ETV Bharat / state

डूंगरपुर में अपराध पर लगाम, पुलिस की सख्ती से क्राइम रेट में गिरावट, लेकिन चोरी की घटनाओं में इजाफा - DUNGARPUR CRIME CONTROL

डूंगरपुर में 2024 में अपराध दर 8% घटा, डकैती शून्य रही. मर्डर, दुष्कर्म, अपहरण में के मामलों में कमी दर्ज की गई, लेकिन चोरियां बढ़ीं.

DUNGARPUR CRIME CONTROL,  CRIME RATE DROP IN DUGARPUR
डूंगरपुर में अपराध पर लगा लगाम. (ETV Bharat dungarpur)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 1, 2025, 3:46 PM IST

डूंगरपुर : आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में पुलिस ने अपराधों की रोकथाम में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है. पूरे वर्ष में डकैती की एक भी घटना नहीं हुई, जबकि मर्डर, दुष्कर्म, अपहरण जैसी वारदातों में भी कमी दर्ज की गई है. हालांकि, चोरी की घटनाओं में 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जिसमें चोरों ने सूने घरों और दुकानों को निशाना बनाया और नकदी समेत कीमती सामान चुराए.

अपराध नियंत्रण में पुलिस की सक्रियता : डूंगरपुर की एसपी मोनिका सेन ने बताया कि वर्षभर अपराधों की रोकथाम के लिए सख्त कदम उठाए गए. जागरूकता अभियानों के माध्यम से लोगों को सतर्क किया गया, जिससे 2023 की तुलना में 2024 में अपराध दर में गिरावट आई. हालांकि, 2022 की तुलना में अपराध दर अभी भी अधिक है. 2022 में जिले में कुल 2,439 आपराधिक घटनाएं दर्ज की गई थीं, जबकि 2023 में यह आंकड़ा 11 प्रतिशत बढ़कर 2,744 तक पहुंच गया, लेकिन 2024 में पुलिस की सख्ती के चलते अपराध दर 8 प्रतिशत कम हुई और कुल 2,522 केस दर्ज किए गए.

डूंगरपुर एसपी मोनिका सेन (ETV Bharat dungarpur)

इसे भी पढ़ें- भरतपुर जिले में अपराध में 7.28% की कमी, लेकिन दुष्कर्म व महिला अत्याचार के मामले बढ़े

चोरी की वारदातें बढ़ीं : जिले में अपराध के आंकड़ों पर गौर करें तो चोरी की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है. 2023 में 149 चोरी की वारदातें दर्ज हुई थीं, जो 2024 में बढ़कर 178 हो गईं, यानी 17 प्रतिशत की वृद्धि. चोरों ने विशेष रूप से खाली घरों, दुकानों और दफ्तरों को निशाना बनाया और नकदी, जेवर व अन्य कीमती सामान ले उड़े. हालांकि, पुलिस ने कई मामलों में त्वरित कार्रवाई कर अपराधियों को पकड़ा.

वहीं, डकैती की घटनाओं पर पुलिस ने पूरी तरह से लगाम लगा दी. 2022 और 2023 में जहां तीन-तीन डकैती के मामले सामने आए थे, वहीं 2024 में एक भी वारदात नहीं हुई. मर्डर, हत्या का प्रयास, लूटपाट और अपहरण की घटनाओं में भी कमी आई है. खासतौर पर, दुष्कर्म की घटनाओं में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई. 2023 में जहां 140 मामले सामने आए थे, वहीं 2024 में यह संख्या घटकर 92 रह गई. भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज मामलों में भी गिरावट आई है. 2023 में जहां 1,822 केस दर्ज हुए थे, वहीं 2024 में यह आंकड़ा 1,722 हो गया.

डूंगरपुर में अपराध के आंकड़ें
डूंगरपुर में अपराध के आंकड़ें (ETV Bharat GFX)

इसे भी पढ़ें- भरतपुर रेंज में अपराध से अर्जित संपत्तियों पर शिकंजा, तीन जिलों में अटैचमेंट कार्रवाई शुरू

महिला अपराधों में गिरावट : महिला अपराधों के मामलों में भी कमी देखने को मिली. 2022 में 582 मामले दर्ज हुए थे, जो 2023 में बढ़कर 719 हो गए थे. लेकिन 2024 में पुलिस की सख्ती और सक्रिय कार्रवाई के चलते यह आंकड़ा घटकर 588 हो गया. इसी तरह, अनुसूचित जाति (SC) से जुड़े मामलों में भी गिरावट आई. 2023 में ऐसे 20 केस दर्ज हुए थे, जबकि 2024 में यह संख्या घटकर मात्र 6 रह गई. अनुसूचित जनजाति (ST) से जुड़े अपराधों के मामले भी 42 से घटकर 23 हो गए.

सख्ती और जागरूकता से मिली सफलता : एसपी मोनिका सेन ने बताया कि अपराध दर में गिरावट पुलिस की कड़ी कार्रवाई और जागरूकता अभियानों का परिणाम है. स्कूलों और सार्वजनिक स्थलों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए, खासतौर पर युवाओं को अपराध से दूर रहने के लिए प्रेरित किया गया. इसके साथ ही, अपराधियों के खिलाफ समय-समय पर धरपकड़ अभियान भी चलाए गए. उन्होंने आगे कहा कि अपराधों पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए पुलिस को जनता का सहयोग चाहिए, यदि लोग सतर्क रहें और अपराधों की सूचना पुलिस को दें, तो अपराधियों पर और कड़ा शिकंजा कसा जा सकता है.

