जयपुर. ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री रमेश चन्द मीना (Ramesh Chandra Meena reviewed ongoing development works ) ने आज बुधवार को इंदिरा गांधी पंचायती राज एवं ग्रामीण संस्थान में आयोजित बैठक में विकास कार्यों की समीक्षा की. इस दौरान विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि विभाग के माध्यम से करवाए जाने वाले सभी कार्यों का ग्राम पंचायत, पंचायत समिति एवं जिला परिषद की साधारण सभा की बैठकों में अनुमोदन करवाया जाना आवश्यक है तथा अनुमोदन के बाद ही विकास कार्यों की स्वीकृति जारी की जाए.
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि विकास कार्यों के सत्यापन के बाद ही भुगतान की कार्रवाई की जाए एवं इसके लिए विभाग स्तर पर एक सेल का भी गठन किया जाए. मंत्री रमेश चंद्र मीना ने जयपुर, चूरू एवं पाली जिले में जल ग्रहण विकास एवं भू संरक्षण के करवाए गए विभिन्न निर्माण कार्यों की निष्पक्ष जांच किसी थर्ड पार्टी से करवाने के निर्देश दिए हैं. रमेश चंद्र मीना ने कहा कि राजीव गांधी जल संचय योजना का मुख्य उद्देश्य भूजल स्तर में वृद्धि एवं जल संगठन के ढांचे तैयार करना है. इसलिए इस योजना के माध्यम से ऐसे कार्य किए जाएं जो आमजन के लिए उपयोगी हो.
मीना ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि योजना के माध्यम से ऐसे कार्य करवाए जाएं जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो सके तथा बंजर भूमि को उपजाऊ बनाया जा सके. उन्होंने सतही पानी को रोकने, विलुप्त नदियों को पुनर्जीवित करने एवं जोहड़, बावड़ी नालों तथा तालाबों के लिए एक प्रभावी कार्य योजना बनाने के निर्देश दिया है. डूंगरपुर जिले में राजीव गांधी जल संचय योजना के प्रथम चरण में करवाए गए निर्माण कार्यों का भौतिक सत्यापन थर्ड पार्टी से करवाने के निर्देश भी दिए हैं. मंत्री रमेश चंद्र मीना ने अधिकारियों को पाली जिले के 1 हजार 235 कार्यों का निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए. लेकिन अभी तक केवल 100 कार्यों का ही निरीक्षण किया गया है, जिनमें 44 कार्यों में कमियां पाई गई, जिस पर मीना ने संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए.