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कोरोना को हराना है...देश को जीताना है...इसी जुनून के साथ बिना किसी गम के मैदान में डटे हैं बहादुर कर्मवीर

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Published : Apr 21, 2020, 3:52 PM IST

Updated : Apr 21, 2020, 4:51 PM IST

राजस्थान के टोंक में 17 अप्रैल को एक सनकी भीड़ बेकाबू होकर पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया. इस घटना के बाद डीजीपी भूपेंद्र यादव मौके पर खुद पहुंचे और जायजा लिया. लेकिन कुछ घंटों के बाद ही एक महिला कर्मचारी पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया और फिर पुलिसकर्मियों उम्मादी लोगों ने हमला कर दिया...पढ़ें पूरी रिपोर्ट.

attack on police, पुलिस पर हमला
कर्मवीर योद्धाओं पर हमले.

जयपुर. कर्मवीर, यानि ऐसे योद्धा जो अपने फर्ज के लिए अंतिम सांस तक लड़ते हैं, लोगों की रक्षा करते हैं. करौली में फूल बरसा रहे लोग शायद इस बात को समझते हैं कि कोरोना महामारी से जीत दिलाने वाले असली योद्धा यही हैं. कुछ ऐसी ही दूसरी तस्वीरे मारवाड़ जंक्शन पाली जिले की है और तीसरी तस्वीरें टोंक जिले के निवाई इलाके से हैं. लेकिन टोंक जिले के ही दूसरे इलाके के ये लोग इस बात बिलकुल नहीं समझते. यहां तो कोरोना योद्धाओं पर ही हमला किया जाता है. दौड़ाया जाता है और उनके साथ मारपीट की जाती है.

राजस्थान के टोंक में 17 अप्रैल को एक भीड़ बेकाबू होई. कोरोना के खिलाफ लॉकडाउन का पालन करवाने पुलिस गई तो कसाईबाड़ा के लोगों का नागवार गुजरा. पुलिस की टीम, लोगों से अपने घरों में जाने की अपील ही कर रही थी कि गलियों से हूजुम निकल पड़ा. एक खास वर्ग विशेष के लोगों ने लाठी-सरिया और दूसरे धारदार हथियार से हमला बोल दिया जिसके में कई पुलिसकर्मी गंभीर रुप से घालय हो गए.

कर्मवीर योद्धाओं पर हमले.

डीजीपी की चेतावनी के बाद भी हमले:

पुलिसकर्मियों का का मनोबल बढ़ाने के लिए अगले दिन खुद डीजीपी भूपेन्द्र यादव टोंक पहुंचे, जवानों से मिले, आरोपियों पर के खिलाफ कार्रवाई की बात कही कुछ आरोपी गिरफ्तार भी हुए. लेकिन कुछ घंटों बाद ही बाड़मेर जिला मुख्यालय के पास ही सरकारी कार्यालय की एक महिला पर कुछ महिला और पुरुषों ने जानलेवा हमला किया कर दिया.

  • गरीब लोगों को वितरित की जा रही थी खाद्य सामाग्री
  • कुछ महिला और पुरुषों ने मिलकर किया हमला
  • कुर्सियां तोड़ी, कर्मचारियों के साथ मारपीट की

19 अप्रैल को धौलपुर में पुलिसकर्मियों पर हमला:

इस घटना के अगले ही दिन 19 अप्रैल को धौलपुर में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला जहां लॉकडाउन के पान-गुटखा की दुकानों को बंद कराने पहुंचे पुलिसकर्मियों पर उम्मादी दुकानदारों में हमला कर दिया. हालत ऐसे बने कि कुछ पुलिसकर्मियों वहां से भागकर जान बचाई.

  • लॉकडाउन के दौरान दुकान बंद कराने पहुंचे थे पुलिसकर्मी
  • पान-गुटखा दुकानदारों ने पुलिसकर्मियों पर किया हमला

ये भी पढें: लॉकडाउन की पालना ही देश प्रेम, घरेलू नौकरों पर रियायत नहीं तो लगेगा पापः प्रताप सिंह खाचरियावास

यानि, इस मुश्किल की घड़ी में भी ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो खुद के स्वार्थ और सनकपन की वजह से कोरोना वायरस जैसी महामरी से लड़ने वाले डॉक्टर्स और पुलिसकर्मियों को अपना निशाना बना रहा है. इनकी नाराजगी क्या है, क्या चाहते हैं और क्यों ऐसा कर रहे हैं कोई नहीं जानता लेकिन जो भी वह यानिनन भयवह और खतरनाक है.

