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जयपुर: उधारी की EVM से पंचायत चुनाव...मतदान के बाद घोषित कर दिए जाएंगे नतीजे

जयपुर जिला निर्वाचन विभाग इस बार EVM से पंचायत चुनाव कराने जा रहा है. पंचायत चुनाव EVM से होने पर अमान्य वोटों की समस्या से निजात मिलेगा. चुनाव परिणाम भी जल्दी आएगा.

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EVM से होंगे पंचायत चुनाव
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Published : Dec 8, 2019, 4:48 PM IST

जयपुर. प्रदेश भर में आगामी समय में होने वाले पंचायतों के चुनाव EVM से कराए जाएंगे. जयपुर जिला निर्वाचन विभाग ने भी EVM से पंचायत चुनाव कराने की तैयारियां शुरू कर दी है. जयपुर जिला निर्वाचन विभाग ने बिहार से EVM मंगाया है. जल्द ही ये मशीनें जयपुर पहुंच जाएंगी.

EVM से होंगे पंचायत चुनाव

लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बाद अब गांव की सरकार के चुनाव भी EVM से होंगे. पंचायती राज चुनाव में मतदाता पहली बार EVM का बटन दबाकर सरपंच का चुनाव करेंगे.

यह भी पढ़ें. जयपुर हेरिटेज और जयपुर ग्रेटर के वार्डों का ड्राफ्ट जारी, वर्गवार आरक्षित किए वार्ड

जिला निर्वाचन विभाग ने जल्द ही कंट्रोल और बैलेट यूनिट मंगाने के लिए निर्देश दिए हैं. विभाग की टीमें सशस्त्र पुलिस सुरक्षा से वाहनों के साथ EVM लेने के लिए संबंधित जिलों में जाएगी. बिहार के समस्तीपुर, नालंदा, मुंगेर और पूर्वी चंपारण जिले की EVM से इस बार जयपुर जिले में पंचायत चुनाव कराया जाएगा. ये मशीन लेने के लिए 2 दर्जन वाहन बिहार जाएंगे. इन 4 जिलों से 9 हजार 651 कंट्रोल यूनिट और 13 हजार 602 बैलेट यूनिट मंगाई जाएगी.

पंचायत चुनाव EVM से होने पर ग्रामीण क्षेत्रों मे मतदाता एक साथ एक से ज्यादा EVM पर वोट डालेंगे. पंचायत चुनाव में पंच, सरपंच सहित पंचायत समिति और जिला परिषद सदस्य के लिए चुनाव होगा. निर्वाचन विभाग पंच और सरपंच के चुनाव एक साथ कराएगा. इसके लिए दो EVM एक साथ रखी जाएगी. सरपंच पद के लिए पहली बार EVM से मतदान होगा. जिससे कोई वोट अमान्य नहीं होगा.

यह भी पढ़ें. राजनीतिक फायदा लेने के लिए कांग्रेस अपने हिसाब से कर रही वार्डों का परिसीमन : अरुण चतुर्वेदी

पहले जानकारी के अभाव में कई ग्रामीण मतपत्र पर गलत स्थान पर मुहर लगा देते थे. इस कारण कई वोट अमान्य हो जाते थे. EVM में नोटा का उपयोग जरूर मतदाता कर सकते हैं. EVM से मतगणना बहुत तेजी से होगी और परिणाम भी जल्दी आएगा.

पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों की हार और जीत के बीच अंतर कम होता है तो अमान्य वोटों को लेकर विवाद की स्थिति बनती है. इस समस्या से भी जिला निर्वाचन विभाग को निजात मिल जाएगी. EVM से मतदान होने पर समय की भी बचत होगी. मतदान के तुरंत बाद पंच-सरपंच चुनाव के नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे, क्योंकि इनकी गणना बूथ लेवल पर ही होती है.

जयपुर. प्रदेश भर में आगामी समय में होने वाले पंचायतों के चुनाव EVM से कराए जाएंगे. जयपुर जिला निर्वाचन विभाग ने भी EVM से पंचायत चुनाव कराने की तैयारियां शुरू कर दी है. जयपुर जिला निर्वाचन विभाग ने बिहार से EVM मंगाया है. जल्द ही ये मशीनें जयपुर पहुंच जाएंगी.

EVM से होंगे पंचायत चुनाव

लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बाद अब गांव की सरकार के चुनाव भी EVM से होंगे. पंचायती राज चुनाव में मतदाता पहली बार EVM का बटन दबाकर सरपंच का चुनाव करेंगे.

यह भी पढ़ें. जयपुर हेरिटेज और जयपुर ग्रेटर के वार्डों का ड्राफ्ट जारी, वर्गवार आरक्षित किए वार्ड

जिला निर्वाचन विभाग ने जल्द ही कंट्रोल और बैलेट यूनिट मंगाने के लिए निर्देश दिए हैं. विभाग की टीमें सशस्त्र पुलिस सुरक्षा से वाहनों के साथ EVM लेने के लिए संबंधित जिलों में जाएगी. बिहार के समस्तीपुर, नालंदा, मुंगेर और पूर्वी चंपारण जिले की EVM से इस बार जयपुर जिले में पंचायत चुनाव कराया जाएगा. ये मशीन लेने के लिए 2 दर्जन वाहन बिहार जाएंगे. इन 4 जिलों से 9 हजार 651 कंट्रोल यूनिट और 13 हजार 602 बैलेट यूनिट मंगाई जाएगी.

