जयपुर/जैसलमेर. पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के मामले में गिरफ्तार नवाब खां से इंटेलिजेंस की पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि नवाब, भारतीय सेनी की हर एक्टिविटी की फोटो खींचकर पाकिस्तान भेजता था. जिसके बदले उसे 5 हजार रुपए मिलते थे.
बता दें, नवाब जैसलमेर में सम क्षेत्र के गंगा बस्ती का रहने वाला है. उसके पिता का नाम मठार खां है. इंटेलिजेंस ने इसे मंगलवार शाम को गिरफ्तार कर लिया था. वहीं, हिरासत में लेने के बाद उससे तीन दिन से पूछताछ चल रही थी.
एडीजी उमेश मिश्रा ने बताया कि नवाब खां के खिलाफ मंगलवार शाम ओएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया. रिमांड के लिए बुधवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा. रिमांड पर मिलने के बाद उससे आगे की पूछताछ की जाएगी.
दरअसल, आरोपी नवाब खां सालभर से पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहा था. उस पर तब से निगाह रखी जा रही थी. आरोपी जैसलमेर और बाड़मेर में पर्यटकों को सवारी गाड़ी में घुमाने का काम करता था. पर्यटकों को इधर-उधर ले जाने के दौरान वह बीएसएफ और सेना के आने-जाने वाले वाहनों की फोटो खींचकर पाकिस्तान को भेजता था.
कोडवर्ड में देता था सूचना
बता दें, आरोपी नवाब खां पिछले साल पाकिस्तान में अपने रिश्तेदार सुमार खां के यहां गया था. तब सुमार के जरिए वहां के एक होटल में आइएसआइ के सम्पर्क में आया था. वहां वो एक महीने ठहरा और प्रशिक्षण लिया. इस दौरान उसे भारतीय सामरिक सूचनाएं भेजने के लिए कोडवर्ड भी सिखाए गए थे.
आइएसआइ, नवाब खां को हर एक सूचना 5 हजार रुपए देती थी. वाट्सऐप मैसेज और कॉल के जरिए वो कोडवर्ड में ही सूचनाएं भेज रहा था. आइएसआइ के पाक हैंडलिंग अधिकारियों ने नवाब खां को सूचनाएं समयबद्ध तरीके से देने को कहा था. एक सूचना मिलने के बाद हैंडलिंग अधिकारी उसे रुपए देते और नई सूचना का टास्क सौंपते थे.