जयपुर. नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्पलाइज यूनियन ने ट्रेकमैन की सुरक्षा की मांग को लेकर सोमवार को डीआरएम कार्यालय पर प्रदर्शन किया. यूनियन ने रेलवे कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर कार्यालय से डीआरएम ऑफिस तक रैली निकाली और जमकर प्रदर्शन किया. नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन का कहना है कि रेलवे के अधिकारी कर्मचारियों की सुरक्षा पर ध्यान नहीं दे रहे. ऐसे में अधिकारियों की अनदेखी के चलते आए दिन रेलवे ट्रेकमैन शहीद हो रहे है.
नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के मंडल मंत्री आरके सिंह ने बताया कि रविवार देर रात को सोनू नाम के रेलवे ट्रेकमैन का पटरी पर शहीद हो जाने से नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्पलाइज यूनियन में आक्रोश व्याप्त है. नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्पलाइज यूनियन ने इस समस्या को लेकर कई बार डीआरएम को अवगत कराया कि रेलवे ट्रेकमैन से 12 घंटे बरसाती पैट्रोलिंग करवाई जा रही है, जबकि मानवीय दृष्टिकोण से रेलवे 8 घंटे से ज्यादा काम नहीं करवा सकता. इसके बावजूद भी रेलवे ट्रेकमैनों से 12 घंटे काम करने से रेलवे कर्मचारी में अवसाद आ रहे है और इसी वजह से आए दिन कर्मचारी ट्रेक पर शहीद हो रहे है. यदि किसी कर्मचारी के साथ कोइ घटना हो जाती है तो सूनसान जगहों पर कोई सुनने वाला भी नहीं है. जो कर्मचारी ट्रेक पर शहीद हो जाते है, तब उनका पता कई घंटों बाद चलता है, कई बार जंगली जानवर भी नोंच लेते है. ऐसे में पैट्रोलिंग के लिए रेलवे को 2-2 कर्मचारियों को पैट्रोलिंग करवाना चाहिए. जिससे एक दूसरे की समस्या को संबंधित अधिकारी तक पहुंचा सके.
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यूनियन मंडल मंत्री आरके सिंह ने बताया कि जयपुर मंडल यूनियन ने आंदोलन की चेतावनी दी थी तब जाकर 2019 का मानसून पेट्रोलिंग चार्ट को अस्थाई रूप से वापिस ले लिया गया. वर्ष 2018-19 के चार्ट को लागू करने के निर्देश 9 अगस्त 2019 को जारी किए गए, लेकिन फील्ड में वह क्रियान्वयन नहीं हुआ. पैट्रोलिंगमैन से 26 किलोमीटर तक 12 घंटे की ड्यूटी नियम संगत नहीं है. यूनियन ने रेलवे अधिकारियों से मांग की है कि जीपीएस कर्मचारियों के लिए यह दुविधापूर्ण स्थिति है. जिससे कर्मचारी सुरक्षित नहीं है. इसके स्थान पर रक्षक उपकरण उपलब्ध कराया जाना चाहिए जिससे पेट्रोलिंग करने वाले कर्मचारी को आने वाली गाड़ी की सूचना पर्याप्त समय पूर्व ही मिल जाए और वह सुरक्षित रहें.