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जलमहल की पाल पर नाइट बाजार को एनजीटी ने माना अवैध, लगाया 25 लाख का जुर्माना - गंदा पानी जलमहल की झील में डाला

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने जयपुर के जलमहल की पाल पर नाइट बाजार को अवैध करार दिया है. ट्रिब्यूनल ने जयपुर नगर निगम हेरिटेज पर प्रतिदिन 10000 रुपए के हिसाब से 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है.

NGT imposed Rs 25 lakh penalty
नाइट बाजार को एनजीटी ने माना अवैध
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 4, 2023, 5:18 PM IST

Updated : Nov 4, 2023, 9:02 PM IST

जलमहल की पाल पर नाइट बाजार को अवैध करार दे लगाया जुर्माना

जयपुर. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने राजधानी जयपुर में जलमहल की पाल पर नाइट बाजार को अवैध मानते हुए जयपुर नगर निगम हेरिटेज पर 10000 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. एनजीटी ने यह आदेश नाहरगढ़ वन एवं वन्यजीव सुरक्षा व सेवा समिति अध्यक्ष राजेंद्र तिवाड़ी की याचिका पर दिया है. यह राशि एक महीने में प्रधान मुख्य वन संरक्षण के खाते में जमा करने के निर्देश दिए गए हैं. एनवायरमेंट कंपनसेशन के रूप में इस राशि को क्षेत्र के पर्यावरण विकास पर खर्च करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही नाहरगढ़ इको सेंसेटिव जोन में व्यावसायिक गतिविधिया संचालित नहीं हो, इसके लिए जयपुर कलेक्टर और प्रधान मुख्य वन संरक्षक को पाबंद किया गया है.

बिना अनुमति के नाइट बाजार का संचालन: नाहरगढ़ वन एवं वन्यजीव सुरक्षा व सेवा समिति अध्यक्ष राजेंद्र तिवाड़ी ने बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में याचिका पेश की थी. नाहरगढ़ वन्यजीव अभ्यारण के इको सेंसेटिव जोन जलमहल की पाल पर नगर निगम जयपुर हेरिटेज की ओर से बिना वन विभाग की अनुमति के नाइट बाजार का संचालन किया जा रहा था. जलमहल नाइट मार्केट और नगर निगम जयपुर हेरिटेज की ओर से सीवर लाइन का गंदा पानी जलमहल की झील में डाला जा रहा था. जिससे वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण हो रहा था.

पढ़ें: NGT ने राजस्थान सरकार पर ठोका 3 हजार करोड़ का जुर्माना

25 लाख रुपए कंपनसेशन: नाहरगढ़ इको सेंसेटिव जोन अधिसूचना का उल्लंघन किया जा रहा था. इको सेंसेटिव जोन में किसी भी प्रकार की व्यवसायिक गतिविधि करने से पहले वन विभाग की एनओसी लेना आवश्यक होता है. प्रकरण में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से सभी पक्षों को सुना गया. नगर निगम जयपुर हेरिटेज की ओर से संचालित गतिविधि को अवैध माना गया है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल जोन भोपाल की ओर से जयपुर नगर निगम हेरिटेज पर एनवायरमेंट कंपनसेशन 10000 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से करीब 25 लाख रुपए कंपनसेशन लगाया गया है.

पढ़ें: कोटा रिवरफ्रंट को गैर-कानूनी बता एनजीटी से ध्वस्त करने की मांग... यूआईटी, कलेक्टर व आर्किटेक्ट अनूप भरतरिया को नोटिस

यह राशि क्षेत्र के पर्यावरण विकास में खर्च करने के आदेश दिए गए हैं. इसके साथ ही स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं कि इस राशि को एक महीने में प्रधान मुख्य वन संरक्षक के खाते में जमा करवाए. निर्देश जारी किए गए हैं कि नाहरगढ़ वन्यजीव अभ्यारण इको सेंसेटिव जोन में किसी भी प्रकार की व्यवसायिक गतिविधिया बिना अनुमति के संचालित नहीं हो. इसके लिए जयपुर कलेक्टर और प्रधान मुख्य वन संरक्षक को पाबंद किया गया है. एनजीटी ने एप्लीकेशन नंबर 53/2023 पर 3 नवंबर को यह आदेश जारी किया है.

पढ़ें: एनजीटी ने एनटीपीसी पर लगाया 58 लाख का जुर्माना

पक्का नाला निर्माण को लेकर 26 लाख का जुर्माना: नाहरगढ़ वन एवं वन्यजीव सुरक्षा व सेवा समिति की ओर से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल जॉन भोपाल में पर्यावरण हित याचिका दायर की गई थी. याचिका के अनुसार जयपुर हेरिटेज नगर निगम आमेर- हवामहल जोन की ओर से बिना वन विभाग की अनुमति के नाहरगढ़ वन्यजीव अभ्यारण के आरक्षित वन क्षेत्र खसरा नंबर 93 गुर्जर घाटी आमेर रोड पर पक्का नाला निर्माण करवाया जा रहा था.

