जयपुर. प्राइवेट स्कूलों पर मनमाना रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए अभिभावक सरकार से गुहार लगाते फिर रहे हैं. इस क्रम में शनिवार को अभिभावकों का एक दल शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला और जाहिदा खान के आवास पर पहुंचा. हालांकि, यहां सिर्फ ज्ञापन देने की औपचारिकता हुई, क्योंकि दोनों ही मंत्री अपने आवास पर मौजूद नहीं थे. अब अभिभावकों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार प्राइवेट स्कूलों पर नकेल नहीं कसेगी तो अभिभावक सड़कों पर उतरेंगे.
अभिभावक राजधानी समेत प्रदेशभर के प्राइवेट स्कूलों में फीस बढ़ाने और आरटीई के प्रावधानों का उल्लंघन करने का आरोप लगा रहे हैं. वह अपनी शिकायतें लेकर मंत्रियों के आवास पर पहुंच रहे हैं. शनिवार को अभिभावक संघ मंत्री डॉ. बीडी कल्ला के आवास पर पहुंचा, लेकिन यहां उनसे मुलाकात नहीं हो पाई. मंत्री के आवास के बाहर सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी को ज्ञापन सौंपकर अभिभावकों को लौटना पड़ा. इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि निजी स्कूल मनमाने तरह से फीस में वृद्धि तो कर ही रहे हैं, अब ये स्कूल आरटीई के प्रावधानों की भी अवहेलना कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि प्राइवेट स्कूल उच्चतम न्यायालय के आदेश भी नहीं मान रहे. हर साल मनमानी फीस बढ़ाई जा रही है और सुनने वाला कोई नहीं.
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ये हैं प्रमुख मांगें :
1. उच्चतम न्यायालय की ओर से 3 मई 2021 और 1 अक्टूबर 2021 को दिए आदेश की पालना सख्त निर्देशों के साथ करवाई जाए.
2. निजी विद्यालयों में फीस वृद्धि पर रोक लगाने का नियम लागू किया जाए.
3. निजी विद्यालयों में सत्र की शुरुआत में कॉपी, किताब, ड्रेस में कमीशन और महंगी वस्तुएं देने की शिकायत आ रही है, जिनका त्वरित समाधान निकाला जाए.
4. निजी विद्यालयों में सत्र 2022-23 में आरटीई प्रक्रिया के तहत हुए प्री-प्राइमरी कक्षा और उसके आगे की कक्षाओं के एडमिशन बरकार रखे जाएं.
5. सरकार की ओर से सत्र 2022-23 में आरटीई प्रक्रिया के तहत जिन विद्यार्थियों के निजी विद्यालयों में एडमिशन हुए हैं, उनको नियमित करवाने के बाद ही नए सत्र 2023-24 की आरटीई एडमिशन प्रक्रिया शुरू की जाए.
6. आरटीई प्रक्रिया के तहत हुए सफल एडमिशन के बावजूद विद्यार्थियों पर भी कई निजी स्कूलों की ओर से फीस जमा करवाने का दबाव बनाया जा रहा है. ऐसे विद्यालयों पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करते हुए उनकी मान्यता रद्द की जाए.
7. निजी विद्यालयों की ओर से आरटीई प्रक्रिया की लॉटरी सिस्टम में सफल विद्यार्थियों के लॉटरी में वरीयता प्राप्त होने के बावजूद एडमिशन नहीं दिया जा रहा है, और कम वरीयता प्राप्त होने के बावजूद निजी विद्यालय उन्हें मनमाने तरीके से एडमिशन दे रहे हैं. इन निजी विद्यालयों पर भी सख्त कार्रवाई की जाए.
8. मुख्यमंत्री की बजट घोषणा, जिसमें कक्षा 9वीं से 12वीं तक की शिक्षा निशुल्क दी जानी है, उसकी नीति और प्रक्रिया शिक्षा विभाग की ओर से जल्द घोषित की जाए, जिससे छात्रों की शिक्षा नए सत्र में चालू रहे.