जयपुर. भीषण गर्मी के बाद आज मौसम ने करवट बदली. राजधानी में प्री मानसून की पहली बारिश हुई और इस बारिश ने नगर निगम के नालों की सफाई की पोल खोल दी. कुछ देर की बारिश में सड़कें नालों में तब्दील हो गई. हालांकि नगर निगम ने बारिश से पहले होने वाली नालों की सफाई के दावे जरूर किए थे. लेकिन ये दावे आज हवा होते हुए नजर आए. खुद निगम के उपमहापौर ने भी इस पर सवाल खड़े किये.
पहली ही बारिश ने जयपुर के पुराने जख्मों को फिर कुरेद दिया. हर साल की तरह शहर की तमाम सड़कें फिर जलमग्न हो गई. और एक बार फिर नगर निगम के बड़े-बड़े दावे धराशाही हो गए. नालों में भरा कचरा और सीवर की गंदगी जहां तहां सड़कों पर बहती रही. शहर में जगह-जगह खुदी पड़ी सड़कों पर पानी भरने से स्थिति और खराब हो गई. गड्ढों में पानी भरने से सड़कों पर चलना तो दूर वाहन चलाना भी दूभर हो गया. शहर का परकोटा क्षेत्र हो या फिर रिहायशी इलाका सभी जगह सड़कों पर गंदा पानी जमा होता हुआ नजर आया. प्लास्टिक की बोतलें, पॉलिथीन और सूखे पत्तों के जमाव से नाले अवरुद्ध हो गए हैं.
वहीं इस बारिश में जयपुर के हालातों को देखते हुए खुद डिप्टी मेयर मनोज भारद्वाज ने निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि शहर के नाले गंदगी से अटे पड़े हैं. हल्की बारिश में शहर का ये हाल है, जो तेज बारिश में भी नहीं होता था.
बहरहाल, नालों की सफाई को लेकर निगम ने पहले मार्च और फिर मई में डेडलाइन जारी की थी. दावा किया गया था कि शहर के 100 फीसदी नालों की सफाई कर दी गई है. ईटीवी भारत ने भी प्री मानसून से पहले नालों की सफाई की हकीकत जगजाहिर की थी, बावजूद इसके निगम प्रशासन नहीं चेता. यही वजह है कि आज जयपुर की सड़कें खुद नालों में तब्दील होती हुई नजर आई.