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पहली बार पेपरलैस होगी गणना...वित्तीय जानकारी जुटा तैयार की जाएगी आर्थिक कुंडली - जयपुर

पहली बार आर्थिक गणना पेपरलैस होगी. इस बार आर्थिक गणना का कार्य मोबाइल एप के जरिए किया जाएगा. इसके जरिए वित्तीय जानकारी के स्त्रोत के बारे में जानकारियां जुटाकर आर्थिक कुंडली तैयार की जाएगी. इसके लिए विभागीय स्तर पर तैयारियां शुरू हो चुकी है. इस गणना के तहत प्रगणक जानकारी जुटाकर मोबाइल एप में फार्मेट के अनुसार सभी जानकारियां अपलोड करेंगे.

पहली बार पेपरलैस होगी आर्थिक गणना
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Published : Jun 23, 2019, 5:19 PM IST

जयपुर. इस बार आर्थिक गणना पेपरलैस तरीके से होगी. इसमें किसी भी तरह के कागज का उपयोग नहीं किया जाएगा. इसके तहत घर-घर जाकर लोगों से उनके व्यवसाय व आर्थिक स्त्रोतों के बारे में जानकारी एक मोबाइल एप के जरिए जुटाई जाएगी. इस आर्थिक गणना से जयपुर जिले के छोटे-मोटे कारोबार करने वाले लोग सामने आ जाएंगे और एक आंकड़ा विभाग के पास आ जाएगा.

पहली बार पेपरलैस होगी आर्थिक गणना

जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने बताया कि आर्थिक गणना के लिए सभी प्रशिक्षकों और क्षेत्रीय प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है. अब सर्विस सेंटर के माध्यम से प्रगणकों की भर्ती की जाएगी और वे घर-घर जाकर एप के माध्यम से लोगों के व्यवसाय और काम की जानकारी जुटाएंगे. यह प्रगणक निजी कर्मचारी होंगे. यादव ने बताया कि प्रगणक भारत सरकार के मापदंड के अनुसार आर्थिक गणना करेंगे.

जिला सांख्यिकी अधिकारी आर्थिक गणना में सहायता करेंगे. कलेक्टर यादव ने बताया कि कोई भी व्यक्ति जो छोटा-मोटा काम करता हो और काम के बदले उसे आर्थिक लाभ होता है, इस गणना में सामने आ जाएगा. उन्होंने बताया कि इसमें कृषि क्षेत्र को छोड़ दिया जाएगा. इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की गणना नहीं की जाएगी.

सांख्यिकी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर जगदीश प्रसाद मीणा ने बताया कि पहली बार यह आर्थिक गणना पेपरलैस होगी और मोबाइल एप से की जाएगी. इसके लिए ब्लॉक और गांव स्तर पर प्रगणक लगाए जाएंगे और उन पर सुपरवाइजर नियुक्त रहेंगे. जो उनके सर्वे कार्यों की जांच करेंगे. उन्होंने बताया कि पहले आर्थिक गणना 2014 में की गई थी. अब 2019 में आर्थिक गणना होगी और यह डोर-टू-डोर गणना की जाएगी.

उन्होंने बताया कि गणना को लेकर प्रगणक को सारे काम ऑनलाइन करने होंगे. इसलिए उनके द्वारा लापरवाही किए जाने की संभावना नगण्य है. वे जहां-जहां जाएंगे, कितनी देर रुकेंगे, इसका ऑनलाइन लेखा-जोखा रहेगा. उन्होंने बताया कि कोई भी शिक्षित व्यक्ति जो सर्वे के काम में रुचि रखता हो, वह इसके लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकता है.

उन्होंने बताया कि सुपरवाइजर लेवल दो पर सरकारी कर्मचारी होंगे और वे प्रगणकों के 10 फीसदी सर्वे कार्य की जांच करेंगे. यदि उसमें 30 फीसदी से ज्यादा गलती निकलती है तो प्रगणक को दोबारा सर्वे का कार्य करना होगा. एक प्रगणक को चार-पांच ब्लॉक दिए जाएंगे, लेकिन इन ब्लॉकों में आबादी निश्चित नहीं है.

उन्होंने बताया कि एनएसएसओ के मानसरोवर स्थित दफ्तर में डेटा फीडिंग का काम किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसमें दो तरह के व्यवसाय को शामिल किया जाएगा. इसमें पहला तो वे जिनके पास स्थाई स्ट्रक्चर नहीं है. जैसे कोई ठेला चला कर या घूम फिर कर अपना सामान बेचते हैं. दूसरा वह जिनके पास स्थाई स्ट्रक्चर है. जैसे दुकानदार, शोरूम संचालक आदि शामिल है. उन्होंने बताया कि प्रगणक के पास जो एप होगा, उसमें पूरा फॉर्मेट है, जिसमें पूरी जानकारी अंकित की जाएगी.

