स्थान पर रहा.

वर्ष 2019 में अक्टूबर माह तक जयपुर कमिश्नरेट के विभिन्न जिलों में दर्ज पोक्सो के प्रकरण

उत्तर जिला

46 प्रकरण

दक्षिण जिला

66 प्रकरण

पूर्व जिला

54 प्रकरण

पश्चिम जिला

69 प्रकरण

वर्ष 2019 में अब तक पोक्सो एक्ट के प्रकरणों में पश्चिम जिला पहले स्थान पर है.

वर्ष 2019 में अक्टूबर माह तक पेंडिंग पोक्सो एक्ट के प्रकरण

उत्तर जिला

9 प्रकरण

दक्षिण जिला

7 प्रकरण

पूर्व जिला

15 प्रकरण

पश्चिम जिला

9 प्रकरण

पोक्सो एक्ट के पेंडिंग प्रकरणों में भी जयपुर पुलिस कमिश्नरेट का पश्चिम जिला पहले स्थान पर है.

जयपुर. गुलाबी नगरी में मासूमों के साथ दरिंदगी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. पोक्सो एक्ट के प्रकरणों को आंकड़ों के अनुसार राजधानी में औसतन रोजाना एक मासूम को दरिंदगी का शिकार बनाया जा रहा है. चौंकाने वाली बात तो यह है कि वर्ष 2018 की तुलना में वर्ष 2019 में मासूमों पर होने वाले दरिंदगी के प्रकरणों में काफी बढ़ोतरी हुई है. जो जयपुर पुलिस के लिए भी चिंता का एक बहुत बड़ा विषय है.

जयपुर में पोक्सो एक्ट मामलों में बढ़त

राजधानी में मासूमों के साथ दरिंदगी के मामलों में लगातार हो रही बढ़ोतरी से साफ जाहिर होता है कि दरिंदों में कानून का कोई भी खौफ नहीं है. पिछले महीने राजधानी के शास्त्री नगर थाना इलाके में जीवाणु नामक दरिंदे को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था. जो दर्जनों मासूमों को अब तक अपनी दरिंदगी का शिकार बना चुका है. ना जाने जीवाणु जैसे और कितने दरिंदे राजधानी में घूम रहे हैं. जो मासूमों से उनकी मासूमियत और बचपन छीन रहे हैं.

ये पढ़ेंः स्पेशल रिपोर्ट : 33 प्रतिशत आरक्षण... फिर भी अजमेर पुलिस बेड़े में महिलाओं की भागीदारी महज 1 फीसदी

राजधानी में वर्ष 2018 में पोक्सो के कुल 149 प्रकरण दर्ज किए गए थे. जिनमें सभी प्रकरणों में आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. वहीं वर्ष 2019 में अक्टूबर माह तक 235 पोक्सो के प्रकरण दर्ज किए जा चुके हैं. जिनमें से 40 प्रकरण अभी भी पेंडिंग चल रहे हैं.

ये पढ़ेंः स्पेशल रिपोर्टः बढ़ते नए रोगियों के साथ साथ दवाई छोड़ने वाले संक्रमित बन रहे हैं परेशानी

राजधानी में लगातार बढ़ रहे पोक्सो के मामलों को देखते हुए बाल अधिकार एक्टिविस्ट का कहना है कि कानून को और सख्त करने की आवश्यकता है. साथ ही पुलिस को भी फास्ट ट्रैक कोर्ट में आरोपी के खिलाफ जल्द चालान पेश करना चाहिए ताकि मासूमों के साथ दरिंदगी करने वाले दरिंदों को जल्द सजा मिल सके.

वर्ष 2018 में जयपुर कमिश्नरेट के विभिन्न जिलों में दर्ज हुए पोक्सो के प्रकरण

उत्तर जिला

29 प्रकरण

दक्षिण जिला

40 प्रकरण

पूर्व जिला

42 प्रकरण

पश्चिम जिला

38 प्रकरण

वर्ष 2018 में पूर्व जिला का जयपुर कमिश्नरेट में पोक्सो एक्ट के प्रकरणों में पहले स्थान पर रहा.

वर्ष 2019 में अक्टूबर माह तक जयपुर कमिश्नरेट के विभिन्न जिलों में दर्ज पोक्सो के प्रकरण

उत्तर जिला

46 प्रकरण

दक्षिण जिला

66 प्रकरण

पूर्व जिला

54 प्रकरण

पश्चिम जिला

69 प्रकरण

वर्ष 2019 में अब तक पोक्सो एक्ट के प्रकरणों में पश्चिम जिला पहले स्थान पर है.

