जयपुर. इस बार आर्थिक गणना पेपरलैस तरीके से होगी. इसमें किसी भी तरह के कागज का उपयोग नहीं किया जाएगा. इसके तहत घर-घर जाकर लोगों से उनके व्यवसाय व आर्थिक स्त्रोतों के बारे में जानकारी एक मोबाइल एप के जरिए जुटाई जाएगी. इस आर्थिक गणना से जयपुर जिले के छोटे-मोटे कारोबार करने वाले लोग सामने आ जाएंगे और एक आंकड़ा विभाग के पास आ जाएगा.
जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने बताया कि आर्थिक गणना के लिए सभी प्रशिक्षकों और क्षेत्रीय प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है. अब सर्विस सेंटर के माध्यम से प्रगणकों की भर्ती की जाएगी और वे घर-घर जाकर एप के माध्यम से लोगों के व्यवसाय और काम की जानकारी जुटाएंगे. यह प्रगणक निजी कर्मचारी होंगे. यादव ने बताया कि प्रगणक भारत सरकार के मापदंड के अनुसार आर्थिक गणना करेंगे.
जिला सांख्यिकी अधिकारी आर्थिक गणना में सहायता करेंगे. कलेक्टर यादव ने बताया कि कोई भी व्यक्ति जो छोटा-मोटा काम करता हो और काम के बदले उसे आर्थिक लाभ होता है, इस गणना में सामने आ जाएगा. उन्होंने बताया कि इसमें कृषि क्षेत्र को छोड़ दिया जाएगा. इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की गणना नहीं की जाएगी.
सांख्यिकी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर जगदीश प्रसाद मीणा ने बताया कि पहली बार यह आर्थिक गणना पेपरलैस होगी और मोबाइल एप से की जाएगी. इसके लिए ब्लॉक और गांव स्तर पर प्रगणक लगाए जाएंगे और उन पर सुपरवाइजर नियुक्त रहेंगे. जो उनके सर्वे कार्यों की जांच करेंगे. उन्होंने बताया कि पहले आर्थिक गणना 2014 में की गई थी. अब 2019 में आर्थिक गणना होगी और यह डोर-टू-डोर गणना की जाएगी.
उन्होंने बताया कि गणना को लेकर प्रगणक को सारे काम ऑनलाइन करने होंगे. इसलिए उनके द्वारा लापरवाही किए जाने की संभावना नगण्य है. वे जहां-जहां जाएंगे, कितनी देर रुकेंगे, इसका ऑनलाइन लेखा-जोखा रहेगा. उन्होंने बताया कि कोई भी शिक्षित व्यक्ति जो सर्वे के काम में रुचि रखता हो, वह इसके लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकता है.
उन्होंने बताया कि सुपरवाइजर लेवल दो पर सरकारी कर्मचारी होंगे और वे प्रगणकों के 10 फीसदी सर्वे कार्य की जांच करेंगे. यदि उसमें 30 फीसदी से ज्यादा गलती निकलती है तो प्रगणक को दोबारा सर्वे का कार्य करना होगा. एक प्रगणक को चार-पांच ब्लॉक दिए जाएंगे, लेकिन इन ब्लॉकों में आबादी निश्चित नहीं है.
उन्होंने बताया कि एनएसएसओ के मानसरोवर स्थित दफ्तर में डेटा फीडिंग का काम किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसमें दो तरह के व्यवसाय को शामिल किया जाएगा. इसमें पहला तो वे जिनके पास स्थाई स्ट्रक्चर नहीं है. जैसे कोई ठेला चला कर या घूम फिर कर अपना सामान बेचते हैं. दूसरा वह जिनके पास स्थाई स्ट्रक्चर है. जैसे दुकानदार, शोरूम संचालक आदि शामिल है. उन्होंने बताया कि प्रगणक के पास जो एप होगा, उसमें पूरा फॉर्मेट है, जिसमें पूरी जानकारी अंकित की जाएगी.