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गहलोत सरकार ने पंचायत चुनावों से शैक्षणिक योग्यता की पात्रता को किया समाप्त, लेकिन वेबसाइट पर अपडेट नहीं

कांग्रेस पार्टी ने सरकार बनते ही पंचायतों से चुनाव लड़ने में शैक्षणिक योग्यता की बाध्यता को हटाने का वादा किया था. जिसे वर्तमान की सरकार ने पूरा भी किया. लेकिन पंचायती राज विभाग की वेबसाइट अब भी यही बता रही है कि शैक्षणिक योग्यता चुनाव में जरूरी होगी.

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Published : Sep 3, 2019, 1:41 PM IST

जयपुर. प्रदेश में सरकार बनने से पहले कांग्रेस ने घोषणा की थी कि शैक्षणिक योग्यता को निकाय और पंचायत चुनाव में हटाया जाएगा. सरकार बनते ही कांग्रेस ने अपना वादा निभाया. लेकिन पंचायती राज विभाग की वेबसाइट अभी पुरानी जानकारी दे रही है. सरकार के सर्कुलर में पंचायती राज चुनाव में शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य होगी. यह अभी तक लिखा हुआ है.

पंचायती राज विभाग की वेबसाइट अपडेट नहीं की गई

इसके लिए सरकार पंचायती राज चुनाव में शैक्षणिक बाध्यता समाप्त करने का संशोधन भी ले आई है. लेकिन इस संशोधन को लागू करने की जिम्मेदारी पंचायती राज विभाग की है. इसकी वेबसाइट पर अब तक शैक्षणिक बाध्यता की अनिवार्यता दिखाई जा रही है. खास बात यह है कि इसमें सरकार के जो पॉलिसी डिसीजन है. उसमें यह दिखाया जा रहा है कि अभ्यर्थी को न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता हेतु जिला परिषद और पंचायत समिति में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए.

पढ़ें- प्रदेश में अगले 24 घंटों के लिए 19 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी

साथ ही अनुसूचित क्षेत्र में कक्षा पांच और तीन होना चाहिए. अनुसूचित क्षेत्र के विभिन्न पंचायत सरपंच के मामले में किसी विद्यालय से कक्षा 8 उत्तीर्ण हो. इस सर्कुलर में अभी 2014 का जो भाजपा सरकार ने संशोधन किया था. उसी को दिखाया जा रहा है. जबकि प्रदेश में सरकार बनने के बाद ना केवल कांग्रेस सरकार ने पहले की वसुंधरा सरकार का यह निर्णय बदला था.

पढ़ें- सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए ट्रैफिक पुलिस ने दिखाई सख्ती

मुख्यमंत्री हो चाहे उपमुख्यमंत्री हो. अपने हर बयान में इसका जिक्र भी करते हैं. लेकिन पंचायती राज विभाग की वेबसाइट पर अब तक इसकी जानकारी नहीं आ सकी है. जबकि सरकार को बदले हुए 9 महीने का समय गुजर चुका है.

जयपुर. प्रदेश में सरकार बनने से पहले कांग्रेस ने घोषणा की थी कि शैक्षणिक योग्यता को निकाय और पंचायत चुनाव में हटाया जाएगा. सरकार बनते ही कांग्रेस ने अपना वादा निभाया. लेकिन पंचायती राज विभाग की वेबसाइट अभी पुरानी जानकारी दे रही है. सरकार के सर्कुलर में पंचायती राज चुनाव में शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य होगी. यह अभी तक लिखा हुआ है.

पंचायती राज विभाग की वेबसाइट अपडेट नहीं की गई

इसके लिए सरकार पंचायती राज चुनाव में शैक्षणिक बाध्यता समाप्त करने का संशोधन भी ले आई है. लेकिन इस संशोधन को लागू करने की जिम्मेदारी पंचायती राज विभाग की है. इसकी वेबसाइट पर अब तक शैक्षणिक बाध्यता की अनिवार्यता दिखाई जा रही है. खास बात यह है कि इसमें सरकार के जो पॉलिसी डिसीजन है. उसमें यह दिखाया जा रहा है कि अभ्यर्थी को न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता हेतु जिला परिषद और पंचायत समिति में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए.

