जयपुर. प्रदेश में सरकार बनने से पहले कांग्रेस ने घोषणा की थी कि शैक्षणिक योग्यता को निकाय और पंचायत चुनाव में हटाया जाएगा. सरकार बनते ही कांग्रेस ने अपना वादा निभाया. लेकिन पंचायती राज विभाग की वेबसाइट अभी पुरानी जानकारी दे रही है. सरकार के सर्कुलर में पंचायती राज चुनाव में शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य होगी. यह अभी तक लिखा हुआ है.
इसके लिए सरकार पंचायती राज चुनाव में शैक्षणिक बाध्यता समाप्त करने का संशोधन भी ले आई है. लेकिन इस संशोधन को लागू करने की जिम्मेदारी पंचायती राज विभाग की है. इसकी वेबसाइट पर अब तक शैक्षणिक बाध्यता की अनिवार्यता दिखाई जा रही है. खास बात यह है कि इसमें सरकार के जो पॉलिसी डिसीजन है. उसमें यह दिखाया जा रहा है कि अभ्यर्थी को न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता हेतु जिला परिषद और पंचायत समिति में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए.
पढ़ें- प्रदेश में अगले 24 घंटों के लिए 19 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी
साथ ही अनुसूचित क्षेत्र में कक्षा पांच और तीन होना चाहिए. अनुसूचित क्षेत्र के विभिन्न पंचायत सरपंच के मामले में किसी विद्यालय से कक्षा 8 उत्तीर्ण हो. इस सर्कुलर में अभी 2014 का जो भाजपा सरकार ने संशोधन किया था. उसी को दिखाया जा रहा है. जबकि प्रदेश में सरकार बनने के बाद ना केवल कांग्रेस सरकार ने पहले की वसुंधरा सरकार का यह निर्णय बदला था.
पढ़ें- सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए ट्रैफिक पुलिस ने दिखाई सख्ती
मुख्यमंत्री हो चाहे उपमुख्यमंत्री हो. अपने हर बयान में इसका जिक्र भी करते हैं. लेकिन पंचायती राज विभाग की वेबसाइट पर अब तक इसकी जानकारी नहीं आ सकी है. जबकि सरकार को बदले हुए 9 महीने का समय गुजर चुका है.