जयपुर. प्रदेश के नए मुखिया भजनलाल शर्मा ने दोपहर 1:05 पर मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1:03 पर मंच पर बैठ चुके थे. लेकिन शपथ ग्रहण के लिए 2 मिनट का इंतजार किया गया. इस इंतजार की एक विशेष वजह भी रही है. जानिए इस रिपोर्ट में...
शुक्रवार को भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ 1:05 पर शपथ ग्रहण की. ज्योतिषाचार्य मनीष भारद्वाज ने बताया कि उस वक्त शुभ का चौघड़िया था. पंचांग के पांच तत्व तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण सभी का संयोजन देखने के बाद ही इस विशिष्ट मुहूर्त को साधा गया. जिस वक्त उन्होंने शपथ ग्रहण की उस वक्त उत्तराषाढ़ा नक्षत्र था. जिसे पद ग्रहण का नक्षत्र माना जाता है. जो व्यक्ति इस दौरान पद ग्रहण या शपथ ग्रहण करता है, वो राजनीतिक परिचय अच्छा देता है. वो व्यक्ति अपने राज्य के विकास को आगे बढ़ाने का काम करता है. उसके फैसले वस्तुस्थिति को समझने वाले और स्थिर निर्णय होते हैं. इसी के साथ उन्होंने वृद्धि योग, ध्रुव योग का भी ध्यान रखा.
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ज्योतिषाचार्य ने बताया कि शुक्रवार को ही सीएम का जन्मदिन भी था. 15 दिसंबर जिसका 6 मूलांक होता है. यही मूलांक शुक्र का होता है और आज शुक्रवार भी है. जो स्थिरता, वैभव, राज्य की प्रगति और उन्नति में सहायक होता है. वहीं भजनलाल शर्मा की राशि धनु राशि है. उस वक्त धनु राशि का ही चंद्रमा था, ऐसे में उन्होंने लगन को भी साधा. लग्नेश और दशमेश का सहयोग भी किया और चूंकि भारतीय जनता पार्टी की राशि भी धनु है. ऐसे में एक अद्भुत संयोग रहा है. ये संयोग स्वयं हुआ या किसी ज्योतिषी विद्वान के द्वारा बताया गया लेकिन ये संयोग प्रदेश की विकास और प्रगति के लिए विशेष रहेगा. राजस्थान में मुख्यमंत्री स्थिरता लाएगा.
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ज्योतिषाचार्य मनीष भारद्वाज ने बताया कि शुक्रवार का दिन वैभव और उन्नति का दिन होता है. मुख्यमंत्री राजस्थान राज्य को उन्नति के पथ पर बढ़ाए, इस मुहूर्त से इन सभी का जुड़ाव हो रहा है. 1:05 पर मीन लग्न भी था. जिसका स्वामी बृहस्पति होता है, जो वक्री होकर बैठे हैं. ऐसे में ये योग धन भाव में वृद्धि भी करेंगे. इसमें मंगल का भी सहयोग रहेगा. वहीं उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री के साथ जो दो उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा बनाए गए हैं.
दीया कुमारी मीन राशि की हैं और मीन लग्न में काम हुआ है. ऐसे में लग्नेश और दशमेश यानी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री मिलकर काम करेंगे. प्रेमचंद बैरवा की बोलते नाम से कन्या राशि है, जो बुद्ध की परिचायक है. ये न सिर्फ वाणी बल्कि व्यापार वृद्धि का भी परिचायक है. जिस वक्त शपथ ग्रहण किया गया, उस वक्त चंद्रमा और बुध दशम भाव में थे. इस वजह से उनके साथ बुद्ध भी जुड़ गया, जिसे अद्भुत संयोग कहा जा सकता है. इससे राजस्थान बहुत प्रगति करेगा.
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ज्योतिषाचार्य पं. मुकेश शास्त्री ने बताया कि दुर्लभ संयोगों में राजस्थान को नए मुख्यमंत्री मिले. शुभ के चौघड़िया मुहूर्त में ली गई ये शपथ बहुत ही शुभ परिणाम देने वाली रहेगी. शनिवार को धनु राशि में सूर्य प्रवेश करेगा और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की राशि भी धनु ही है और सूर्य उन्हीं की राशि में प्रवेश कर रहा है. ऐसे में पद, पावर और प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी. मान सम्मान में भी उन्नति होगी और जीवन का सर्वश्रेष्ठ समय रहेगा. जिसके शुभ परिणाम राजस्थान को भी मिलेंगे. ऐसे में आने वाला समय राजस्थान के लिए स्वर्णिम समय रहेगा. न सिर्फ बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा, बल्कि ये संयोग व्यापारियों के लिए भी स्वर्णिम समय रहेगा.