खुद की जिंदगी को दांव में लगाकर कोरोना को हराने के लिए कर्मवीर दिन-रात एक कर रहे हैं. जलती धूप और गर्म में जल रहे हैं. अपना फर्ज निभा रहे हैं...ये दोनों तस्वीरें समाज के दो रुपों को दिखाती है. जहां एक तरफ पूरा देश इस मुश्किल के दौर में एक साथ मिलकर लड़ रहा है. इन कोरोना योद्धाओं के उत्साह के लिए फूल बरसा रहा है, तो वहीं कुछ लोग डॉकटर्स, नर्स और पुलिसकर्मियों पर हमला कर समाज की ये घिनौनी तस्वीरों को दिखा रहे हैं.

जयपुर. कर्मवीर, यानि ऐसे योद्धा जो अपने फर्ज के लिए अंतिम सांस तक लड़ते हैं, लोगों की रक्षा करते हैं. करौली में फूल बरसा रहे लोग शायद इस बात को समझते हैं कि कोरोना महामारी से जीत दिलाने वाले असली योद्धा यही हैं. कुछ ऐसी ही दूसरी तस्वीरे मारवाड़ जंक्शन पाली जिले की है और तीसरी तस्वीरें टोंक जिले के निवाई इलाके से हैं. लेकिन टोंक जिले के ही दूसरे इलाके के ये लोग इस बात बिलकुल नहीं समझते. यहां तो कोरोना योद्धाओं पर ही हमला किया जाता है. दौड़ाया जाता है और उनके साथ मारपीट की जाती है.

राजस्थान के टोंक में 17 अप्रैल को एक भीड़ बेकाबू होई. कोरोना के खिलाफ लॉकडाउन का पालन करवाने पुलिस गई तो कसाईबाड़ा के लोगों का नागवार गुजरा. पुलिस की टीम, लोगों से अपने घरों में जाने की अपील ही कर रही थी कि गलियों से हूजुम निकल पड़ा. एक खास वर्ग विशेष के लोगों ने लाठी-सरिया और दूसरे धारदार हथियार से हमला बोल दिया जिसके में कई पुलिसकर्मी गंभीर रुप से घालय हो गए.

कर्मवीर योद्धाओं पर हमले.

डीजीपी की चेतावनी के बाद भी हमले:

पुलिसकर्मियों का का मनोबल बढ़ाने के लिए अगले दिन खुद डीजीपी भूपेन्द्र यादव टोंक पहुंचे, जवानों से मिले, आरोपियों पर के खिलाफ कार्रवाई की बात कही कुछ आरोपी गिरफ्तार भी हुए. लेकिन कुछ घंटों बाद ही बाड़मेर जिला मुख्यालय के पास ही सरकारी कार्यालय की एक महिला पर कुछ महिला और पुरुषों ने जानलेवा हमला किया कर दिया.

  • गरीब लोगों को वितरित की जा रही थी खाद्य सामाग्री
  • कुछ महिला और पुरुषों ने मिलकर किया हमला
  • कुर्सियां तोड़ी, कर्मचारियों के साथ मारपीट की

19 अप्रैल को धौलपुर में पुलिसकर्मियों पर हमला:

इस घटना के अगले ही दिन 19 अप्रैल को धौलपुर में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला जहां लॉकडाउन के पान-गुटखा की दुकानों को बंद कराने पहुंचे पुलिसकर्मियों पर उम्मादी दुकानदारों में हमला कर दिया. हालत ऐसे बने कि कुछ पुलिसकर्मियों वहां से भागकर जान बचाई.

  • लॉकडाउन के दौरान दुकान बंद कराने पहुंचे थे पुलिसकर्मी
  • पान-गुटखा दुकानदारों ने पुलिसकर्मियों पर किया हमला

ये भी पढें: लॉकडाउन की पालना ही देश प्रेम, घरेलू नौकरों पर रियायत नहीं तो लगेगा पापः प्रताप सिंह खाचरियावास

यानि, इस मुश्किल की घड़ी में भी ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो खुद के स्वार्थ और सनकपन की वजह से कोरोना वायरस जैसी महामरी से लड़ने वाले डॉक्टर्स और पुलिसकर्मियों को अपना निशाना बना रहा है. इनकी नाराजगी क्या है, क्या चाहते हैं और क्यों ऐसा कर रहे हैं कोई नहीं जानता लेकिन जो भी वह यानिनन भयवह और खतरनाक है.

खुद की जिंदगी को दांव में लगाकर कोरोना को हराने के लिए कर्मवीर दिन-रात एक कर रहे हैं. जलती धूप और गर्म में जल रहे हैं. अपना फर्ज निभा रहे हैं...ये दोनों तस्वीरें समाज के दो रुपों को दिखाती है. जहां एक तरफ पूरा देश इस मुश्किल के दौर में एक साथ मिलकर लड़ रहा है. इन कोरोना योद्धाओं के उत्साह के लिए फूल बरसा रहा है, तो वहीं कुछ लोग डॉकटर्स, नर्स और पुलिसकर्मियों पर हमला कर समाज की ये घिनौनी तस्वीरों को दिखा रहे हैं.

Last Updated : Apr 21, 2020, 4:51 PM IST
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