जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-3 ने रुपए के लेनदेन के विवाद में चार साल की बच्ची को पीड़िता बताकर पॉक्सो का झूठा मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला रानू नरूका को नोटिस जारी किए हैं. अदालत ने पूछा है कि क्यों ना उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाए. वहीं अदालत ने प्रकरण में आरोपी बनाए गए प्रेमचंद कुमावत को दोषमुक्त कर दिया है.
मामले के अनुसार रानू नरूका ने 4 मई 2018 में वैशालीनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह दो महीने पहले चार वर्षीय बेटी को घर छोड़कर अपने पीहर गई थी. वापस लौटने पर पता चला की आरोपी ने बच्ची के साथ छेड़छाड़ की बात पता चली.
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महिला ने बताया था कि 4 मई को आरोपी की दुकान पर टॉफी लेते समय उसने पीड़िता के साथ एक बार फिर छेड़छाड़ की. यही आरोप महिला ने मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए बयान में भी आरोप दोहराए. जांच के बाद पता चला कि आरोपी परचून की दूकान चलाता है और जहां खुद को पीड़ित बताने वाली महिला का उधार बांकी था. महिला ने पैसे देने से इंकार किया. बार बार पैसे मांगने के बाद महिला ने शख्स के खिलाफ पॉक्सो का मामला दर्ज करा दिया था.