पंचायत चुनाव EVM से होने पर ग्रामीण क्षेत्रों मे मतदाता एक साथ एक से ज्यादा EVM पर वोट डालेंगे. पंचायत चुनाव में पंच, सरपंच सहित पंचायत समिति और जिला परिषद सदस्य के लिए चुनाव होगा. निर्वाचन विभाग पंच और सरपंच के चुनाव एक साथ कराएगा. इसके लिए दो EVM एक साथ रखी जाएगी. सरपंच पद के लिए पहली बार EVM से मतदान होगा. जिससे कोई वोट अमान्य नहीं होगा.

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पहले जानकारी के अभाव में कई ग्रामीण मतपत्र पर गलत स्थान पर मुहर लगा देते थे. इस कारण कई वोट अमान्य हो जाते थे. EVM में नोटा का उपयोग जरूर मतदाता कर सकते हैं. EVM से मतगणना बहुत तेजी से होगी और परिणाम भी जल्दी आएगा.

पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों की हार और जीत के बीच अंतर कम होता है तो अमान्य वोटों को लेकर विवाद की स्थिति बनती है. इस समस्या से भी जिला निर्वाचन विभाग को निजात मिल जाएगी. EVM से मतदान होने पर समय की भी बचत होगी. मतदान के तुरंत बाद पंच-सरपंच चुनाव के नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे, क्योंकि इनकी गणना बूथ लेवल पर ही होती है.

Intro:जयपुर। प्रदेश भर में आगामी समय में होने वाले पंचायतों के चुनाव ईवीएम मशीनों से कराए जाएंगे। जयपुर जिला निर्वाचन विभाग ने भी ईवीएम मशीन से पंचायत चुनाव कराने की तैयारियां शुरू कर दी है। जयपुर जिला निर्वाचन विभाग ने बिहार से ईवीएम मशीनें मंगवाई है, जल्द ही यह मशीनें जयपुर पहुंच जाएगी।


Body:लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बाद अब गांव की सरकार के चुनाव भी ईवीएम मशीन से होंगे। पंचायती राज चुनाव में मतदाता पहली बार ईवीएम का बटन दबाकर सरपंच का चुनाव करेंगे। जयपुर जिले में ईवीएम से हो रहे पंचायत के चुनाव के लिए ईवीएम मशीने बिहार से मंगाई जाएगी।
पंचायती राज चुनाव की तारीख हालांकि अभी निर्धारित नहीं है।
लेकिन यह तय है कि इस बार पूरे जिले में पंचायती राज चुनाव पहली बार ईवीएम मशीन से ही होंगे यानी लोकसभा, विधानसभा से लेकर अब पंचायत की सरकार भी ईवीएम से ही चुनी जाएगी। जयपुर जिले में पंचायत के चुनाव कराने के लिए बिहार के 4 जिलों से ईवीएम मशीनें मंगाई जा रही है। इन 4 जिलों से 9651 कंट्रोल यूनिट और 13602 बैलेट यूनिट मंगवाई जाएगी। पंचायत के चुनाव के लिए ईवीएम M2 का ही उपयोग किया जाएगा। जिला निर्वाचन विभाग ने जल्द ही कंट्रोल और बैलट यूनिट मंगवाने के लिए निर्देश दिए हैं। जिला निर्वाचन विभाग की टीमें सशस्त्र पुलिस सुरक्षा से वाहनों के साथ ईवीएम लेने के लिए संबंधित जिलों में जाएगी। बिहार के समस्तीपुर, नालंदा, मुंगेर और पूर्वी चंपारण जिले की ईवीएम से इस बार जयपुर जिले में पंचायत चुनाव कराया जाएगा। यह भी मशीन लेने के लिए दो दर्जन वाहन बिहार जाएंगे।
पंचायत के चुनाव ईवीएम से होने पर ग्रामीण क्षेत्रों मे मतदाता एक साथ एक से अधिक ईवीएम पर वोट डालेंगे।। पंचायत चुनावों पंच, सरपंच सहित पंचायत समिति और जिला परिषद सदस्य के लिए चुनाव होगा। निर्वाचन विभाग पंच सरपंच के चुनाव एक साथ कराएगा। इसके लिए दो ईवीएम एक साथ रखी जाएगी। सरपंच पद के लिए पहली बार ईवीएम से मतदान होगा। यह कोई वोट अमान्य नहीं होगा। गांव में लोगों की कम पढ़े लिखे होने के कारण पूर्व में मत पत्र के माध्यम से वोट डालने पर जानकारी के अभाव में कई ग्रामीण मतपत्र पर गलत स्थान पर मुहर लगा देते थे। इस कारण कई वोट अमान्य हो जाते थे। मशीन में नोटा का उपयोग जरूर मतदाता कर सकते हैं। ईवीएम से मतगणना बहुत तेजी से होगी और परिणाम भी जल्दी आएगा।
बैलट पेपर से चुनाव होने पर अमान्य वोटों को लेकर विवाद की स्थिति देखी जाती थी। पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों की हार और जीत के बीच अंतर कम होता है तो अमान्य वोटों को लेकर विवाद की स्थिति बनती है। इस समस्या से भी जिला निर्वाचन विभाग को निजात मिल जाएगी
ईवीएम से मतदान होने पर समय की भी बचत होगी। मतदान के तुरंत बाद सरपंचों पंचों के नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे क्योंकि इनकी गणना बूथ लेवल पर ही होती है।





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