जयपुर. राजस्थान के चुनावी रण में सत्ता की कुर्सी पर कौन काबिज होगा, इसका फैसला 3 दिसंबर को मतगणना के साथ ही हो जाएगा. इससे पहले भाजपा और कांग्रेस के नेता अपने-अपने पक्ष में बंपर मतदान होने और अपनी-अपनी पार्टी की सरकार बनने का दावा कर रहे हैं. इस बीच प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने राजस्थान में इस बार बंपर वोटिंग होने का श्रेय कांग्रेस नेताओं के चुनावी अभियान, सरकार के काम और कांग्रेस की ओर से दी गई गारंटियों को दिया है. साथ ही दावा किया है कि जब चुनाव परिणाम आएंगे तो कांग्रेस को बहुमत मिलेगा.
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने बुधवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कांग्रेस सरकार ने पांच साल में गुड गवर्नेंस दी और कोरोना काल में बेहतर प्रबंधन किया. पांच साल बेहतर बजट पेश किया और कई फ्लैगशिप योजनाएं लागू की, जिनकी चर्चा देशभर में है. कई राज्यों में राजस्थान के मॉडल को अंगीकार करने की होड़ मची है. ऐसे में राजस्थान की जनता ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व, राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में सामने आए मुद्दों, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से महंगाई राहत शिविरों में लागू की गई 10 गारंटियों और चुनाव से पहले दी गई 7 गारंटियों को पूरा करने के वादे पर बंपर वोटिंग की है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में सामने आए मुद्दों, नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलने के भरोसे और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की गारंटियों पर लोगों ने भरोसा जताया है और इन्हीं सब कारणों ने जनता को बंपर वोटिंग के लिए प्रेरित किया है.
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पांच साल में भाजपा ने नहीं उठाए मुद्दे : गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा पर भी निशाना साधा और कहा कि राजस्थान में भाजपा में आपसी फूट और कलह रही. यहां सात-आठ लोग स्वयंभू मुख्यमंत्री बने हुए थे. भाजपा ने पांच साल में विपक्ष के तौर पर कोई भी मुद्दा नहीं उठाया. इससे जनता नाराज थी और कांग्रेस पार्टी की नीतियों और नेतृत्व से जनता प्रभावित थी, इसलिए मतदान कांग्रेस के पक्ष में हुआ है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में सीएम पद को लेकर कोई रेस नहीं है. पार्टी आलाकमान जो तय करेगा, वही राजस्थान का मुख्यमंत्री होगा. गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व और नीतियों से प्रभावित होकर जनता ने प्रदेश में इस बार बंपर वोटिंग की है. जो मतदान हुआ है, वह कांग्रेस के पक्ष में हुआ है. राजस्थान में निश्चित रूप से जब 3 दिसंबर को चुनाव परिणाम आएगा तो पूर्ण बहुमत से कांग्रेस की सरकार आएगी.