जयपुर. कनोडिया पीजी महिला महाविद्यालय में राजस्थान स्टेट बायो डायवर्सिटी बोर्ड के संयुक्त तत्वाधान में कैपेसिटी बिल्डिंग फॉर एसेसिंग जयपुर सिटी बायोडायवर्सिटी इंडेक्स 2019 विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया.
कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में कॉलेज के एजुकेशन आयुक्त प्रदीप कुमार बोरड़ रहे. वहीं रिसर्च स्कॉलर्स ने भी सक्रिय रूप से इसमें भाग लिया. इस कार्यशाला में आए व्यक्ताओं ने शहर के नागरिकों को प्रकृति के प्रति उनके कर्तव्य के बारे में समझाया और राजस्थान की जैव विविधता के बारे में बताते हुए उसके संरक्षण की अहमियत पर चर्चा भी की. राजस्थान वानिकी एवं वन्य जीव प्रशिक्षण संस्था के एनसी जैन ने जयपुर का बायो डायवर्सिटी इंडेक्स बनाने में विद्यार्थियों और शिक्षकों की भूमिका पर चर्चा की. जयपुर के बायो डायवर्सिटी इंडेक्स तैयार करने के साथ ही पक्षियों की विविधता पर परिस्थिति तंत्र के सतत विकास में उनकी भूमिका पर प्रकाश डाला गया.
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राजस्थान वानिकी एवं वन्य जीव प्रशिक्षण संस्था के एनसी जैन ने जैव विविधता इंडेक्स के बारे में बताया कि एक ही स्थान पर विभिन्न प्रकार के रहने वाले जीव के पैमाने को जैव विविधता का आकलन कहा जाता है. जैव विविधता के मामले में भारत की रैंकिंग अच्छी है. क्योंकि भारत मे हजारों तरह की प्रजातियां हैं. इसके साथ ही उन्होंने बढ़ते शहरीकरण पर चिंता जताते हुए कहा कि जैसे-जैसे लोग शहरों की ओर बढ़ रहे हैं. वैसे-वैसे जैव विविधता खत्म होती जा रही है. सिंगापुर में बने जैव विविधता के इंडेक्स को भारत फॉलो कर रहा है और उस आधार पर भारत का इंडेक्स तैयार किया जा रहा है.