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल सेंट्रल जोन भोपाल की ओर से इस गतिविधि को वन एवं वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1980 का उल्लंघन माना गया. 2 नवंबर को एनजीटी ने नगर निगम जयपुर हेरीटेज आमेर-हवामहल जोन पर 26 लाख रुपए का जुर्माना यानी एनवायरमेंट कंपनसेशन लगाया है. यह राशि एक महीने में पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को जमा करवाने और इस राशि को क्षेत्र में पर्यावरण विकास पर खर्च करने के आदेश दिए गए हैं.

जलमहल की पाल पर नाइट बाजार को अवैध करार दे लगाया जुर्माना

जयपुर. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने राजधानी जयपुर में जलमहल की पाल पर नाइट बाजार को अवैध मानते हुए जयपुर नगर निगम हेरिटेज पर 10000 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. एनजीटी ने यह आदेश नाहरगढ़ वन एवं वन्यजीव सुरक्षा व सेवा समिति अध्यक्ष राजेंद्र तिवाड़ी की याचिका पर दिया है. यह राशि एक महीने में प्रधान मुख्य वन संरक्षण के खाते में जमा करने के निर्देश दिए गए हैं. एनवायरमेंट कंपनसेशन के रूप में इस राशि को क्षेत्र के पर्यावरण विकास पर खर्च करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही नाहरगढ़ इको सेंसेटिव जोन में व्यावसायिक गतिविधिया संचालित नहीं हो, इसके लिए जयपुर कलेक्टर और प्रधान मुख्य वन संरक्षक को पाबंद किया गया है.

बिना अनुमति के नाइट बाजार का संचालन: नाहरगढ़ वन एवं वन्यजीव सुरक्षा व सेवा समिति अध्यक्ष राजेंद्र तिवाड़ी ने बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में याचिका पेश की थी. नाहरगढ़ वन्यजीव अभ्यारण के इको सेंसेटिव जोन जलमहल की पाल पर नगर निगम जयपुर हेरिटेज की ओर से बिना वन विभाग की अनुमति के नाइट बाजार का संचालन किया जा रहा था. जलमहल नाइट मार्केट और नगर निगम जयपुर हेरिटेज की ओर से सीवर लाइन का गंदा पानी जलमहल की झील में डाला जा रहा था. जिससे वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण हो रहा था.

पढ़ें: NGT ने राजस्थान सरकार पर ठोका 3 हजार करोड़ का जुर्माना

25 लाख रुपए कंपनसेशन: नाहरगढ़ इको सेंसेटिव जोन अधिसूचना का उल्लंघन किया जा रहा था. इको सेंसेटिव जोन में किसी भी प्रकार की व्यवसायिक गतिविधि करने से पहले वन विभाग की एनओसी लेना आवश्यक होता है. प्रकरण में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से सभी पक्षों को सुना गया. नगर निगम जयपुर हेरिटेज की ओर से संचालित गतिविधि को अवैध माना गया है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल जोन भोपाल की ओर से जयपुर नगर निगम हेरिटेज पर एनवायरमेंट कंपनसेशन 10000 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से करीब 25 लाख रुपए कंपनसेशन लगाया गया है.

पढ़ें: कोटा रिवरफ्रंट को गैर-कानूनी बता एनजीटी से ध्वस्त करने की मांग... यूआईटी, कलेक्टर व आर्किटेक्ट अनूप भरतरिया को नोटिस

यह राशि क्षेत्र के पर्यावरण विकास में खर्च करने के आदेश दिए गए हैं. इसके साथ ही स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं कि इस राशि को एक महीने में प्रधान मुख्य वन संरक्षक के खाते में जमा करवाए. निर्देश जारी किए गए हैं कि नाहरगढ़ वन्यजीव अभ्यारण इको सेंसेटिव जोन में किसी भी प्रकार की व्यवसायिक गतिविधिया बिना अनुमति के संचालित नहीं हो. इसके लिए जयपुर कलेक्टर और प्रधान मुख्य वन संरक्षक को पाबंद किया गया है. एनजीटी ने एप्लीकेशन नंबर 53/2023 पर 3 नवंबर को यह आदेश जारी किया है.

पढ़ें: एनजीटी ने एनटीपीसी पर लगाया 58 लाख का जुर्माना

पक्का नाला निर्माण को लेकर 26 लाख का जुर्माना: नाहरगढ़ वन एवं वन्यजीव सुरक्षा व सेवा समिति की ओर से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल जॉन भोपाल में पर्यावरण हित याचिका दायर की गई थी. याचिका के अनुसार जयपुर हेरिटेज नगर निगम आमेर- हवामहल जोन की ओर से बिना वन विभाग की अनुमति के नाहरगढ़ वन्यजीव अभ्यारण के आरक्षित वन क्षेत्र खसरा नंबर 93 गुर्जर घाटी आमेर रोड पर पक्का नाला निर्माण करवाया जा रहा था.

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल सेंट्रल जोन भोपाल की ओर से इस गतिविधि को वन एवं वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1980 का उल्लंघन माना गया. 2 नवंबर को एनजीटी ने नगर निगम जयपुर हेरीटेज आमेर-हवामहल जोन पर 26 लाख रुपए का जुर्माना यानी एनवायरमेंट कंपनसेशन लगाया है. यह राशि एक महीने में पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को जमा करवाने और इस राशि को क्षेत्र में पर्यावरण विकास पर खर्च करने के आदेश दिए गए हैं.

Last Updated : Nov 4, 2023, 9:02 PM IST
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