यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर सामाजिक संगठनों ने केंद्र सरकार पर लगाए विभाजन के आरोप - जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष राजाराम मील
जयपुर में सामाजिक संगठनों की एक पीसी में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर अपने विचार रखे. वक्ताओं ने अनेकता में एकता का विरोधी बताया.
जयपुर. समान नागरिक संहिता को लेकर देशभर में लगातार प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है. इस बीच सोमवार को जयपुर में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर सामाजिक संगठनों ने प्रेस वार्ता को संबोधित किया. इस दौरान विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि हम यूसीसी का हम लोग विरोध करते हैं और करते रहेंगे. प्रेस वार्ता में सामाजिक संगठनों ने बताया कि केंद्र सरकार इस तरह के बिल लाकर देश को तोड़ने का काम कर रही है. जब भी चुनाव आते हैं, तब इस तरह के मुद्दों को लाया जाता है.
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए हाफिज मंजूर ने कहा कि हर व्यक्ति को अपने धर्म के अनुसार जीवनयापन करने का फंडामेंटल राइट है. ऐसे में सरकार किसी को बाध्य नहीं कर सकती है. पहले भी इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की सरकार में कई बिलों पर पुनर्विचार किया गया था. उन्होंने कहा कि भारत में अलग-अलग मजहब के लोग एक गुलदस्ते में फूलों की तरह हैं और सब के अस्तित्व से ही इस गुलदस्ते की खूबसूरती बरकरार रह सकती है. मौजूदा दौर में यूसीसी के नाम से जो शिगूफा छोड़ा जा रहा है, वह मुल्क की अन्य गंभीर समस्याओं से ज्यादा अहम नहीं है.
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हमारा देश अनेकता में एकता वाला-राजाराम मीलः यूनिफॉर्म सिविल कोड के विरोध में सामाजिक संगठनों की प्रेस वार्ता के दौरान जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष राजाराम मील का बड़ा बयान आया है. राजाराम मील ने कहा कि सामाजिक विभाजन के लिए इस तरह के बिल लाए जाते हैं. उन्होंने कहा कि आज महंगाई आसमान की बुलंदियों पर है. युवाओं को रोजगार को मिल नहीं रहा है. मील ने कहा कि हमारा देश अनेकताओं में एकता वाला देश है. ऐसे में सभी समाज को साथ लेकर काम करेंगे, तो देश चलेगा. प्रेस वार्ता को हाफिज मंजूर, राजाराम मील, अब्दुल लतीफ, सवाई सिंह, दशरथ सिंह, वकार अहमद सहित अन्य लोगों ने भी संबोधित किया.