डूंगरपुर : आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में पुलिस ने अपराधों की रोकथाम में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है. पूरे वर्ष में डकैती की एक भी घटना नहीं हुई, जबकि मर्डर, दुष्कर्म, अपहरण जैसी वारदातों में भी कमी दर्ज की गई है. हालांकि, चोरी की घटनाओं में 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जिसमें चोरों ने सूने घरों और दुकानों को निशाना बनाया और नकदी समेत कीमती सामान चुराए.

अपराध नियंत्रण में पुलिस की सक्रियता : डूंगरपुर की एसपी मोनिका सेन ने बताया कि वर्षभर अपराधों की रोकथाम के लिए सख्त कदम उठाए गए. जागरूकता अभियानों के माध्यम से लोगों को सतर्क किया गया, जिससे 2023 की तुलना में 2024 में अपराध दर में गिरावट आई. हालांकि, 2022 की तुलना में अपराध दर अभी भी अधिक है. 2022 में जिले में कुल 2,439 आपराधिक घटनाएं दर्ज की गई थीं, जबकि 2023 में यह आंकड़ा 11 प्रतिशत बढ़कर 2,744 तक पहुंच गया, लेकिन 2024 में पुलिस की सख्ती के चलते अपराध दर 8 प्रतिशत कम हुई और कुल 2,522 केस दर्ज किए गए.

डूंगरपुर एसपी मोनिका सेन (ETV Bharat dungarpur)

इसे भी पढ़ें- भरतपुर जिले में अपराध में 7.28% की कमी, लेकिन दुष्कर्म व महिला अत्याचार के मामले बढ़े

चोरी की वारदातें बढ़ीं : जिले में अपराध के आंकड़ों पर गौर करें तो चोरी की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है. 2023 में 149 चोरी की वारदातें दर्ज हुई थीं, जो 2024 में बढ़कर 178 हो गईं, यानी 17 प्रतिशत की वृद्धि. चोरों ने विशेष रूप से खाली घरों, दुकानों और दफ्तरों को निशाना बनाया और नकदी, जेवर व अन्य कीमती सामान ले उड़े. हालांकि, पुलिस ने कई मामलों में त्वरित कार्रवाई कर अपराधियों को पकड़ा.

वहीं, डकैती की घटनाओं पर पुलिस ने पूरी तरह से लगाम लगा दी. 2022 और 2023 में जहां तीन-तीन डकैती के मामले सामने आए थे, वहीं 2024 में एक भी वारदात नहीं हुई. मर्डर, हत्या का प्रयास, लूटपाट और अपहरण की घटनाओं में भी कमी आई है. खासतौर पर, दुष्कर्म की घटनाओं में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई. 2023 में जहां 140 मामले सामने आए थे, वहीं 2024 में यह संख्या घटकर 92 रह गई. भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज मामलों में भी गिरावट आई है. 2023 में जहां 1,822 केस दर्ज हुए थे, वहीं 2024 में यह आंकड़ा 1,722 हो गया.

डूंगरपुर में अपराध के आंकड़ें
डूंगरपुर में अपराध के आंकड़ें (ETV Bharat GFX)

इसे भी पढ़ें- भरतपुर रेंज में अपराध से अर्जित संपत्तियों पर शिकंजा, तीन जिलों में अटैचमेंट कार्रवाई शुरू

महिला अपराधों में गिरावट : महिला अपराधों के मामलों में भी कमी देखने को मिली. 2022 में 582 मामले दर्ज हुए थे, जो 2023 में बढ़कर 719 हो गए थे. लेकिन 2024 में पुलिस की सख्ती और सक्रिय कार्रवाई के चलते यह आंकड़ा घटकर 588 हो गया. इसी तरह, अनुसूचित जाति (SC) से जुड़े मामलों में भी गिरावट आई. 2023 में ऐसे 20 केस दर्ज हुए थे, जबकि 2024 में यह संख्या घटकर मात्र 6 रह गई. अनुसूचित जनजाति (ST) से जुड़े अपराधों के मामले भी 42 से घटकर 23 हो गए.

सख्ती और जागरूकता से मिली सफलता : एसपी मोनिका सेन ने बताया कि अपराध दर में गिरावट पुलिस की कड़ी कार्रवाई और जागरूकता अभियानों का परिणाम है. स्कूलों और सार्वजनिक स्थलों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए, खासतौर पर युवाओं को अपराध से दूर रहने के लिए प्रेरित किया गया. इसके साथ ही, अपराधियों के खिलाफ समय-समय पर धरपकड़ अभियान भी चलाए गए. उन्होंने आगे कहा कि अपराधों पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए पुलिस को जनता का सहयोग चाहिए, यदि लोग सतर्क रहें और अपराधों की सूचना पुलिस को दें, तो अपराधियों पर और कड़ा शिकंजा कसा जा सकता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.