जयपुर. राजस्थान में मंगलवार से सफाई कर्मचारी न झाड़ू उठाएंगे न कचरा संग्रहण होगा. सफाई कर्मचारियों की भर्ती में वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देने और आरक्षण पद्धति लागू नहीं किए जाने की मांग को लेकर सफाई कर्मचारियों ने हड़ताल का ऐलान किया है. कर्मचारियों की हड़ताल की घोषणा के साथ ही ग्रेटर नगर निगम की महापौर डॉ सौम्या गुर्जर ने आपातकालीन बैठक बुलाते हुए, पार्षदों से भी 2 घंटे श्रमदान करने का आह्वान किया है.
अन्य लोगों से काम कराया जाएः राजधानी में भले ही आईपीएल हो या स्वच्छ सर्वेक्षण की टीम आए. वाल्मीकि समाज से जुड़ा सफाई कर्मचारी अपने अधिकारों के लिए लड़ रहा है. ऐसे में जो अन्य समाज के लोग सफाई कर्मचारियों के पदों पर लगे हुए हैं, उनसे काम कराया जाए. ये कहना है संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया का. सोमवार को ग्रेटर नगर निगम में सफाई कर्मचारियों सामूहिक कार्य बहिष्कार का ऐलान किया. इस संबंध में डंडोरिया ने बताया कि राजधानी जयपुर सहित पूरे राजस्थान के सफाई कर्मचारी और वाल्मीकि समाज का हर वह व्यक्ति जो सफाई का कार्य कर रहा है, वो सभी मंगलवार से कार्य बहिष्कार कर अनिश्चितकालीन अवकाश पर रहेंगे.
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अधिकारी सरकार को गुमराह कर रहे हैंः उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि राज्य सरकार की ओर से जो भर्तियां सफाई कर्मचारियों के पदों पर निकाली गई उसमें आरक्षण पद्धति लागू न हो. स्वायत्त शासन विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति में 30 हजार पदों के बजाय 13 हजार 164 सफाई कर्मचारियों की भर्ती की विज्ञप्ति जारी की गई है. ऐसे में प्रशासन 30 हजार पदों पर भर्ती निकाले और इन भर्तियों में वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता दी जाए. साथ ही 2018 से पहले जिन कर्मचारियों ने बीट, मस्टररोल या संविदा पर सफाई का कार्य किया उन लोगों को नियुक्ति में प्राथमिकता दी जाए. उन्होंने कहा कि प्रशासन ने उनके साथ वादाखिलाफी की है. अधिकारी राज्य सरकार को गुमराह कर रहे हैं. अधिकारी नहीं चाहते कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार दोबारा रिपीट हो. वो चाहते हैं, प्रदेश में कोई दूसरी सरकार आए, ताकि उनकी दुकान चलती रहे.
हड़ताल के चलते शहर में नहीं रहेगी गंदगीः महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर ने बताया कि निगम के तीनों सफाई समितियों के चेयरमैन और पार्षदों से चर्चा की गई है. पार्षदों के साथ विकास समिति, व्यापार मंडल और थड़ी ठेले वालों के सहयोग से सफाई अभियान शुरू किया जाएगा. सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के चलते शहर को गंदा नहीं रहने दिया जाएगा. पार्षद खुद अपने-अपने क्षेत्र में 2 घंटे श्रमदान करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि निगम के स्तर पर सफाई कर्मचारियों की कोई मांग नहीं है, राज्य सरकार से अपील है कि सफाई कर्मचारियों की जो भी जायज मांगे हैं, उनको मानना चाहिए.