जयपुर. इन दिनों सोशल मीडिया पर श्री राजपूत करणी सेना की कार्यकारिणी भंग (Shri Rajput Karni Sena) करने का लेटर चर्चा का विषय बना हुआ है. करणी सेना की राष्ट्रीय और प्रदेश कार्यकारिणी को भंग करने का यह लेटर जारी (Karni Sena executive dissolution letter viral) किया गया है. लेटर को लेकर श्री राजपूत करणी सेना ने विरोध जताया है. करणी सेना के पदाधिकारियों ने लेटर को षड्यंत्र बताया है. उनका कहना है कि समाज में भ्रांतियां फैला कर समाज और संगठन को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है.
श्री राजपूत करणी सेना के जिला संयोजक जितेंद्र सिंह राजावत ने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से पता चला है कि श्री राजपूत करणी सेना के लेटर हेड से पत्र जारी किया गया है. लेटर में राष्ट्रीय और प्रदेश कार्यकारिणी को भंग (Rajput Karni Sena Officials angry) किया गया है. यह कुछ लोगों की ओर से संगठन को कमजोर करने के लिए किया गया कार्य है जिसका राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी खंडन किया है. राष्ट्रीय अध्यक्ष को पद से हटाने का अधिकार केवल श्री राजपूत करणी सेना के संस्थापक कालवी साहब के पास है.
संस्थापक के बाद दूसरा औपचारिक पद राष्ट्रीय अध्यक्ष का होता है. इस समय श्री राजपूत करणी सेना के संस्थापक लोकेंद्र सिंह कालवी अस्वस्थ चल रहे हैं. संस्थापक के अलावा राष्ट्रीय अध्यक्ष को कोई नहीं हटा सकता है. कार्यकारिणी को भंग करने का लेटर जो जारी किया गया है उसको पूरी करणी सेना असंवैधानिक मानती है. कुछ लोग हैं जिन्होंने पहले भी करणी सेना को दो हिस्सों में बांटने का प्रयास किया था, अब फिर से करणी सेना के टुकड़े करने का प्रयास किया जा रहा है.
श्री राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना हिमाचल दौरे पर हैं. जैसे ही वह जयपुर लौटेंगे इस मामले पर एक्शन लिया जाएगा. अगर कालवी साहब कोई निर्णय करते हैं तो वह हम सभी के लिए मान्य होगा. जिसने भी लेटर जारी किया है वह राष्ट्रीय अध्यक्ष से माफी मांगे नहीं तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी. राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना के जयपुर आते ही कानूनी कार्रवाई की जाएगी. श्री राजपूत करणी सेना जिला अध्यक्ष हेमलता चौहान ने बताया कि कुछ लोग समाज और संगठन को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं. यह षड्यंत्र कामयाब नहीं होने देंगे.
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यह जारी हुआ था लेटर
लेटर में लिखा गया है कि श्री राजपूत करणी सेना के जनक और शीर्ष संस्थापक लोकेंद्र सिंह कालवी के गंभीर रूप से अस्वस्थ होने के बावजूद उनकी अनुपस्थिति में करणी सेना के संस्थापक सदस्यों की गैरमौजूदगी, प्रधान संरक्षक की असहमति और कालवी परिवार की बिना अनुमति के 7 नवंबर को बीकानेर में आयोजित हुई बैठक असवैधानिक है. इसे गंभीर अनुशासनहीनता मानते हुए मैं प्रेम सिंह सांजू सेना के प्रधान संरक्षक के तौर पर संपूर्ण राष्ट्रीय, प्रदेश और स्थानीय कार्यकारिणी को भंग करने के निर्देश देता हूं. आज से ही श्री राजपूत करणी सेना की संपूर्ण कार्यकारिणी भंग मानी जाए. इसके बावजूद कोई स्वयंभू के तौर पर पद पर बने रहने का कृत्य करता है तो कालवी साहब की ओर से स्थापित इस देशव्यापी संगठन से उसका कोई वास्ता नहीं.