जयपुर. आमजन को इलाज मिल सके इसे लेकर राज्य सरकार राइट टू हेल्थ बिल लेकर आई थी, लेकिन चिकित्सक संगठनों के विरोध के बाद इसे वापस लेना पड़ा. प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने इस बिल को लेकर एक बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि इमरजेंसी का पूरा खर्च सरकार उठाने को तैयार है. प्रवर समिति की बैठक में इस पर निर्णय लिया जाएगा.
राइट टू हेल्थ बिल को लेकर चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने बताया कि निजी अस्पताल में इमरजेंसी में कोई मरीज इलाज के लिए जाता है, तो उसका भुगतान सरकार की ओर से किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसके लिए सरकार द्वारा अलग से फंड बनाया जाएगा. चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि 11 फरवरी को होने वाली प्रवर समिति की बैठक में डॉक्टर्स का पक्ष सुना जाएगा और उसी दिन राइट टू हेल्थ बिल को अंतिम रुप दे दिया जाएगा. हालांकि इससे पहले प्रदेशभर के विभिन्न चिकित्सक संगठन इस बिल का विरोध कर रहे थे.
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उनका कहना था कि सरकार इमरजेंसी शब्द को क्लियर करें और यदि अस्पताल इमरजेंसी में किसी भी मरीज का इलाज करेगा, तो उसका खर्च कौन उठाएगा जिसके बाद इस बिल को लेकर काफी विरोध भी हुआ. यहां तक कि प्राइवेट अस्पताल से जुड़े विभिन्न चिकित्सक संगठनों ने बंद का भी आह्वान किया. चिकित्सक संगठनों का कहना था कि जब यह बिल तैयार किया गया तो चिकित्सक संगठनों की राय नहीं ली गई और जब प्रवर समिति की बैठक होने वाली है. तब भी चिकित्सक संगठनों की राय नहीं ली जा रही. हालांकि मंत्री परसादी लाल मीणा का कहना है कि प्रवर समिति की बैठक में चिकित्सकों से जो सुझाव दिए हैं उन पर चर्चा की जाएगी और उनसे राय ली जाएगी.