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साथ ही अनुसूचित क्षेत्र में कक्षा पांच और तीन होना चाहिए. अनुसूचित क्षेत्र के विभिन्न पंचायत सरपंच के मामले में किसी विद्यालय से कक्षा 8 उत्तीर्ण हो. इस सर्कुलर में अभी 2014 का जो भाजपा सरकार ने संशोधन किया था. उसी को दिखाया जा रहा है. जबकि प्रदेश में सरकार बनने के बाद ना केवल कांग्रेस सरकार ने पहले की वसुंधरा सरकार का यह निर्णय बदला था.

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मुख्यमंत्री हो चाहे उपमुख्यमंत्री हो. अपने हर बयान में इसका जिक्र भी करते हैं. लेकिन पंचायती राज विभाग की वेबसाइट पर अब तक इसकी जानकारी नहीं आ सकी है. जबकि सरकार को बदले हुए 9 महीने का समय गुजर चुका है.

Intro:राजस्थान में सरकार बनने से पहले कांग्रेस ने की थी घोषणा निकाय और पंचायत चुनाव में हटाएंगे शैक्षणिक योग्यता सरकार बनते ही निभाया कांग्रेस ने अपना वादा लेकिन पंचायती राज विभाग की वेबसाइट अभी दे रही है पुरानी जानकारी सरकार के सर्कुलर में अभी लिखा पंचायती राज चुनाव में शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य


Body:राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बने अब 9 महीने से ज्यादा हो चुके हैं और सरकार बनने से पहले कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में यदि किसी बात को सबसे अहम बताया था तो वह थी निकाय और पंचायत चुनाव में लागू पिछली सरकार के शैक्षणिक योग्यता की अनिवार्यता की पात्रता को हटाना और सरकार बनते ही कांग्रेस ने अपनी बात को पूरा भी किया और प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने शैक्षणिक बाध्यता की अनिवार्यता समाप्त भी कर दी इसके लिए सरकार पंचायती राज चुनाव में शैक्षणिक बाध्यता समाप्त करने का संशोधन भी ले आई है लेकिन इस संशोधन को लागू करने की जिम्मेदारी अगर किसी विभाग की है तो वह है पंचायती राज विभाग और पंचायती राज विभाग की बात करें तो इसकी वेबसाइट पर अब तक शैक्षणिक बाध्यता की अनिवार्यता दिखाई जा रही है खास बात यह है कि इसमें सरकार के जो पॉलिसी डिसीजन है उसमें यह दिखाया जा रहा है कि अभ्यर्थी को न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता हेतु जिला परिषद व पंचायत समिति में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड या उसके समकक्ष किसी बोर्ड की परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए अनुसूचित क्षेत्र में कक्षा पांच और तीन होना चाहिए और अनुसूचित क्षेत्र के विभिन्न पंचायत सरपंच के मामले में किसी विद्यालय से कक्षा 8 उत्तीर्ण हो इस सर्कुलर में अभी 2014 का जो भाजपा सरकार ने संशोधन किया था उसी को दिखाया जा रहा है जबकि प्रदेश में सरकार बनने के बाद ना केवल कांग्रेस सरकार ने पूर्वर्ती वसुंधरा सरकार का यह निर्णय बदला था बल्कि मुख्यमंत्री हो या उपमुख्यमंत्री हो अपने हर बयान में इसका जिक्र भी करते हैं लेकिन पंचायती राज विभाग की वेबसाइट पर अब तक इसकी जानकारी नहीं आ सकी है जबकि सरकार को बदले हुए 9 महीने का समय गुजर चुका है
अजीत वॉक थ्रू


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