जयपुर. इस बार आर्थिक गणना पेपरलैस तरीके से होगी. इसमें किसी भी तरह के कागज का उपयोग नहीं किया जाएगा. इसके तहत घर-घर जाकर लोगों से उनके व्यवसाय व आर्थिक स्त्रोतों के बारे में जानकारी एक मोबाइल एप के जरिए जुटाई जाएगी. इस आर्थिक गणना से जयपुर जिले के छोटे-मोटे कारोबार करने वाले लोग सामने आ जाएंगे और एक आंकड़ा विभाग के पास आ जाएगा.

पहली बार पेपरलैस होगी आर्थिक गणना

जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने बताया कि आर्थिक गणना के लिए सभी प्रशिक्षकों और क्षेत्रीय प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है. अब सर्विस सेंटर के माध्यम से प्रगणकों की भर्ती की जाएगी और वे घर-घर जाकर एप के माध्यम से लोगों के व्यवसाय और काम की जानकारी जुटाएंगे. यह प्रगणक निजी कर्मचारी होंगे. यादव ने बताया कि प्रगणक भारत सरकार के मापदंड के अनुसार आर्थिक गणना करेंगे.

जिला सांख्यिकी अधिकारी आर्थिक गणना में सहायता करेंगे. कलेक्टर यादव ने बताया कि कोई भी व्यक्ति जो छोटा-मोटा काम करता हो और काम के बदले उसे आर्थिक लाभ होता है, इस गणना में सामने आ जाएगा. उन्होंने बताया कि इसमें कृषि क्षेत्र को छोड़ दिया जाएगा. इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की गणना नहीं की जाएगी.

सांख्यिकी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर जगदीश प्रसाद मीणा ने बताया कि पहली बार यह आर्थिक गणना पेपरलैस होगी और मोबाइल एप से की जाएगी. इसके लिए ब्लॉक और गांव स्तर पर प्रगणक लगाए जाएंगे और उन पर सुपरवाइजर नियुक्त रहेंगे. जो उनके सर्वे कार्यों की जांच करेंगे. उन्होंने बताया कि पहले आर्थिक गणना 2014 में की गई थी. अब 2019 में आर्थिक गणना होगी और यह डोर-टू-डोर गणना की जाएगी.

उन्होंने बताया कि गणना को लेकर प्रगणक को सारे काम ऑनलाइन करने होंगे. इसलिए उनके द्वारा लापरवाही किए जाने की संभावना नगण्य है. वे जहां-जहां जाएंगे, कितनी देर रुकेंगे, इसका ऑनलाइन लेखा-जोखा रहेगा. उन्होंने बताया कि कोई भी शिक्षित व्यक्ति जो सर्वे के काम में रुचि रखता हो, वह इसके लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकता है.

उन्होंने बताया कि सुपरवाइजर लेवल दो पर सरकारी कर्मचारी होंगे और वे प्रगणकों के 10 फीसदी सर्वे कार्य की जांच करेंगे. यदि उसमें 30 फीसदी से ज्यादा गलती निकलती है तो प्रगणक को दोबारा सर्वे का कार्य करना होगा. एक प्रगणक को चार-पांच ब्लॉक दिए जाएंगे, लेकिन इन ब्लॉकों में आबादी निश्चित नहीं है.

उन्होंने बताया कि एनएसएसओ के मानसरोवर स्थित दफ्तर में डेटा फीडिंग का काम किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसमें दो तरह के व्यवसाय को शामिल किया जाएगा. इसमें पहला तो वे जिनके पास स्थाई स्ट्रक्चर नहीं है. जैसे कोई ठेला चला कर या घूम फिर कर अपना सामान बेचते हैं. दूसरा वह जिनके पास स्थाई स्ट्रक्चर है. जैसे दुकानदार, शोरूम संचालक आदि शामिल है. उन्होंने बताया कि प्रगणक के पास जो एप होगा, उसमें पूरा फॉर्मेट है, जिसमें पूरी जानकारी अंकित की जाएगी.

