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राजस्थान हाईकोर्ट ने सहकारिता विभाग के अधिकारियों को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

राजस्थान हाईकोर्ट ने ग्राम सेवा सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों के मामले में लिए अदालती आदेश का पालन नहीं करने पर सहकारिता सचिव, सहकारिता रजिस्ट्रार और जिला केंद्रीय सहकारिता बैंकों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

सहकारिता विभाग के अधिकारियों को अवमानना नोटिस
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Published : Apr 7, 2019, 7:59 AM IST

जयपुर. न्यायधीश एसपी शर्मा की एकल पीठ ने यह आदेश उदय नारायण शर्मा और अन्य की अवमानना याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए. याचिका में कहा गया कि हाईकोर्ट ने राजस्थान सहकारी कर्मचारी संघ के मामले में 9 अक्टूबर 2018 को फैसला दिया था. फैसले में कहा गया था की सहकारी समितियों के मैनेजर-व्यवस्थापकों को भी सहकारी बैंकों के कर्मचारियों के समान कर्मचारी मानते हुए 3 महिने भी सेवा परिलाभ दिए जाएं. इसके बावजूद राज्य सरकार और केंद्रीय सहकारी बैंकों ने अदालती आदेश का पालन नहीं किया. जिस पर सुनवाई करते हुए एकल पीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

सहकारिता विभाग के अधिकारियों को अवमानना नोटिस

राजस्थान हाईकोर्ट ने राजफेड को समर्थ मूल्य पर खरीदी जाने वाली फसल के लिए नए सिरे से टेंडर जारी करने की अनुमति दे दी है. न्यायाधीश वीएस सिराधना की एकल पीठ ने यह आदेश दीपक कुमार की ओर से दायर याचिकाओं को खारिज करते हुए दिए. याचिकाओं में कहा गया कि समर्थन मूल्य पर खरीदी जाने वाली फसल के परिवहन के लिए टेंडर जारी किए जा रहे हैं, जबकि याचिकाकर्ताओं को अक्टूबर 2018 में साल 2018 -19 के लिए परिवहन ठेका दिया गया. एक साल के कार्यकाल को वित्तीय वर्ष मानने के बजाय कृषि वर्ष माना जाए.

वही सहकारिता विभाग की ओर से कहा गया कि ठेका वित्तीय वर्ष के लिए ही दिया गया था. इसके साथ ही विभाग ने नए टेंडर से रोक हटाने का भी आग्रह किया है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकल पीठ ने माना कि टेंडर वित्तीय वर्ष के लिए ही दिया गया था. ऐसे में उसे जारी नहीं रखा जा सकता.

जयपुर. न्यायधीश एसपी शर्मा की एकल पीठ ने यह आदेश उदय नारायण शर्मा और अन्य की अवमानना याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए. याचिका में कहा गया कि हाईकोर्ट ने राजस्थान सहकारी कर्मचारी संघ के मामले में 9 अक्टूबर 2018 को फैसला दिया था. फैसले में कहा गया था की सहकारी समितियों के मैनेजर-व्यवस्थापकों को भी सहकारी बैंकों के कर्मचारियों के समान कर्मचारी मानते हुए 3 महिने भी सेवा परिलाभ दिए जाएं. इसके बावजूद राज्य सरकार और केंद्रीय सहकारी बैंकों ने अदालती आदेश का पालन नहीं किया. जिस पर सुनवाई करते हुए एकल पीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

सहकारिता विभाग के अधिकारियों को अवमानना नोटिस

राजस्थान हाईकोर्ट ने राजफेड को समर्थ मूल्य पर खरीदी जाने वाली फसल के लिए नए सिरे से टेंडर जारी करने की अनुमति दे दी है. न्यायाधीश वीएस सिराधना की एकल पीठ ने यह आदेश दीपक कुमार की ओर से दायर याचिकाओं को खारिज करते हुए दिए. याचिकाओं में कहा गया कि समर्थन मूल्य पर खरीदी जाने वाली फसल के परिवहन के लिए टेंडर जारी किए जा रहे हैं, जबकि याचिकाकर्ताओं को अक्टूबर 2018 में साल 2018 -19 के लिए परिवहन ठेका दिया गया. एक साल के कार्यकाल को वित्तीय वर्ष मानने के बजाय कृषि वर्ष माना जाए.

वही सहकारिता विभाग की ओर से कहा गया कि ठेका वित्तीय वर्ष के लिए ही दिया गया था. इसके साथ ही विभाग ने नए टेंडर से रोक हटाने का भी आग्रह किया है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकल पीठ ने माना कि टेंडर वित्तीय वर्ष के लिए ही दिया गया था. ऐसे में उसे जारी नहीं रखा जा सकता.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने ग्राम सेवा सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों के मामले में लिए अदालती आदेश का पालन नहीं करने पर सहकारिता सचिव, सहकारिता रजिस्ट्रार व जिला केंद्रीय सहकारिता बैंकों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। न्यायधीश एसपी शर्मा की एकल पीठ ने यह आदेश उदय नारायण शर्मा व अन्य की अवमानना याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।


Body:याचिका में कहा गया कि हाईकोर्ट ने राजस्थान सहकारी कर्मचारी संघ की मामले में 9 अक्टूबर 2018 को फैसला दिया था कि सहकारी समितियों के मैनेजर-व्यवस्थापकों को भी सहकारी बैंकों के कर्मचारियों के समान कर्मचारी मानते हुए 3 माह में सभी सेवा परिलाभ दिए जाएं। इसके बावजूद राज्य सरकार व केंद्रीय सहकारी बैंकों ने अदालती आदेश का पालन नहीं किया। जिस पर सुनवाई करते हुए एकल पीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।


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