जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय को स्थाई कुलपति मिल गया है. पहली मर्तबा राजस्थान विश्वविद्यालय की कमान महिला को सौंपी गई है. महारानी कॉलेज की पूर्व प्राचार्या प्रो अल्पना कटेजा राजस्थान विश्वविद्यालय की नई कुलपति होंगी. कुलाधिपति राज्यपाल कलराज मिश्र ने सोमवार को नियुक्ति आदेश जारी किए. इसके अलावा सीकर स्थित पं दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी यूनिवर्सिटी में प्रो अनिल कुमार राय को कुलपति बनाया गया है.
करीब 3 सप्ताह बाद राजस्थान विश्वविद्यालय को स्थाई कुलपति मिल गया है. राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजस्थान विश्वविद्यालय में कुलपति पद पर नियुक्ति के आदेश जारी किए हैं. विश्वविद्यालय की कुलपति खोजबीन समिति की सिफारिश पर राज्य सरकार से परामर्श के बाद स्थाई कुलपति पद पर नियुक्ति दी गई है. आदेशों के अनुसार राजस्थान विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र विभाग की प्रो अल्पना कटेजा को कुलपति पद पर नियुक्त किया गया है. इनकी नियुक्ति कार्यभार संभालने की तिथि से 3 वर्ष या 70 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक होगी.
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खास बात यह है कि प्रो अल्पना कटेजा राजस्थान विश्वविद्यालय की पहली स्थाई महिला कुलपति हैं. हालांकि उनसे पहले प्रो कांता आहूजा बतौर कार्यवाहक कुलपति राजस्थान विश्वविद्यालय का काम देख चुकी हैं. आपको बता दें कि 9 सितंबर को प्रो राजीव जैन का कार्यकाल पूरा होने पर कुलाधिपति राज्यपाल कलराज मिश्र ने प्रो केएल श्रीवास्तव को राजस्थान विश्वविद्यालय का कार्यवाहक कुलपति बनाया था. लेकिन उनके पास जोधपुर यूनिवर्सिटी का भी दायित्व था.
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ऐसे में 340 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए दो बड़े विश्वविद्यालय की कमान संभालना टेढ़ी खीर साबित हो रहा था. इसके साथ ही राज्यपाल ने सीकर स्थित पं दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय में प्रो अनिल कुमार राय को कुलपति पद पर नियुक्त किया है. प्रो अनिल वर्धा स्थित महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय में मानवीकी और समाजशास्त्र विभाग के अधिष्ठाता रह चुके हैं.
प्रो अल्पना कटेजा ने कुलपति पद पर नियुक्ति को सम्मान का विषय बताते हुए कहा कि ये कितनी बड़ी चुनौती है और उसमें किस तरह से काम करना है, इससे वो पूरी तरह वाकिफ हैं. इस चुनौती को स्वीकार करते हुए कहा कि वो इस विश्वविद्यालय की लंबे समय से हिस्सा रही हैं, इसलिए यहां की चुनौतियां, समस्याओं और संभावनाओं से वाकिफ हैं. यूनिवर्सिटी में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 लागू करना, सिलेबस को रिवाइज करना, सेमेस्टर सिस्टम लागू करना, एग्जाम टाइम पर करवाना प्राथमिकता रहेगी. उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी में रिसर्च की क्वालिटी को इंप्रूव करने के लिए भी एफर्ट करने होंगे. साथ ही यहां तैयार डिजिटल लाइब्रेरी अब तक चालू नहीं हो पाई है. इसमें आने वाली समस्या को सबसे पहले एड्रेस किया जाएगा और शैक्षणिक वातावरण को वाइब्रेंट किया जाएगा.
राजस्थान यूनिवर्सिटी में रिक्त पड़े शिक्षकों के पदों को लेकर प्रो कटेजा ने कहा कि शैक्षणिक वातावरण के लिए सभी स्टेकहोल्डर को साथ में लेकर चलना होगा और लगातार भर्ती होती रहती तो ये समस्या भी नहीं आती. यहां बहुत तेजी से जो पुराने शिक्षक हैं, वो रिटायर होते जा रहे हैं, ऐसे में शिक्षक-विद्यार्थी का अनुपात गड़बड़ा गया है. ऐसे में निश्चित रूप से जल्द भर्ती की जानी चाहिए. ताकि ये अनुपात भी सुधरे और इसका फायदा भी मिले. उन्होंने कहा कि यदि किसी छात्र, छात्रनेता की समस्या वाजिब है, तो आकर बात करें. संवाद के जरिए उन समस्याओं का समाधान भी किया जाएगा. प्राथमिकता रहेगी कि छात्र-छात्राओं को साथ लेकर चलें, ऐसे में उनसे निश्चित रूप से संवाद भी किया जाएगा.