Intro:जयपुर। जयपुर इस बार आर्थिक गणना पेपरलैस तरीके से होगी। इसमें किसी भी तरह के कागज का उपयोग नहीं किया जाएगा। घर घर जाकर लोगों से उनकी व्यवसाय की जानकारी एक मोबाइल एप से जुटाई जाएगी। इस आर्थिक गणना से जयपुर जिले के छोटे-मोटे कारोबार करने वाले लोग सामने आ जाएंगे और एक आंकड़ा विभाग के पास आ जाएगा।



Body:जिला कलेक्टर जागरूप सिंह यादव ने बताया कि आर्थिक गणना के लिए सभी प्रशिक्षकों और क्षेत्रीय प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। अब सर्विस सेंटर के माध्यम से प्रगणकों की भर्ती की जाएगी और यह घर घर जाकर ऐप के माध्यम से लोगों की व्यवसाय और काम की जानकारी जुटाई है। यह प्रगणक निजी कर्मचारी होंगे। यादव ने बताया कि प्रगणक भारत सरकार के मापदंड के अनुसार आर्थिक गणना करेंगे। जिला सांख्यिकी अधिकारी आर्थिक गणना में सहायता करेगा। कलेक्टर जागरूप सिंह यादव ने बताया कि कोई भी व्यक्ति जो छोटा-मोटा काम करता हो और काम के बदले आर्थिक लाभ होता है इस गणना में सामने आ जाएगा। कलेक्टर जागरूप सिंह यादव ने बताया कि इसमें कृषि क्षेत्र को छोड़ दिया जाएगा। इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगो की गणना नहीं की जाएगी। इसके अलावा घर की ग्रहणी को भी छोड़ जाएगा लेकिन ऐसी ग्रहणी जो सिलाई करती है , अपने लिए सिलाई करती है तो ठीक है। यदि वह सिलाई दूसरे के लिए करती है कुछ आर्थिक लाभ होता है तो उसकी भी गणना इस आर्थिक गणना में की जाएगी।


Conclusion:सांख्यिकी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर जगदीश प्रसाद मीणा ने बताया कि पहली बार यह आर्थिक गणना पेपर लेस होगी और मोबाइल एप से की जाएगी। इसके लिए ब्लॉक और गाँव स्तर पर प्रगणक लगाए जाएंगे और उनके ऊपर सुपरवाइजर लगाए गए जो उनके कार्यों की जांच करेंगे । उन्होंने बताया कि पहले आर्थिक गणना 2014 में की गई थी। अब 2019 में आर्थिक गणना होगी और यह डोर टू डोर गणना की जाएगी।
जगदीश ने बताया कि प्रगणक को सारे काम ऑनलाइन करने होंगे इसलिए उनके द्वारा लापरवाही किए जाने की संभावना नगण्य है। वे जहां जहां जाएंगे कितनी देर रुकेंगे इसका ऑनलाइन लेखा-जोखा रखा जाएगा। कोई भी पढ़ा-लिखा व्यक्ति जो सर्वे के काम में रुचि रखता है वह इसके लिए ऑनलाइन अप्लाई कर सकता है। उन्होंने कहा कि सुपरवाइजर लेवल दो सरकारी कर्मचारी होंगे और वे प्रगणकों के 10 फ़ीसदी काम की जांच करेंगे। यदि उसमे 30 फीसदी से ज्यादा गलती निकलती है तो प्रगणक को दोबारा सर्वे का कार्य करना होगा। एक प्रगणक को चार-पांच ब्लॉक दिए जाएंगे लेकिन इन ब्लॉकों में आबादी निश्चित नहीं है।
जगदीश प्रसाद मीणा ने बताया ई गवर्नेंस एजेंसी कॉमन सर्विस सेंटर आर्थिक गणना का काम करेगी। यह सरकारी एजेंसी है और यह है लेबर डिपार्टमेंट और डिजिटल इंडिया का भी काम करती है। उन्होंने बताया कि एनएसएसओ के मानसरोवर में स्थित दफ्तर में डेटा फीडिंग का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन व्यक्तियों को सैलरी मिलती है उनको इस आर्थिक गणना में शामिल नहीं किया जाएगा लेकिन उनकी एंट्री जरूर की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस में दो तरह के व्यवसाय को शामिल किया जाएगा। पहला तो वे जिनके पास स्थाई स्ट्रक्चर नहीं है। जैसे कोई ठेला चला कर या घूम फिर कर अपना सामान बेचते हैं दूसरा वह जिनके पास स्थाई स्ट्रक्चर है। जैसे दुकानदार दुकान जाता है और सामान बेचकर आर्थिक लाभ देता है। उन्होंने बताया कि प्रगणक के पास जो ऐप होगा उसमें पूरा फॉर्मेट है जिसमें विषय की पूरी जानकारी बनेगी।

बाईट 1. कलेक्टर जागरूप सिंह यादव
2. सांख्यिकी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर जगदीश प्रसाद मीणा
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