वर्ष 2019 में अक्टूबर माह तक पेंडिंग पोक्सो एक्ट के प्रकरण

उत्तर जिला

9 प्रकरण

दक्षिण जिला

7 प्रकरण

पूर्व जिला

15 प्रकरण

पश्चिम जिला

9 प्रकरण

पोक्सो एक्ट के पेंडिंग प्रकरणों में भी जयपुर पुलिस कमिश्नरेट का पश्चिम जिला पहले स्थान पर है.

Intro:जयपुर
एंकर- गुलाबी नगर को ना जाने किसकी बुरी नजर लगी है जो मासूमों के साथ दरिंदगी के चौकानेवाले मामले सामने आ रहे हैं। यदि बात की जाए पोक्सो एक्ट के प्रकरणों की तो राजधानी में औसतन रोजाना एक मासूम को दरिंदगी का शिकार बनाया जा रहा है। चौंकाने वाली बात तो यह है कि वर्ष 2018 की तुलना में वर्ष 2019 में मासूमों पर होने वाले दरिंदगी के प्रकरणों में काफी बढ़ोतरी हुई है। जो जयपुर पुलिस के लिए भी चिंता का एक बहुत बड़ा विषय है।


Body:वीओ- राजधानी में मासूमों के साथ दरिंदगी के मामलों में लगातार हो रही बढ़ोतरी से साफ जाहिर होता है कि दरिंदों में कानून का कोई भी खौफ नहीं है। गत माह पूर्व राजधानी के शास्त्री नगर थाना इलाके में जीवाणु नामक दरिंदे को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था जो दर्जनों मासूमों को अब तक अपनी दरिंदगी का शिकार बना चुका है। ना जाने जीवाणु जैसे और कितने दरिंदे राजधानी में घूम रहे हैं जो मासूमों से उनकी मासूमियत और बचपन छीन रहे हैं। राजधानी में वर्ष 2018 में पोक्सो के कुल 149 प्रकरण दर्ज किए गए थे और सभी प्रकरणों में आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। वहीं वर्ष 2019 में अक्टूबर माह तक 235 पोक्सो के प्रकरण दर्ज किए जा चुके हैं जिनमें से 40 प्रकरण अभी भी पेंडिंग चल रहे हैं। राजधानी में लगातार बढ़ रहे पोक्सो के मामलों को देखते हुए बाल अधिकार एक्टिविस्ट का कहना है कि कानून को और सख्त करने की आवश्यकता है और साथ ही पुलिस को भी फास्ट ट्रैक कोर्ट में आरोपी के खिलाफ जल्द चालान पेश करना चाहिए ताकि मासूमों के साथ दरिंदगी करने वाले दरिंदों को जल्द सजा मिल सके।

-वर्ष 2018 में जयपुर कमिश्नरेट के विभिन्न जिलों में दर्ज हुए पोक्सो के प्रकरण

उत्तर जिला- 29 प्रकरण
दक्षिण जिला- 40 प्रकरण
पूर्व जिला- 42 प्रकरण
पश्चिम जिला- 38 प्रकरण

वर्ष 2018 में जयपुर कमिश्नरेट का पूर्व जिला पोक्सो एक्ट के प्रकरणों में पहले स्थान पर रहा।

- वर्ष 2019 में अक्टूबर माह तक जयपुर कमिश्नरेट के विभिन्न जिलों में दर्ज हुए पोक्सो के प्रकरण

उत्तर जिला- 46 प्रकरण
दक्षिण जिला- 66 प्रकरण
पूर्व जिला- 54 प्रकरण
पश्चिम जिला- 69 प्रकरण

वर्ष 2019 में अब तक पोक्सो एक्ट के प्रकरणों में पश्चिम जिला पहले स्थान पर है।

वर्ष 2019 में अक्टूबर माह तक पेंडिंग पोक्सो एक्ट के प्रकरण

उत्तर जिला- 9 प्रकरण
दक्षिण जिला- 7 प्रकरण
पूर्व जिला- 9 प्रकरण
पश्चिम जिला- 15 प्रकरण

पोक्सो एक्ट के पेंडिंग प्रकरणों में भी जयपुर पुलिस कमिश्नरेट का पश्चिम जिला पहले स्थान पर है।

बाइट- ताहिरा बानो, बाल अधिकार एक्टिविस्ट


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.